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24 'स्वयंभू' विश्वविद्यालय फर्जी घोषित, यूपी में सबसे अधिक - शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने 24 'स्वयंभू' विश्वविद्यालयों को फर्जी घोषित किया है और दो और विश्वविद्यालयों को नियमों का उल्लंघन करते पाया गया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में यह बयान दिया.

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Published : Aug 3, 2021, 12:42 PM IST

Updated : Aug 3, 2021, 1:17 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने 24 'स्वयंभू' विश्वविद्यालयों को फर्जी घोषित किया है और दो और संस्थानों को नियमों का उल्लंघन करते पाया गया है. प्रधान ने लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में यह बयान दिया.

उन्होंने कहा कि छात्रों, अभिभावकों, आम जनता से प्राप्त शिकायतों के आधार पर यूजीसी ने 24 स्वयंभू संस्थानों को फर्जी विश्वविद्यालय घोषित किया है. इसके अलावा, भारतीय शिक्षा परिषद-लखनऊ और भारतीय योजना एवं प्रबंधन संस्थान (आईआईपीएम), नई दिल्ली नामक दो और संस्थान भी यूजीसी अधिनियम- 1956 का उल्लंघन करते हुए संचालित किए जा रहे हैं.

प्रधान ने कहा कि भारतीय शिक्षा परिषद-लखनऊ और आईआईपीएम-नई दिल्ली के मामले अदालत में विचाराधीन हैं.

यूपी में सबसे ज्यादा फर्जी विश्वविद्यालय
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा आठ फर्जी विश्वविद्यालय हैं, जिनमें वाराणसी संस्कृत विश्वविद्यालय- वाराणसी, महिला ग्राम विद्यापीठ-इलाहाबाद, गांधी हिंदी विद्यापीठ- इलाहाबाद, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रो कॉम्प्लेक्स होम्योपैथी- कानपुर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस ओपन विश्वविद्यालय- अलीगढ़, उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय- मथुरा, महाराणा प्रताप शिक्षा निकेतन विश्वविद्यालय- प्रतापगढ़ और इंद्रप्रस्थ शिक्षा परिषद- नोएडा शामिल हैं.

दिल्ली में सात फर्जी विश्वविद्यालय
वहीं दिल्ली में सात फर्जी विश्वविद्यालय हैं- कमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड, संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय, वोकेशनल यूनिवर्सिटी, एडीआर केंद्रित न्यायिक विश्वविद्यालय, भारतीय विज्ञान और इंजीनियरिंग संस्थान, विश्वकर्मा ओपन यूनिवर्सिटी फॉर सेल्फ एम्प्लॉयमेंट और आध्यात्मिक विश्वविद्यालय.

ओडिशा और पश्चिम बंगाल में दो-दो फर्जी विश्वविद्यालय हैं, जिनके नाम हैं- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन- कोलकाता, इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च- कोलकाता, नवभारत शिक्षा परिषद- राउरकेला और नॉर्थ उड़ीसा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी.

कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, पुडुचेरी और महाराष्ट्र में एक-एक फर्जी विश्वविद्यालय हैं. जिसमें श्री बोधि एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन (पुडुचेरी), क्राइस्ट न्यू टेस्टामेंट डीम्ड यूनिवर्सिटी (आंध्र प्रदेश), राजा अरबी विश्वविद्यालय (नागपुर), सेंट जॉन्स यूनिवर्सिटी (केरल) और बड़गंवी सरकार वर्ल्ड ओपन यूनिवर्सिटी एजुकेशन सोसाइटी (कर्नाटक) शामिल हैं.

फर्जी विश्वविद्यालयों के खिलाफ यूजीसी द्वारा उठाए गए कदमों पर शिक्षा मंत्री प्रधान ने कहा कि यूजीसी राष्ट्रीय हिंदी और अंग्रेजी अखबारों में फर्जी विश्वविद्यालयों या संस्थानों के बारे में सार्वजनिक नोटिस जारी करता है.

यह भी पढ़ें- CBSE Board Result: सीबीएसई बोर्ड 10वीं का रिजल्ट जारी, यहां करें चेक

उन्होंने कहा कि आयोग राज्य के मुख्य सचिवों, शिक्षा सचिवों और प्रमुख सचिवों को अपने अधिकार क्षेत्र में स्थित ऐसे विश्वविद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पत्र भी लिखता है. उन्होंने कहा कि जब कोई स्वयंभू संस्थान यूजीसी अधिनियम,1956 के उल्लंघन में काम करता हुआ पाया जाता है तो अवैध डिग्री प्रदान करने वाले गैर-मान्यता प्राप्त संस्थानों को कारण बताओ व चेतावनी नोटिस जारी किए जाते हैं.

(पीटीआई)

नई दिल्ली : केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने 24 'स्वयंभू' विश्वविद्यालयों को फर्जी घोषित किया है और दो और संस्थानों को नियमों का उल्लंघन करते पाया गया है. प्रधान ने लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में यह बयान दिया.

उन्होंने कहा कि छात्रों, अभिभावकों, आम जनता से प्राप्त शिकायतों के आधार पर यूजीसी ने 24 स्वयंभू संस्थानों को फर्जी विश्वविद्यालय घोषित किया है. इसके अलावा, भारतीय शिक्षा परिषद-लखनऊ और भारतीय योजना एवं प्रबंधन संस्थान (आईआईपीएम), नई दिल्ली नामक दो और संस्थान भी यूजीसी अधिनियम- 1956 का उल्लंघन करते हुए संचालित किए जा रहे हैं.

प्रधान ने कहा कि भारतीय शिक्षा परिषद-लखनऊ और आईआईपीएम-नई दिल्ली के मामले अदालत में विचाराधीन हैं.

यूपी में सबसे ज्यादा फर्जी विश्वविद्यालय
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा आठ फर्जी विश्वविद्यालय हैं, जिनमें वाराणसी संस्कृत विश्वविद्यालय- वाराणसी, महिला ग्राम विद्यापीठ-इलाहाबाद, गांधी हिंदी विद्यापीठ- इलाहाबाद, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रो कॉम्प्लेक्स होम्योपैथी- कानपुर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस ओपन विश्वविद्यालय- अलीगढ़, उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय- मथुरा, महाराणा प्रताप शिक्षा निकेतन विश्वविद्यालय- प्रतापगढ़ और इंद्रप्रस्थ शिक्षा परिषद- नोएडा शामिल हैं.

दिल्ली में सात फर्जी विश्वविद्यालय
वहीं दिल्ली में सात फर्जी विश्वविद्यालय हैं- कमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड, संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय, वोकेशनल यूनिवर्सिटी, एडीआर केंद्रित न्यायिक विश्वविद्यालय, भारतीय विज्ञान और इंजीनियरिंग संस्थान, विश्वकर्मा ओपन यूनिवर्सिटी फॉर सेल्फ एम्प्लॉयमेंट और आध्यात्मिक विश्वविद्यालय.

ओडिशा और पश्चिम बंगाल में दो-दो फर्जी विश्वविद्यालय हैं, जिनके नाम हैं- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन- कोलकाता, इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च- कोलकाता, नवभारत शिक्षा परिषद- राउरकेला और नॉर्थ उड़ीसा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी.

कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, पुडुचेरी और महाराष्ट्र में एक-एक फर्जी विश्वविद्यालय हैं. जिसमें श्री बोधि एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन (पुडुचेरी), क्राइस्ट न्यू टेस्टामेंट डीम्ड यूनिवर्सिटी (आंध्र प्रदेश), राजा अरबी विश्वविद्यालय (नागपुर), सेंट जॉन्स यूनिवर्सिटी (केरल) और बड़गंवी सरकार वर्ल्ड ओपन यूनिवर्सिटी एजुकेशन सोसाइटी (कर्नाटक) शामिल हैं.

फर्जी विश्वविद्यालयों के खिलाफ यूजीसी द्वारा उठाए गए कदमों पर शिक्षा मंत्री प्रधान ने कहा कि यूजीसी राष्ट्रीय हिंदी और अंग्रेजी अखबारों में फर्जी विश्वविद्यालयों या संस्थानों के बारे में सार्वजनिक नोटिस जारी करता है.

यह भी पढ़ें- CBSE Board Result: सीबीएसई बोर्ड 10वीं का रिजल्ट जारी, यहां करें चेक

उन्होंने कहा कि आयोग राज्य के मुख्य सचिवों, शिक्षा सचिवों और प्रमुख सचिवों को अपने अधिकार क्षेत्र में स्थित ऐसे विश्वविद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पत्र भी लिखता है. उन्होंने कहा कि जब कोई स्वयंभू संस्थान यूजीसी अधिनियम,1956 के उल्लंघन में काम करता हुआ पाया जाता है तो अवैध डिग्री प्रदान करने वाले गैर-मान्यता प्राप्त संस्थानों को कारण बताओ व चेतावनी नोटिस जारी किए जाते हैं.

(पीटीआई)

Last Updated : Aug 3, 2021, 1:17 PM IST
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