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NCW की रिपोर्ट में दावा : महिला अपराध में उत्तर प्रदेश सबसे आगे

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर से लगभग 30864 शिकायतें मिली. इसमें 15 हजार से ज्यादा सिर्फ यूपी की है. वहीं, पिछले साल देश भर से आई 23722 शिकायतों में 11872 यूपी से थी.

according to ncw report up has highest number of women crimes in the country
NCW की रिपोर्ट में दावा : महिला अपराध में उत्तर प्रदेश सबसे आगे
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Published : Jan 2, 2022, 2:12 AM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाल ही में पिछले एक साल की उपलब्धियों को गौरव के साथ बताया. इसमें दावा किया कि यूपी में अपराध कम हुआ है. साथ ही ये भी कहा गया कि यूपी में महिलाएं सुरक्षित हैं. लेकिन यूपी पुलिस के दावे सच के धरातल पर फिसड्डी साबित हुए हैं. जी हां, NCW की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यूपी में महिलाएं भगवान भरोसे हैं. यूपी महिला अपराध के मामले में देश में सबसे आगे है.

दरअसल, यूपी में महिला सुरक्षा की हालत ऐसी है कि अगर महिलाएं थाने चली जाएं तो बलात्कार के मुकदमे दर्ज करने में पुलिस आना कानी करने लगती है. स्थिति यह है कि अपराध कम होने के नाम पर जो अपराध हो रहे हैं, उन्हें लगातार टालने की मुहीम में पुलिस लगी रहती है. टरकाना या टालना मतलब ये है कि अगर पीड़िता थाने गयी और उसने कहा की वो मुकदमा दर्ज करवाना चाहती है. उसके साथ अपराध हुआ है, तो पुलिस हड़का कर डराकर थाने से विदा कर देती है, और अपराध नहीं दर्ज होता है. इस तरह यूपी की पुलिस अपराध कम करने में लगी हुई है. ये खुलासा हुआ है राष्ट्रीय महिला आयोग की 2021 की रिपोर्ट में. इससे पता चलता है कि महिला अपराधों का पुलिस द्वारा संज्ञान नहीं लेने से, महिला आयोग में शिकायत करने वालों की संख्या बढ़ी है. और इसमें सबसे ज्यादा यूपी से शिकायतें मिली हैं.

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर से लगभग 30864 शिकायतें मिलीं. इसमें 15 हजार से ज्यादा सिर्फ यूपी की हैं. वहीं पिछले साल देश भर से आई 23722 शिकायतों में 11872 यूपी से थी.

रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं से संबंधित हर अपराध के शिकायत में उत्तर प्रदेश नम्बर 1 पर है. साल 2021 में बलात्कार या फिर बलात्कार की कोशिश करने पर देश में सबसे ज्यादा शिकायतें यूपी से महिला आयोग को मिली हैं. इसकी संख्या 1165 है जबकि यह 2020 में 828 थी. यही नहीं यौन शोषण, छेड़छाड़ व ऑफिस में छेड़छाड़ करने की घटनाओं में भी उत्तर प्रदेश ने अन्य राज्यों को पीछे छोड़ दिया है. इस तरह के अपराध की 489 शिकायतें महिला आयोग को मिली थीं. ये संख्या 2020 में 333 थी. यही नहीं, महिलाओं की तस्करी जैसे अपराधों से जुड़ी शिकायतों की संख्या भी सबसे ज्यादा 22 रहीं थी.

ये भी पढ़ें- साल 2022 में मुझे FIR कम और लव लेटर ज्यादा चाहिए: कंगना

पुलिस की उदासीनता की शिकार भी सबसे ज्यादा यूपी की महिलाएं रही हैं. 608 ऐसी शिकायतें महिला आयोग को साल 2021 में मिली, जिसमें महिलाएं पुलिस के द्वारा उत्पीड़ित थीं. ये संख्या 2020 में 553 थी.

NCRB (National Crime Records Bureau) ने भी माना यूपी में सबसे ज्यादा महिला अपराध
वहीं, 2020 की एनसीआरबी (National Crime Records Bureau) रिपोर्ट की बात करें तो यूपी में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में भी यूपी अव्वल था. 2020 में यौन शोषण के 3889, छेड़छाड़ के 8771, महिलाओं से मारपीट के 1749 मामले दर्ज हुए थे. वहीं, बलात्कार के 2796 मामले दर्ज थे. ये सभी आंकड़े देश में सबसे ज्यादा यूपी में थे.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाल ही में पिछले एक साल की उपलब्धियों को गौरव के साथ बताया. इसमें दावा किया कि यूपी में अपराध कम हुआ है. साथ ही ये भी कहा गया कि यूपी में महिलाएं सुरक्षित हैं. लेकिन यूपी पुलिस के दावे सच के धरातल पर फिसड्डी साबित हुए हैं. जी हां, NCW की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यूपी में महिलाएं भगवान भरोसे हैं. यूपी महिला अपराध के मामले में देश में सबसे आगे है.

दरअसल, यूपी में महिला सुरक्षा की हालत ऐसी है कि अगर महिलाएं थाने चली जाएं तो बलात्कार के मुकदमे दर्ज करने में पुलिस आना कानी करने लगती है. स्थिति यह है कि अपराध कम होने के नाम पर जो अपराध हो रहे हैं, उन्हें लगातार टालने की मुहीम में पुलिस लगी रहती है. टरकाना या टालना मतलब ये है कि अगर पीड़िता थाने गयी और उसने कहा की वो मुकदमा दर्ज करवाना चाहती है. उसके साथ अपराध हुआ है, तो पुलिस हड़का कर डराकर थाने से विदा कर देती है, और अपराध नहीं दर्ज होता है. इस तरह यूपी की पुलिस अपराध कम करने में लगी हुई है. ये खुलासा हुआ है राष्ट्रीय महिला आयोग की 2021 की रिपोर्ट में. इससे पता चलता है कि महिला अपराधों का पुलिस द्वारा संज्ञान नहीं लेने से, महिला आयोग में शिकायत करने वालों की संख्या बढ़ी है. और इसमें सबसे ज्यादा यूपी से शिकायतें मिली हैं.

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर से लगभग 30864 शिकायतें मिलीं. इसमें 15 हजार से ज्यादा सिर्फ यूपी की हैं. वहीं पिछले साल देश भर से आई 23722 शिकायतों में 11872 यूपी से थी.

रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं से संबंधित हर अपराध के शिकायत में उत्तर प्रदेश नम्बर 1 पर है. साल 2021 में बलात्कार या फिर बलात्कार की कोशिश करने पर देश में सबसे ज्यादा शिकायतें यूपी से महिला आयोग को मिली हैं. इसकी संख्या 1165 है जबकि यह 2020 में 828 थी. यही नहीं यौन शोषण, छेड़छाड़ व ऑफिस में छेड़छाड़ करने की घटनाओं में भी उत्तर प्रदेश ने अन्य राज्यों को पीछे छोड़ दिया है. इस तरह के अपराध की 489 शिकायतें महिला आयोग को मिली थीं. ये संख्या 2020 में 333 थी. यही नहीं, महिलाओं की तस्करी जैसे अपराधों से जुड़ी शिकायतों की संख्या भी सबसे ज्यादा 22 रहीं थी.

ये भी पढ़ें- साल 2022 में मुझे FIR कम और लव लेटर ज्यादा चाहिए: कंगना

पुलिस की उदासीनता की शिकार भी सबसे ज्यादा यूपी की महिलाएं रही हैं. 608 ऐसी शिकायतें महिला आयोग को साल 2021 में मिली, जिसमें महिलाएं पुलिस के द्वारा उत्पीड़ित थीं. ये संख्या 2020 में 553 थी.

NCRB (National Crime Records Bureau) ने भी माना यूपी में सबसे ज्यादा महिला अपराध
वहीं, 2020 की एनसीआरबी (National Crime Records Bureau) रिपोर्ट की बात करें तो यूपी में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में भी यूपी अव्वल था. 2020 में यौन शोषण के 3889, छेड़छाड़ के 8771, महिलाओं से मारपीट के 1749 मामले दर्ज हुए थे. वहीं, बलात्कार के 2796 मामले दर्ज थे. ये सभी आंकड़े देश में सबसे ज्यादा यूपी में थे.

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