नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ( Aam Aadmi Party Rajya Sabha MP Sanjay Singh ) ने अयोध्या में कथित भूमि घोटाले को 'हितों का टकराव' बताते हुए मांग की कि जो लोग इस मामले में शामिल हैं उन्हें जेल में डाल देना चाहिए. वहीं कांग्रेस पार्टी महासचिव और मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Congress Party General Secretary and Chief Spokesperson Randeep Surjewala) ने बुधवार को आरोप लगाया कि भाजपा के कई नेताओं तथा उत्तर प्रदेश शासन के कुछ अधिकारियों ने अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के आसपास की जमीनों को औने-पौने दाम पर खरीदा है तथा जमीन की यह 'लूट' साल 2019 में उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद की गई है.
सांसद संजय सिंह ने इस बारे में ईटीवी भारत से कहा कि बात वास्तव में 1990 में शुरू हुई जब महर्षि रामायण विद्यापीठ नाम के एक ट्रस्ट ने दलितों की जमीन खरीदी. उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के लोग जानते थे कि केवल एक दलित ही दलित की जमीन खरीद सकता है. इसलिए रोंगई नाम के एक दलित ने कई दलितों से 21 बीघा जमीन खरीदी और ट्रस्ट को दान कर दी.
उन्होंने कहा, 'अधिकारियों ने इस मामले में जांच बैठा दी है, लेकिन जांच स्थापित करने वाले अधिकारियों के रिश्तेदार ही जमीन खरीद रहे हैं. उन्होंने कहा कि तत्कालीन अयोध्या के आयुक्त पुरुषोत्तम दास गुप्ता के ससुर और बहनोई ने जमीन खरीदी. इसके अलावा उनके साले और उनकी पत्नी के नाम भी जमीन खरीदी गई. उन्होंने दावा किया कि अभी जेल में बंद भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी ने भी जमीन खरीदी है. उन्होंने केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच की मांग करते हुए उन्होंने कहा, यह हितों का टकराव है. जांच होनी चाहिए और इसमें शामिल लोगों को जेल जाना चाहिए.
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उन्होंने कहा कि रिपोर्टों के अनुसार, एक विधायक, महापौर और राज्य ओबीसी आयोग के एक सदस्य से, जिन्होंने अपने नाम पर संभागीय आयुक्त, उप-मंडल मजिस्ट्रेट, पुलिस उप महानिरीक्षक, पुलिस के सर्कल अधिकारी के रिश्तेदारों को जमीन खरीदी है. इसके अलावा इन अधिकारियों के परिवारों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, राम मंदिर स्थल के 5 किलोमीटर के दायरे में जमीन खरीदी. इसके अलावा, संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश में राजनीतिक नेताओं के फोन टैपिंग के हालिया आरोपों पर भी भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को देश के दो सबसे बड़े जासूस बताया. उन्होंने कहा कि जहां तक पेगासस की बात है हमने पिछले संसद सत्र में भी इस मुद्दे को उठाया था.
वहीं कांग्रेस के महासचिव और मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'चंदे की लूट' और 'जमीन की लूट' पर जवाब देना चाहिए तथा पूरे प्रकरण की जांच करानी चाहिए.
उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत में उत्तर प्रदेश में भाजपा के कुछ विधायकों और स्थानीय प्रशासन के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के नाम का उल्लेख किया और दावा किया कि भाजपा के लोगों ने 'रामद्रोह' किया है जिसके लिए वे 'पाप और शाप' के भागी हैं. कांग्रेस के इस दावे पर फिलहाल भाजपा या उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
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सुरजेवाला ने कहा, 'पहले मंदिर के नाम पर चंदे की लूट की गई और अब संपत्ति बनाने की लूट हो रही है. साफ है कि भाजपाई अब रामद्रोह कर रहे हैं. जमीन की सीधे लूट मची हुई है. एक तरफ आस्था का दीया जलाया गया और दूसरी तरफ भाजपा के लोगों द्वारा जमीन की लूट मचाई गई है.'
उन्होंने दावा किया, 'अब नया खुलासा हुआ है कि निर्माणधीन राम मंदिर के निकट की जमीनें भाजपा के विधायकों, महापौर, ओबीसी आयोग के सदस्य और प्रशासन के आला अधिकारियों द्वारा औने-पैमाने दाम पर खरीद ली गई हैं. यहां तक कि दलितों की जमीनों को भी हड़प लिया गया है. राम मंदिर मामले को लेकर न्यायालय का फैसला आने के बाद यह सब किया गया.'
कांग्रेस नेता ने कहा, 'भगवान श्रीराम आस्था, विश्वास, मर्यादा और सनातन के प्रतीक हैं. लेकिन भाजपा के लोग उनके नाम पर भी लूट का धंधा चला रहे हैं. प्रधानमंत्री बताएं कि आप अपना मुंह कब खोलेंगे? प्रधानमंत्री को यह भी बताना चाहिए कि (वह) चंदे की लूट और जमीन की लूट की जांच कब कराएंगे?'