Shardiya Navratri 2023 : तरतई माता के दरबार में लगा भक्तों का तांता, 9 दिन होगी विशेष पूजा-अर्चना
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Published : Oct 15, 2023, 1:14 PM IST
बांसवाड़ा. शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित माता त्रिपुरा सुंदरी के दरबार में सुबह से ही हजारों की संख्या में भक्त पहुंच कर धोक लग रहे हैं. माता त्रिपुरा सुंदरी को तरतई माता भी कहा जाता है. इसका मतलब होता है तुरंत फल देने वाली देवी. इस मंदिर का ऐतिहासिक प्रमाण तो नहीं मिलता, लेकिन मंदिर में एक शिलालेख मौजूद है और उसमें मंदिर के निर्माणावधि का जिक्र किया गया है. साथ ही लिखा गया है कि इस मंदिर का निर्माण विक्रम संवत 1540 के आसपास हुआ था. आदिवासी अंचल में बसे माता तरतई के दरबार में राज्य का हर छोटा-बड़ा राजनेता धोक लगा चुका है. इस मंदिर के सीतापुरी, विष्णुपुरी और ब्रह्मपुरी के बीच होने के कारण इसे त्रिपुरा सुंदरी के नाम से भी जाना जाता है. यहां मां भगवती संपूर्ण विग्रह यानी श्रीयंत्र पर विराजित हैं. इसलिए यह यंत्र, मंत्र और तंत्र की देवी भी कही जाती हैं. शारदीय नवरात्रि के पहले दिन यहां दोपहर 12 बजकर 1 मिनट के आसपास घट स्थापित की गई. वहीं, कुछ वर्ष पहले इस मंदिर का पांचाल समाज की ओर से जीर्णोद्धार कराया गया. नवनिर्माण के बाद आज मंदिर की भव्य देखते बनती है. इधर, रविवार सुबह 5 बजे से ही भक्तों के मंदिर पहुंचने का सिलसिला जारी है. साथ ही सुबह आरती के बाद से मंदिर के कपाट भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए गए. ऐसे में अब अनवरतपुर रूप से रात 8 बजे तक श्रद्धालु माता रानी का दर्शन हो सकेंगे. मंदिर में भक्तों की भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.