ETV Bharat / bharat

अफगानिस्तान में तालिबान सरकार : मुल्ला हसन प्रधानमंत्री, मुल्ला बरादर डिप्टी पीएम - मुल्ला बरादर उप प्रमुख

अफगानिस्तान में तालिबान की नई सरकार कैसी होगी, इस पर दुनियाभर की नजरें हैं. ताजा घटनाक्रम में मुल्ला हसन अखुंद को प्रधानमंत्री बनाया गया है. मुल्ला याकूब अफगानिस्तान के नए रक्षा मंत्री होंगे. मुल्ला बरादर को उप प्रधानमंत्री (डिप्टी पीएम) बनाया गया है. इससे पहले भी मुल्ला बरादर के सरकार के उप प्रमुख बनाए जाने संबंधी रिपोर्ट सामने आई थी. इससे पहले एक अखबार ने कहा था कि तालिबान के संस्थापक मुल्ला मोहम्मद उमर के बेटे मुल्ला याकूब नए रक्षा मंत्री होंगे.

मुल्ला हसन तालिबान सरकार के प्रमुख
मुल्ला हसन तालिबान सरकार के प्रमुख
author img

By

Published : Sep 7, 2021, 5:25 PM IST

Updated : Sep 7, 2021, 9:02 PM IST

काबुल / पेशावर : अफगानिस्तान में तालिबान की अंतरिम सरकार का एलान हो गया है. इसके मुताबिक मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद प्रधानमंत्री होंगे. मुल्ला बरादर को उप प्रधानमंत्री बनाया गया है. मुल्ला याकूब को कार्यवाहक रक्षा मंत्री बनाया गया है,जबकि सेराजुद्दीन हक्कानी को कार्यवाहक आंतरिक मंत्री बनाया गया है. इनके अलावा शेर अब्बास स्टेनकजई उप विदेश मंत्री होंगे. जबीउल्ला मुजाहिद उप सूचना मंत्री का पद संभालेंगे.

तालिबान सरकार के मंत्री और उनके पद
राज्य के प्रमुख : मुल्ला हसन अखुंदी
उप प्रधानमंत्री : मुल्ला बरादरी
उप प्रधानमंत्री : मौलवी हन्नाफी
कार्यवाहक रक्षा मंत्री: मुल्ला याकूब
कार्यवाहक आंतरिक मंत्री: सेराजुद्दीन हक्कानी
ग्रामीण पुनर्वास और विकास के कार्यवाहक मंत्री : मुल्ला मोहम्मद यूनुस अखुंदजादा
कार्यवाहक लोक कार्य मंत्री: मुल्ला अब्दुल मनन ओमारी
खद्यान और पेट्रोलियम के कार्यवाहक मंत्री: मुल्ला मोहम्मद ईसा अखुंदी
कार्यवाहक अर्थव्यवस्था मंत्री: कारी दीन हनीफ
हज और धार्मिक मामलों के कार्यवाहक मंत्री: मावलवी नूर मोहम्मद साकिबी
कार्यवाहक न्याय मंत्री: मौलवी अब्दुल हकीम शरी
सीमा और जनजातीय मामलों के कार्यवाहक मंत्री: मुल्ला नूरुल्ला नूरी
कार्यवाहक विदेश मंत्री: आमिर खान मुत्तकी
कार्यवाहक वित्त मंत्री: मुल्ला हेदयातुल्लाह बद्री
कार्यवाहक शिक्षा मंत्री: शेख मौलवी नूरुल्लाह
कार्यवाहक सूचना और संस्कृति मंत्री: मुल्ला खैरुल्लाह खैरखाही

इससे पहले एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि तालिबान की निर्णय लेने वाली शक्तिशाली इकाई 'रहबरी शूरा' के प्रमुख मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को समूह के शीर्ष नेता मुल्ला हेबतुल्लाह अखुंदजादा ने अफगानिस्तान के नए प्रमुख के रूप में नामित किया है. पाकिस्तानी मीडिया की एक खबर में यह दावा किया गया है.

अखबार 'द न्यूज इंटरनेशनल' ने कई स्रोतों का हवाला देते हुए बताया है कि दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के अध्यक्ष मुल्ला अब्दुल गनी बरादर और मुल्ला अब्दुस सलाम तालिबान की नयी सरकार में मुल्ला हसन के उप प्रमुख के रूप में काम करेंगे, जिसकी घोषणा अगले सप्ताह होने की संभावना है.

मुल्ला बरादर
मुल्ला बरादर

मुल्ला हसन वर्तमान में तालिबान की निर्णय लेने वाली शक्तिशाली इकाई 'रहबरी शूरा' या नेतृत्व परिषद के प्रमुख हैं, जो शीर्ष नेता के अनुमोदन के अधीन समूह के सभी मामलों पर सरकारी मंत्रिमंडल की तरह कार्य करता है. अखबार ने कहा है कि मुल्ला हेबतुल्लाह ने खुद सरकार का नेतृत्व करने के लिए मुल्ला हसन के नाम का प्रस्ताव रखा. साथ ही कहा गया है कि सरकार के गठन के संबंध में तालिबान के संगठन के अंदरूनी मुद्दों को सुलझा लिया गया है.

यह भी पढ़ें- अफगानिस्तान : मुल्ला बरादर होगा नई सरकार का मुखिया, ईरान की तर्ज पर पूरी व्यवस्था

अखबार के अनुसार मुल्ला हसन तालिबान के शुरुआती स्थल कंधार से ताल्लुक रखते हैं और सशस्त्र आंदोलन के संस्थापकों में से हैं. उन्होंने 'रहबरी शूरा' के प्रमुख के रूप में 20 साल तक काम किया और मुल्ला हेबतुल्लाह के करीब माने जाते हैं. उन्होंने 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान की पिछली सरकार के दौरान विदेश मंत्री और उप प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया था.

बता दें कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर चले जाने के बाद रविवार को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया. इसके बाद से वहां अफरा-तफरी का माहौल है. अफगानिस्तान-तालिबान संकट (Afghan Taliban Crisis) के बीच एक अहम घटनाक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 17 अगस्त को सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक की.

यह भी पढ़ें- अफगानिस्तान संकट पर पीएम मोदी का बड़ा बयान, हिंदुओं-सिखों को देंगे शरण

प्रधानमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर हुई इस अहम बैठक के बाद अधिकारियों को यह निर्देश दिए. इसी बीच सूत्रों ने कहा है कि भारत इंतजार करेगा और देखेगा कि सरकार का गठन कितना समावेशी होगा और तालिबान कैसे आचरण करेगा. सूत्रों के मुताबिक तालिबान ने कश्मीर पर भी अपना रुख स्पष्ट किया है. इसके मुताबिक तालिबान कश्मीर को एक द्विपक्षीय, आंतरिक मुद्दा मानता है. पीएम ने कहा कि हिंदुओं और सिखों को देंगे शरण.

अफगानिस्तान-तालिबान से जुड़ी अन्य खबरें-

  1. फेसबुक ने तालिबान का समर्थन करने वाली सामग्री प्रतिबंधित की: रिपोर्ट
  2. अफगानिस्तान में फंसे 114 भारतीयों ने मोदी सरकार से मांगी मदद, जारी किया वीडियो
  3. आतंकवादी समूहों द्वारा न हो अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल : टीएस तिरुमूर्ति
  4. अफगानिस्तान : जान बचाने के लिए विमान के चक्के से लटके लोग
  5. अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी नकदी से भरे हेलीकॉप्टर में काबुल से भागे : मीडिया रिपोर्ट

इसके बाद काबुल में भारतीय राजदूत एवं दूतावास के कर्मियों समेत 120 लोगों को लेकर भारतीय वायुसेना का एक विमान मंगलवार को अफगानिस्तान से भारत पहुंचा था. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत सभी भारतीयों की अफगानिस्तान से सकुशल वापसी को लेकर प्रतिबद्ध है और काबुल हवाईअड्डे से वाणिज्यिक उड़ानों की बहाली होते ही वहां फंसे अन्य भारतीयों को स्वदेश लाने का प्रबंध किया जाएगा.

यह भी पढ़ें- तालिबान ने 'आम माफी' का एलान किया, सरकार में शामिल होने की महिलाओं से अपील

काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान ने लचीला रुख अपनाते हुए पूरे अफगानिस्तान में 'आम माफी' की घोषणा की और महिलाओं से उसकी सरकार में शामिल होने का आह्वान किया. इसके साथ ही तालिबान ने लोगों की आशंका दूर करने की कोशिश है, जो एक दिन पहले उसके शासन से बचने के लिए काबुल छोड़कर भागने की कोशिश करते दिखे थे और जिसकी वजह से हवाई अड्डे पर अफरा-तफरी का माहौल पैदा होने के बाद कई लोग मारे गए थे.

अफगानिस्तान-तालिबान संकट को समझने के लिए पढ़ें ये खबरें

  1. जानिए कौन हैं तालिबान लड़ाकों के आका, कैसे अरबों डॉलर कमाते हैं तालिबानी
  2. अफगान पर तालिबान का कब्जा, जानिए तालिबान कौन हैं और क्या है इसका मतलब
  3. मुल्ला बरादर : जिसने लिखी फतह की इबारत, क्या मिलेगी उसे अफगानिस्तान की जिम्मेदारी ?
  4. Afghan-Taliban crisis : भारत के अरबों डॉलर के निवेश पर संकट, व्यापार पर भी असर
  5. रेड यूनिट की बदौलत अफगानिस्तान में काबिज हुआ तालिबान, जानिए कब तैयार किए लड़ाके
  6. अफगानिस्तान में तालिबान 2.0 को मान्यता क्यों देगा भारत, क्या सेटिंमेंटस पर भारी पड़ेगी कूटनीति ?
  7. अफगानिस्तान में तालिबान पर चीन मेहरबान, जानें इस दोस्ती का मकसद क्या है ?

गौरतलब है कि भारत ने 2001 के बाद से अफगानिस्तान में पुनर्निर्माण में करीब 3 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है. संसद भवन, सलमा बांध और जरांज-देलाराम हाईवे प्रोजेक्ट में भारी निवेश किया है. इनके अलावा भारत-ईरान के चाबहार बंदरगाह के विकास का काम कर रहा है. भारत को ईरान के रणनीतिक चाबहार के शाहिद बेहेश्टी क्षेत्र में पांच बर्थ के साथ दो टर्मिनल का निर्माण करना था, जो एक पारगमन गलियारे का हिस्सा होता. यह भारतीय व्यापार की पहुंच को अफगानिस्तान, मध्य एशिया और रूस तक पहुंच प्रदान करता. इस परियोजना में दो टर्मिनल, 600-मीटर कार्गो टर्मिनल और 640-मीटर कंटेनर टर्मिनल शामिल थे. इसके अलावा 628 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का निर्माण होना था, जो चाबहार को अफगानिस्तान सीमावर्ती शहर जाहेदान से जोड़ती. जानकारों का मानना है कि भारत ने चीन के चाबहार के जवाब में ग्वादर प्रोजेक्ट में निवेश किया था. अब तालिबान के राज में इसके पूरा होने पर संशय है.

(पीटीआई-भाषा)

काबुल / पेशावर : अफगानिस्तान में तालिबान की अंतरिम सरकार का एलान हो गया है. इसके मुताबिक मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद प्रधानमंत्री होंगे. मुल्ला बरादर को उप प्रधानमंत्री बनाया गया है. मुल्ला याकूब को कार्यवाहक रक्षा मंत्री बनाया गया है,जबकि सेराजुद्दीन हक्कानी को कार्यवाहक आंतरिक मंत्री बनाया गया है. इनके अलावा शेर अब्बास स्टेनकजई उप विदेश मंत्री होंगे. जबीउल्ला मुजाहिद उप सूचना मंत्री का पद संभालेंगे.

तालिबान सरकार के मंत्री और उनके पद
राज्य के प्रमुख : मुल्ला हसन अखुंदी
उप प्रधानमंत्री : मुल्ला बरादरी
उप प्रधानमंत्री : मौलवी हन्नाफी
कार्यवाहक रक्षा मंत्री: मुल्ला याकूब
कार्यवाहक आंतरिक मंत्री: सेराजुद्दीन हक्कानी
ग्रामीण पुनर्वास और विकास के कार्यवाहक मंत्री : मुल्ला मोहम्मद यूनुस अखुंदजादा
कार्यवाहक लोक कार्य मंत्री: मुल्ला अब्दुल मनन ओमारी
खद्यान और पेट्रोलियम के कार्यवाहक मंत्री: मुल्ला मोहम्मद ईसा अखुंदी
कार्यवाहक अर्थव्यवस्था मंत्री: कारी दीन हनीफ
हज और धार्मिक मामलों के कार्यवाहक मंत्री: मावलवी नूर मोहम्मद साकिबी
कार्यवाहक न्याय मंत्री: मौलवी अब्दुल हकीम शरी
सीमा और जनजातीय मामलों के कार्यवाहक मंत्री: मुल्ला नूरुल्ला नूरी
कार्यवाहक विदेश मंत्री: आमिर खान मुत्तकी
कार्यवाहक वित्त मंत्री: मुल्ला हेदयातुल्लाह बद्री
कार्यवाहक शिक्षा मंत्री: शेख मौलवी नूरुल्लाह
कार्यवाहक सूचना और संस्कृति मंत्री: मुल्ला खैरुल्लाह खैरखाही

इससे पहले एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि तालिबान की निर्णय लेने वाली शक्तिशाली इकाई 'रहबरी शूरा' के प्रमुख मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को समूह के शीर्ष नेता मुल्ला हेबतुल्लाह अखुंदजादा ने अफगानिस्तान के नए प्रमुख के रूप में नामित किया है. पाकिस्तानी मीडिया की एक खबर में यह दावा किया गया है.

अखबार 'द न्यूज इंटरनेशनल' ने कई स्रोतों का हवाला देते हुए बताया है कि दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के अध्यक्ष मुल्ला अब्दुल गनी बरादर और मुल्ला अब्दुस सलाम तालिबान की नयी सरकार में मुल्ला हसन के उप प्रमुख के रूप में काम करेंगे, जिसकी घोषणा अगले सप्ताह होने की संभावना है.

मुल्ला बरादर
मुल्ला बरादर

मुल्ला हसन वर्तमान में तालिबान की निर्णय लेने वाली शक्तिशाली इकाई 'रहबरी शूरा' या नेतृत्व परिषद के प्रमुख हैं, जो शीर्ष नेता के अनुमोदन के अधीन समूह के सभी मामलों पर सरकारी मंत्रिमंडल की तरह कार्य करता है. अखबार ने कहा है कि मुल्ला हेबतुल्लाह ने खुद सरकार का नेतृत्व करने के लिए मुल्ला हसन के नाम का प्रस्ताव रखा. साथ ही कहा गया है कि सरकार के गठन के संबंध में तालिबान के संगठन के अंदरूनी मुद्दों को सुलझा लिया गया है.

यह भी पढ़ें- अफगानिस्तान : मुल्ला बरादर होगा नई सरकार का मुखिया, ईरान की तर्ज पर पूरी व्यवस्था

अखबार के अनुसार मुल्ला हसन तालिबान के शुरुआती स्थल कंधार से ताल्लुक रखते हैं और सशस्त्र आंदोलन के संस्थापकों में से हैं. उन्होंने 'रहबरी शूरा' के प्रमुख के रूप में 20 साल तक काम किया और मुल्ला हेबतुल्लाह के करीब माने जाते हैं. उन्होंने 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान की पिछली सरकार के दौरान विदेश मंत्री और उप प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया था.

बता दें कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर चले जाने के बाद रविवार को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया. इसके बाद से वहां अफरा-तफरी का माहौल है. अफगानिस्तान-तालिबान संकट (Afghan Taliban Crisis) के बीच एक अहम घटनाक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 17 अगस्त को सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक की.

यह भी पढ़ें- अफगानिस्तान संकट पर पीएम मोदी का बड़ा बयान, हिंदुओं-सिखों को देंगे शरण

प्रधानमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर हुई इस अहम बैठक के बाद अधिकारियों को यह निर्देश दिए. इसी बीच सूत्रों ने कहा है कि भारत इंतजार करेगा और देखेगा कि सरकार का गठन कितना समावेशी होगा और तालिबान कैसे आचरण करेगा. सूत्रों के मुताबिक तालिबान ने कश्मीर पर भी अपना रुख स्पष्ट किया है. इसके मुताबिक तालिबान कश्मीर को एक द्विपक्षीय, आंतरिक मुद्दा मानता है. पीएम ने कहा कि हिंदुओं और सिखों को देंगे शरण.

अफगानिस्तान-तालिबान से जुड़ी अन्य खबरें-

  1. फेसबुक ने तालिबान का समर्थन करने वाली सामग्री प्रतिबंधित की: रिपोर्ट
  2. अफगानिस्तान में फंसे 114 भारतीयों ने मोदी सरकार से मांगी मदद, जारी किया वीडियो
  3. आतंकवादी समूहों द्वारा न हो अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल : टीएस तिरुमूर्ति
  4. अफगानिस्तान : जान बचाने के लिए विमान के चक्के से लटके लोग
  5. अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी नकदी से भरे हेलीकॉप्टर में काबुल से भागे : मीडिया रिपोर्ट

इसके बाद काबुल में भारतीय राजदूत एवं दूतावास के कर्मियों समेत 120 लोगों को लेकर भारतीय वायुसेना का एक विमान मंगलवार को अफगानिस्तान से भारत पहुंचा था. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत सभी भारतीयों की अफगानिस्तान से सकुशल वापसी को लेकर प्रतिबद्ध है और काबुल हवाईअड्डे से वाणिज्यिक उड़ानों की बहाली होते ही वहां फंसे अन्य भारतीयों को स्वदेश लाने का प्रबंध किया जाएगा.

यह भी पढ़ें- तालिबान ने 'आम माफी' का एलान किया, सरकार में शामिल होने की महिलाओं से अपील

काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान ने लचीला रुख अपनाते हुए पूरे अफगानिस्तान में 'आम माफी' की घोषणा की और महिलाओं से उसकी सरकार में शामिल होने का आह्वान किया. इसके साथ ही तालिबान ने लोगों की आशंका दूर करने की कोशिश है, जो एक दिन पहले उसके शासन से बचने के लिए काबुल छोड़कर भागने की कोशिश करते दिखे थे और जिसकी वजह से हवाई अड्डे पर अफरा-तफरी का माहौल पैदा होने के बाद कई लोग मारे गए थे.

अफगानिस्तान-तालिबान संकट को समझने के लिए पढ़ें ये खबरें

  1. जानिए कौन हैं तालिबान लड़ाकों के आका, कैसे अरबों डॉलर कमाते हैं तालिबानी
  2. अफगान पर तालिबान का कब्जा, जानिए तालिबान कौन हैं और क्या है इसका मतलब
  3. मुल्ला बरादर : जिसने लिखी फतह की इबारत, क्या मिलेगी उसे अफगानिस्तान की जिम्मेदारी ?
  4. Afghan-Taliban crisis : भारत के अरबों डॉलर के निवेश पर संकट, व्यापार पर भी असर
  5. रेड यूनिट की बदौलत अफगानिस्तान में काबिज हुआ तालिबान, जानिए कब तैयार किए लड़ाके
  6. अफगानिस्तान में तालिबान 2.0 को मान्यता क्यों देगा भारत, क्या सेटिंमेंटस पर भारी पड़ेगी कूटनीति ?
  7. अफगानिस्तान में तालिबान पर चीन मेहरबान, जानें इस दोस्ती का मकसद क्या है ?

गौरतलब है कि भारत ने 2001 के बाद से अफगानिस्तान में पुनर्निर्माण में करीब 3 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है. संसद भवन, सलमा बांध और जरांज-देलाराम हाईवे प्रोजेक्ट में भारी निवेश किया है. इनके अलावा भारत-ईरान के चाबहार बंदरगाह के विकास का काम कर रहा है. भारत को ईरान के रणनीतिक चाबहार के शाहिद बेहेश्टी क्षेत्र में पांच बर्थ के साथ दो टर्मिनल का निर्माण करना था, जो एक पारगमन गलियारे का हिस्सा होता. यह भारतीय व्यापार की पहुंच को अफगानिस्तान, मध्य एशिया और रूस तक पहुंच प्रदान करता. इस परियोजना में दो टर्मिनल, 600-मीटर कार्गो टर्मिनल और 640-मीटर कंटेनर टर्मिनल शामिल थे. इसके अलावा 628 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का निर्माण होना था, जो चाबहार को अफगानिस्तान सीमावर्ती शहर जाहेदान से जोड़ती. जानकारों का मानना है कि भारत ने चीन के चाबहार के जवाब में ग्वादर प्रोजेक्ट में निवेश किया था. अब तालिबान के राज में इसके पूरा होने पर संशय है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Sep 7, 2021, 9:02 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.