चेन्नई : तमिलनाडु में मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक (AIADMK) ने द्रमुक सरकार (DMK Government) को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (The National Eligibility cum Entrance Test/NEET) निरस्त करने और मेकेदातु बांध के निर्माण को रोकने के लिए कदम उठाने समेत उसके चुनावी वादों की याद दिलाने के लिए 28 जुलाई को राज्यव्यापी प्रदर्शन करने की शुक्रवार को घोषणा की.
अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेता के. पलानीस्वामी और ओ पन्नीरसेल्वम ने एक बयान में कहा, 'द्रमुक ने वादा किया कि वे अकेले नीट को रद्द कराने का फॉर्मूला जानते हैं' परीक्षा को रद्द कराने का वादा करने के बाद फिर छात्रों को इसकी तैयारी करने के लिए कहना एक बड़ा 'धोखा' है.
अन्नाद्रमुक ने आरोप लगाया कि आवश्यक सामान और निर्माण सामग्री के दाम बढ़ गए हैं क्योंकि द्रमुक सरकार 'अर्थशास्त्र नहीं समझती और लोगों के दुखों से अनजान है' पलानीस्वामी और पनीरसेल्वम ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती, रसोई गैस सिलेंडरों के लिए 100 रुपये की सब्सिडी और किसानों को आश्वासन देने जैसे द्रमुक के कई वादों की याद दिलाते हुए कहा कि सरकार ने अपना कोई वादा पूरा नहीं किया है'
उन्होंने कहा कि द्रमुक सरकार को सर्तक रहना चाहिए और 'कम से कम अब तो' दृढ़ता से काम करना चाहिए जब कर्नाटक सरकार मेकेदातु पर एक बांध बनाने की कोशिश कर रही है' उन्होंने कहा कि अगर यह बांध बन गया तो तमिलनाडु को कावेरी नदी का एक बूंद पानी भी नहीं मिलेगा'
अन्नाद्रमुक ने मांग की कि द्रमुक सरकार बांध के प्रस्तावित निर्माण को रोकने के लिए कार्रवाई करें क्योंकि यह बांध 'बहुत बड़ा खतरा और अन्याय' है'
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उसने कहा कि इन सभी मुद्दों की ओर राज्य सरकार का ध्यान दिलाने के लिए 28 जुलाई को कोविड-19 दिशा निर्देशों का पालन करते हुए प्रदर्शन किए जाएंगे. पार्टी कार्यकर्ता अपने आवास के सामने भी प्रदर्शन कर सकते हैं.
(पीटीआई-भाषा)