अहमदाबाद : आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कंचन जरीवाला ने अपनी ही पार्टी की 'पोल' खोल दी. उन्होंने कहा कि उनके किडनैपिंग होने की खबर बिलुकल गलत है. उन्होंने कहा कि जो कुछ हुआ, वह गुटबाजी थी और इसकी वजह से ही उन्होंने अपना नामांकन वापस लिया. उन्होंने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत आप के तमाम नेताओं के उन आरोपों को भी खारिज कर दिया.
जरीवाला ने कहा कि उन्होंने किसी के दबाव में नामांकन वापस नहीं लिया है और ना इसके लिए उनका या उनके परिवार का अपहरण किया गया था. पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी और लोगों के आम आदमी पार्टी के खिलाफ आने वाले ओपिनियन के चलते और पारिवारिक कारणों के चलते नामांकन वापस लिया है. उन्होंने कहा कि मेरा फॉर्म भरने के बाद मैंने लोगों से और समाज के लोगों से बात की. मैंने अपने चुनाव प्रचार के दौरान भी लोगों से बात की. मैं मानसिक तनाव में चला गया था, इसलिए मैंने उम्मीदवारी वापस लेने का मन बनाया.
बता दें कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर कंचन जरीवाला के अपहरण का आरोप लगाया था. वहीं उनके मिलने पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि 500 पुलिस वाले उनको घेरकर आरओ के दफ्तर लेकर आए. उनसे जबरदस्ती अपना नामांकन वापस करवाया गया.
क्या कुछ हुआ दिन भर - सूरत (पूर्वी) से आम आदमी पार्टी के विधायक कंचन जरीवाला के कथित अपहरण को लेकर हाई वोल्टेज ड्रामे के कुछ घंटे बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भाजपा के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर चुनाव आयोग कार्यालय पहुंचे. सिसोदिया ने अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ चुनाव आयोग कार्यालय के बाहर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ प्रदर्शन किया. मीडिया से बात करते हुए सिसोदिया ने कहा कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी उम्मीदवार का अपहरण किया गया है. बाद में प्रत्याशी पर नामांकन वापस लेने का दबाव बनाया गया है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को इसे बहुत गंभीरता से लेना चाहिए और तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए.
उन्होंने कहा, मुझे दोपहर बाद चुनाव आयोग से मिलने का समय दिया गया था, लेकिन यह एक आपातकालीन स्थिति है और इसलिए हमें इस बार चुनाव आयोग से मिलने आना होगा. उन्होंने आरोप लगाया कि आप के उम्मीदवार को पुलिस और भाजपा के गुंडों के साथ मिलकर बंदूक की नोंक पर नामांकन वापस लेना पड़ा और बाद में पुलिस ने उन्हें भाजपा के गुंडों के बीच छोड़ दिया. आप नेता राघव चड्ढा ने वीडियो ट्वीट किया और लिखा, देखिए कैसे पुलिस और बीजेपी के गुंडे एक साथ, हमारे सूरत (पूर्व) के उम्मीदवार कंचन जरीवाला को आरओ कार्यालय में घसीट ले गए, जिससे उन्हें अपना नामांकन वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. 'स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव' शब्द मजाक बन गया है.
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Watch how police and BJP goons together - dragged our Surat East candidate Kanchan Jariwala to the RO office, forcing him to withdraw his nomination
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The term ‘free and fair election’ has become a joke! pic.twitter.com/CY32TrUZx8
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— Raghav Chadha (@raghav_chadha) November 16, 2022
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इससे पहले सिसोदिया ने आरोप लगाया था, गुजरात में इस चुनाव में भाजपा बुरी तरह हार रही है और इसलिए पार्टी नाराज हो गई है. भाजपा ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार का अपहरण कर लिया है. आप के सूरत (पूर्व) के उम्मीदवार कंचन जरीवाला का अपहरण कर लिया गया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, गुंडों और पुलिस के समर्थन पर, उम्मीदवारों का अपहरण किया जा रहा है और उनके नामांकन वापस ले लिए जा रहे हैं. इस प्रकार की सार्वजनिक गुंडागर्दी भारत में कभी नहीं देखी गई है. फिर चुनाव का क्या मतलब है, लोकतंत्र खत्म हो गया है.
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