भोपाल : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में लापरवाही से जुड़ा एक और मामला सामने आया है. ताजा मामला ब्लड बैंक शाखा से जुड़ा है. जहां कर्मचारियों की लापरवाही से दो मरीजों की मौत हो गई. जानकारी मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा गया. दम तोड़ने वालों में 10 साल की एक बच्ची भी शामिल है, जिसकी HIV संक्रमित खून चढ़ाने से मौत हो गई है.
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भोपाल के आदमपुर छावनी निवासी एक परिवार ने 10 साल की बच्ची को 11 मार्च 2021 को (AIIMS) में भर्ती कराया था. बच्ची को हॉस्पिटल के ब्लड बैंक से खून लेकर चढ़ाया गया. खून चढ़ाने के बाद बच्ची की मौत हो गई. बच्ची के पिता की तरफ से की गई शिकायत में लिखा गया है कि उसकी बच्ची को जो ब्लड चढ़ा था. वह एचआईवी पॉजिटिव था. हमारे रिश्तेदारों ने ब्लड बैंक के अधिकारियों को यह कहते हुए सुना था कि बच्ची को जो ब्लड दिया गया वह HIV संक्रमित था, जो गलती से दे दिया गया. अगले दिन HIV की जांच की गई तो ब्लड HIV पॉजिटिव आया. गलती छिपाने के लिए दोबारा सैंपल बदलकर जांच की गई, लेकिन (AIIMS) प्रबंधन मामले को छुपाने भरसक की कोशिश करता रहा. परिजनों द्वारा अस्पताल में हो रही लापरवाही की शिकायत स्वास्थ्य विभाग के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से लेकर राष्ट्रपति तक गई है.
सामने आ चुके हैं काफी मामले
- भोपाल के पिपलानी निवासी एक ब्लड डोनर ने 7 जून 2017 को (AIIMS) के ब्लड बैंक में खून डोनेट किया था. ब्लड डोनेशन के बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी. तबीयत जब ज्यादा खराब होने पर डॉक्टरों ने एड्स की जांच कराई तो HIV रिपोर्ट पॉजिटिव आई.
- AIIMS में हुई इस लापरवाही की वजह से अब उस व्यक्ति के पूरे परिवार की जान खतरे में पड़ गई है. ब्लड डोनर की पत्नी भी एचआईवी संक्रमित बताई जा रही है.
- आशंका जताई गई कि जो सिरिंज लगाई गई थी वह संक्रमित थी.
- इसी तरह झांसी के रहने वाले एक मरीज को 25 जनवरी 2021 को ब्लड चढ़ाया था. जब उसकी तबीयत बिगड़ी तो उसे दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. उसका ब्लड ग्रुप बी था. लेकिन गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने से मरीज की मौत हो गई.
स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया नोटिस
मामले की जब शिकायत हुई तो 10 जनवरी 2022 को एम्स प्रबंधन को स्वस्थ्य विभाग द्वारा नोटिस जारी किया गया. कोई जबाब तालाब नहीं होने के कारण 4 फरवरी 2022 को विभाग द्वारा फिर एक बार नोटिस जारी कर कर्मचारियों सहित गलत ब्लड चढ़ाने की जांच रिपोर्ट मांगी गई है.
शिकायतों पर एम्स प्रबंधन का तर्क
मामले में भोपाल एम्स के डायरेक्टर नितिन एम नागरकर का कहना है कि वो भोपाल से बाहर हैं. उनको मामले की जानकारी नहीं है, हालांकि बाद में उन्होने बयान देकर कहा कि उन्हें स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस जारी किया है. जो शिकायत मिली है उसकी जांच की जा रही है.
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