लखनऊ: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव 6 माह पहले आयोजित हुआ था. इसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता मलिकार्जुन खरगे को पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया. मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद अपनी नई कमेटी बनाने की बात कही थी. विशेष तौर पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) का गठन होने तक उन्होंने एक 47 सदस्यीय स्टेरिंग कमेटी का गठन कर दिया था. अब राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कांग्रेस की सबसे बड़ी कमेटी सीडब्ल्यूसी का गठन करने के साथ ही इसमें 39 लोगों को जगह दी गई है.
इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश के जुड़े नेताओं के नाम न होने से प्रदेश के नेताओं में एक तरह से मायूसी हाथ लगी है. पार्टी नेताओं का कहना है कि लिस्ट में जिन लोगों का नाम उत्तर प्रदेश से शामिल है, वह पहले से ही दिल्ली की राजनीति में सक्रिय हैं. सीडब्ल्यूसी की नई लिस्ट में उत्तर प्रदेश से पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सलमान खुर्शीद, राजीव शुक्ला व सुप्रिया श्रीनाथ का नाम शामिल है. वहीं, इस लिस्ट में प्रदेश की राजनीति में दखल रखने वाले कई बड़े नेताओं के नाम न होने से चर्चाओं के बाजार को हवा दे दी.
पूर्व सीडब्ल्यूसी सदस्य और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी व स्पेशल इनवाइटेड अजय लल्लू का भी नाम नहीं है. कांग्रेस वर्किंग कमेटी में उत्तर प्रदेश से 2 नामों के शामिल होने की चर्चा बहुत तेजी से नेताओं के बीच में चल रही थी. इसमें पहला नाम राज्यसभा के सांसद प्रमोद तिवारी व पिछली कांग्रेस वर्किंग कमेटी के स्पेशल इनवाइटिंग सदस्य अजय कुमार लल्लू का नाम इस बार कांग्रेस वर्किंग कमेटी में आने की उम्मीद थी. लेकिन, उन्हें भी इस बार इस कमेटी में जगह नहीं मिली है.
उत्तर प्रदेश के कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सीडब्ल्यूसी की लिस्ट में उत्तर प्रदेश के नेताओं को जगह दी जानी चाहिए थी. क्योंकि, यह प्रदेश देश का सबसे बड़ा प्रदेश है और इस प्रदेश के नेताओं का प्रतिनिधित्व कांग्रेस पार्टी की सबसे बड़ी कमेटी में होना चाहिए था. हालांकि, प्रमोद तिवारी मौजूदा समय में राज्यसभा में सांसद के अलावा वहां पर उप नेता भी हैं. ऐसे में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की लिस्ट में अजय कुमार लल्लू के शामिल होने की पूरी उम्मीद पार्टी नेताओं की ओर से की जा रही थी. पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस लिस्ट में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विशेष तौर पर मोहसीन किदवई, निर्मल खत्री, राज बब्बर, श्री प्रकाश जायसवाल व बृजलाल खाबरी जैसे बड़े नेताओं को जगह दी जानी चाहिए थी. इससे पार्टी को उत्तर प्रदेश में खड़ा करने में मजबूती मिलती.
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