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असम में कायम रहेगा आफस्पा, शांति कायम रहने पर लिया जाएगा वापस : हिमंत

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Published : Dec 20, 2021, 10:45 PM IST

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ( Himanta Biswa Sarma) का कहना है कि आफस्पा वापस लेने का निर्णय तभी लिया जाएगा जब मौजूदा शांति लंबे समय तक बनी रहे. सरमा का बयान नगालैंड विधानसभा में आफस्पा हटाने मांग संबंधी प्रस्ताव पारित होने के बाद आया है.

Himanta Biswa Sarma (file photo)
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (फाइल फोटो)

गुवाहाटी : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को कहा कि राज्य सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, 1958 के दायरे में बना रहेगा और इसे वापस लेने का निर्णय तभी लिया जाएगा जब मौजूदा शांति लंबे समय तक बनी रहे.

उन्होंने आशंका व्यक्त की कि अगर असम से आफस्पा हटा लिया जाता है तो उग्रवादी समूह उसी के अनुरूप प्रतिक्रिया नहीं देंगे. सरमा ने हालांकि कहा कि अगर कानून-व्यवस्था की स्थिति शांतिपूर्ण और अनुकूल हो तो कोई भी राज्य सरकार आफस्पा को जारी नहीं रखना चाहती है.

सरमा ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'असम सरकार का मानना है कि अगर बाद में भी इस तरह की शांतिपूर्ण स्थिति बनी रहती है तो हम फैसला कर पाएंगे कि क्या हमें पूरे असम में आफस्पा की जरूरत है या सिर्फ कुछ हिस्सों में इसकी जरूरत है.' उन्होंने अरुणाचल प्रदेश का उदाहरण दिया, जिसने तीन जिलों को छोड़कर राज्य के कई हिस्सों से केंद्रीय गृह मंत्रालय के परामर्श से अधिनियम को वापस लेने का फैसला किया.

उन्होंने कहा, 'आफस्पा हो या नहीं यह सरकार तय नहीं कर सकती. यह राज्य की समग्र स्थिति, कानून और व्यवस्था की स्थिति पर निर्भर होगा. अब मान लीजिए कि मैं पीछे हट जाता हूं, तो क्या उग्रवादी संगठनों द्वारा इसी के अनुरूप बर्ताव किया जाएगा?'

सरमा ने कहा, 'अगर वे पीछे नहीं हटते हैं और हम इसे हटाते हैं, तो सेना कोई भी अभियान नहीं चला पाएगी, जिसका अर्थ है कि आप अराजकता को आमंत्रित कर रहे हैं. इसलिए मुझे लगता है कि आफस्पा की वापसी राज्य की शांति और स्थिरता से जुड़ी है.'

पढ़ें- नगालैंड विधानसभा ने AFSPA हटाने की मांग वाला प्रस्ताव पारित किया

यह बताते हुए कि कानून-व्यवस्था की स्थिति शांतिपूर्ण और अनुकूल होने पर कोई भी राज्य सरकार आफस्पा जारी नहीं रखना चाहेगी, उन्होंने कहा, 'मैं यह केवल अपने राज्य के संदर्भ में कह रहा हूं न कि नगालैंड के लिए क्योंकि मेरे पास ऐसा करने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है. नगालैंड पर मेरा कोई आकलन नहीं है. मैं उस राज्य की स्थिति पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता.'

नगालैंड विधानसभा ने सोमवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें केंद्र से पूर्वोत्तर और विशेष रूप से राज्य से आफस्पा को हटाने की मांग की गई, ताकि नगा राजनीतिक मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए चल रहे प्रयासों को मजबूत किया जा सके.

(पीटीआई-भाषा)

गुवाहाटी : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को कहा कि राज्य सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, 1958 के दायरे में बना रहेगा और इसे वापस लेने का निर्णय तभी लिया जाएगा जब मौजूदा शांति लंबे समय तक बनी रहे.

उन्होंने आशंका व्यक्त की कि अगर असम से आफस्पा हटा लिया जाता है तो उग्रवादी समूह उसी के अनुरूप प्रतिक्रिया नहीं देंगे. सरमा ने हालांकि कहा कि अगर कानून-व्यवस्था की स्थिति शांतिपूर्ण और अनुकूल हो तो कोई भी राज्य सरकार आफस्पा को जारी नहीं रखना चाहती है.

सरमा ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'असम सरकार का मानना है कि अगर बाद में भी इस तरह की शांतिपूर्ण स्थिति बनी रहती है तो हम फैसला कर पाएंगे कि क्या हमें पूरे असम में आफस्पा की जरूरत है या सिर्फ कुछ हिस्सों में इसकी जरूरत है.' उन्होंने अरुणाचल प्रदेश का उदाहरण दिया, जिसने तीन जिलों को छोड़कर राज्य के कई हिस्सों से केंद्रीय गृह मंत्रालय के परामर्श से अधिनियम को वापस लेने का फैसला किया.

उन्होंने कहा, 'आफस्पा हो या नहीं यह सरकार तय नहीं कर सकती. यह राज्य की समग्र स्थिति, कानून और व्यवस्था की स्थिति पर निर्भर होगा. अब मान लीजिए कि मैं पीछे हट जाता हूं, तो क्या उग्रवादी संगठनों द्वारा इसी के अनुरूप बर्ताव किया जाएगा?'

सरमा ने कहा, 'अगर वे पीछे नहीं हटते हैं और हम इसे हटाते हैं, तो सेना कोई भी अभियान नहीं चला पाएगी, जिसका अर्थ है कि आप अराजकता को आमंत्रित कर रहे हैं. इसलिए मुझे लगता है कि आफस्पा की वापसी राज्य की शांति और स्थिरता से जुड़ी है.'

पढ़ें- नगालैंड विधानसभा ने AFSPA हटाने की मांग वाला प्रस्ताव पारित किया

यह बताते हुए कि कानून-व्यवस्था की स्थिति शांतिपूर्ण और अनुकूल होने पर कोई भी राज्य सरकार आफस्पा जारी नहीं रखना चाहेगी, उन्होंने कहा, 'मैं यह केवल अपने राज्य के संदर्भ में कह रहा हूं न कि नगालैंड के लिए क्योंकि मेरे पास ऐसा करने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है. नगालैंड पर मेरा कोई आकलन नहीं है. मैं उस राज्य की स्थिति पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता.'

नगालैंड विधानसभा ने सोमवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें केंद्र से पूर्वोत्तर और विशेष रूप से राज्य से आफस्पा को हटाने की मांग की गई, ताकि नगा राजनीतिक मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए चल रहे प्रयासों को मजबूत किया जा सके.

(पीटीआई-भाषा)

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