नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज 73वां जन्मदिन है. पीएम मोदी ने अब तक के अपने कार्यकाल में कई बड़े फैसले किए हैं, जिनका असर आने वाले सालों तक बना रहेगा. आइए इन पर एक नजर डालते हैं.
नोटबंदी - आठ नवंबर 2016 को पीएम मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी. इस घोषणा के बाद अगले दिन से बैंकों के बाहर लंबी-लंबी कतारें लग गईं थीं. जिनके पास 500 और एक हजार के करेंसी नोट थे, वे उन्हें बदलवाने में लगे हुए थे. सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक नोटबंदी के बाद करीब 16 हजार करोड़ रुपये वापस नहीं आए. यानी यह काला धन था. हालांकि, सरकार को कैश फ्लो बनाए रखने के लिए काफी बड़ी मात्रा में फिर से कैश को बाजार में छोड़ना पड़ा. सरकार ने बताया था कि इसका मुख्य उद्देश्य काले धन पर रोक, आतंकियों की फंडिंग पर रोक और डिजिटल उद्देश्य को बढ़ावा देना था. विपक्ष इस घोषणा से चकित था. विपक्ष के नेता आजतक मानते हैं कि इस योजना से देश को नुकसान हुआ. सरकार मानती है कि नोटबंदी से डिजिटल मूवमेंट में चमत्कारिक परिवर्तन आए हैं.
सर्जिकल स्ट्राइक - मोदी काल की दूसरी सबसे बड़ी घोषणा सर्जिकल स्ट्राइक मानी जाती है. 18 सितंबर 2016 को जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में आतंकियों ने हमला कर दिया था. इस हमले में 19 जवान शहीद हो गए थे. इसके ठीक 10 दिन बाद 28 सितंबर 2016 को भारतीय सेना ने एक सर्जिकल स्ट्राइक किया. स्ट्राइक रात के अंधेरे में किया गया था और सुबह पांच बजे से पहले ही हमारे बहादुर जवान वापस आ चुके थे. कमांडो तीन किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचे थे. एमआई17 हेलिकॉप्टर का उपयोग किया गया था. लोअर एयर लेवल से हेलिकॉप्टर ने एंट्री ली थी. पाकिस्तानी सेना को इसकी भनक भी नहीं लगी थी और जब तक पता चला, तब तक हमारे कमांडो सुरक्षित लौट चुके थे. इस स्ट्राइक के बाद भारत ने पाकिस्तान को औपचारिक रूप से भी जानकार दी थी.
इसके बाद दूसरा एयर स्ट्राइक 26 फरवरी 2019 को किया गया था. इस स्ट्राइक से पहले 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला कर दिया था. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. इसके जवाब में बालाकोट एयर स्ट्राइक किया गया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस स्ट्राइक में करीब 300 से अधिक आतंकी मारे गए थे. पाकिस्तान की संसद में उनके मंत्री ने इस घटना की सत्यता स्वीकार की थी.
मोदी सरकार का तीसरा सबसे बड़ा फैसला जम्मू कश्मीर पर था. पांच अगस्त 2019 को सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने की घोषणा कर दी. जम्मू कश्मीर को दो भागों में बांट दिया गया. जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश बन गए. सरकार ने अलगाववादी नेताओं को हिरासत में ले लिया. मुख्य धारा की पार्टियों के प्रमुखों को भी नजरबंद कर दिया गया. इंटरनेट संस्पेंड कर दिया गया था. पूरे राज्य में सुरक्षा बलों की उपस्थिति बढ़ा दी गई थी, ताकि किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए सरकार तैयार रहे. इस घोषणा के बाद से जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं पर काफी हद तक कमी आई है. पत्थरबाजी की घटनाएं रूक गई हैं.
इसके बाद मोदी सरकार का सबसे बड़ा फैसला तीन तलाक पर था. सरकार ने इसे खत्म करने का ऐलान किया. वैसे, सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में ही एक फैसले में इसे गैर कानूनी घोषित कर दिया था. मोदी सरकार ने 2019 में इस पर फैसला लेकर दोनों सदनों से बिल पारित करवा लिया.
इसी तरह से सीएए का भी मुद्दा रहा. नागरिकता संशोधन कानून का मुद्दा आजतक गर्म है. इसके तहत पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता देने का प्रावधान है. इन देशों में हिंदू, जैन, सिख, पारसी और ईसाई अल्पसंख्यक हैं. इसके खिलाफ देश को अलग-अलग जगहों पर विरोध-प्रदर्शन भी हुए.
आईपीसी में संशोधन पर भी सरकार ने बड़ी पहल की है. लोकसभा में बिल पेश किया गया और उसके बाद इस पर विचार करने के लिए इसे स्टैंडिंग कमेटी के पास भेज दिया गया है.
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