हैदराबाद: सोना और चांदी ऐसी कीमती मेटल हैं, जो भारतीयों के साथ हमेशा से जुड़ी हुई हैं. इन्वेस्टमेंट के लिहाज से भी सोना और चांदी लोगों को सबसे अधिक आकर्षित करते हैं. यही कारण है कि गोल्ड ईटीएफ लॉन्च होने के बाद से लोकप्रियता हासिल कर रहा है. वे आपको सीधे सोना खरीदे बिना ईटीएफ में निवेश करने की अनुमति देते हैं. अब, बाजार सिल्वर ईटीएफ (Silver Exchange Traded Funds) से गुलजार है.
सिल्वर ईटीएफ फंड (Silver ETF Fund) : नई टेक्नॉलजी 5जी, इलेक्ट्रिक वाहनों और ग्रीन एनर्जी में चांदी का इस्तेमाल बढ़ रहा है. इसका कारण यह है कि मेटल इलेक्ट्रिसिटी का बेहतर कंडक्टर होती है. ऐसे में भविष्य में चांदी की मांग बढ़ने की संभावना है. बाजार नियामक सेबी ने निवेशकों को प्रोत्साहित करने और छोटे निवेशकों के लिए अवसर प्रदान करने का निर्णय लिया है.
इसके लिए, इसने सितंबर 2021 में सिल्वर अप्रूव्ड ईटीएफ (silver approved ETFs) के लिए मंजूरी दी. नवंबर में सेबी ने सिल्वर ईटीएफ में निवेश के लिए तौर-तरीकों की घोषणा की. इसी के तहत कई फंड कंपनियां नए साल में सिल्वर ईटीएफ लॉन्च करने की तैयारी में हैं. इसके तहत पहला फंड आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड से आईसीआईसीआई सिल्वर ईटीएफ नाम से उपलब्ध कराया गया था. आप इसमें कम से कम 100 रुपये का निवेश कर सकते हैं .
इसके अलावा, सिल्वर ईटीएफ के लिए चांदी और सिल्वर से संबंधित स्कीम में 95% तक निवेश कर सकते हैं. इसके तहत 99.9% गुणवत्ता के साथ 30 किलो चांदी की छड़ें खरीदने की अनुमति है. शर्त यह है कि सिल्वर की क्वॉलिटी लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन के गुणवत्ता मानकों को पूरा करती हो. सेबी ने पारदर्शिता के लिए इसे अनिवार्य कर दिया है. नियमों के अनुसार, फंड कंपनियों को नियमित रूप से सिल्वर ईटीएफ कस्टोडियन द्वारा रखे गए इन चांदी के स्टॉक की जांच करनी होगी. जबकि म्यूचुअल फंड के ऑडिटर को हर छह महीने में फंड ट्रस्टियों को अपनी रिपोर्ट देनी होती है.
चांदी में अभी तक निवेश मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) के जरिए ही मुमकिन हुआ है. लेकिन यह फ्यूचर्स निवेश के नजरिये इसमें इन्वेस्टमेंट सभी के लिए संभव नहीं है. इसके निवेशकों को बहुत खरीद-बिक्री के मामले में स्किल्ड होना जरूरी है. सिल्वर ईटीएफ की खासियत यह है कि आप इसमें 100 रुपये तक का निवेश भी कर सकते हैं. इसके लिए आपको सिल्वर खरीदने की जरूरत भी नहीं होती है. जब आप सिल्वर ईटीएफ के जरिए खरीदारी करते हैं तो उतनी रकम की चांदी इलेक्ट्रॉनिक रूप से जमा हो जाता है. फिर आप इसे अपनी मर्जी और जरूरत के हिसाब से खरीद-बेच सकते हैं. आमतौर पर सिल्वर की कीमत क्षेत्र के आधार पर अलग-अलग होती है, लेकिन ईटीएफ में इसकी कीमत एक समान होती है.
रेग्युलर म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए डीमैट खाते की आवश्यकता नहीं होती है. बता दें कि ईटीएफ में लेन-देन के लिए डीमैट और ट्रेडिंग खातों की आवश्यकता होती है. एक्सपर्ट बताते हैं कि जल्द ही फंड कंपनियां सिल्वर फंड ऑफ फंड्स भी जारी करेंगी ताकि लोग बिना डीमैट खाते के सिल्वर ईटीएफ में निवेश कर सकें.
आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में 79,816 करोड़ रुपये की चांदी का इस्तेमाल इंडस्ट्री सेक्टर में किया गया. इसी तरह, लोगों ने 34,985 करोड़ रुपये की चांदी आभूषण के लिए खरीदे. साथ ही 38,711 करोड़ रुपये की चांदी निवेश के उद्देश्य से खरीदी गई .एक बात याद रखें कि चांदी में उतार-चढ़ाव ज्यादा रहने की संभावना होती है. लंबे समय में रिटर्न क्या होगा, इसका उचित विश्लेषण अभी उपलब्ध नहीं है. अगर आप सिल्वर ईटीएप में निवेश करना चाहते हैं, तो विशेषज्ञ से भी राय लें. वह आपको सही कीमत पर खरीदारी करने और सही समय पर बेचने के बारे में जानकारी देंगे. एक बात और ध्यान रखें कि आप अपने कुल निवेश का पांच फीसदी से ज्यादा सिल्वर ईटीएफ में निवेश नहीं करें.
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