चाकसू में बूढ़ा बास्योड़ा का पर्व, शीतला माता की पूजा कर भक्तों ने चढ़ाया ठंडा भोग - Etv Bharat Rajasthan
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चाकसू (जयपुर). चाकसू क्षेत्र में छोटे मेले के नाम से विख्यात बूढ़ा बास्योड़ा का पर्व गुरुवार को श्रद्धा और उमंग के साथ मनाया जा रहा है. इस मौके पर चाकसू स्थित शीलकी डूंगरी पर सुख व आरोग्य की देवी शीतला माता मंदिर पर मेले का आयोजन किया गया. पहाड़ी पर स्थित मंदिर में विराजमान शीतला माता की चौखट पर मत्था टेककर भक्तों ने अपनी मन्नत मांगी. शीतला माता की पूजा-अर्चना कर ठंडे पकवानों का भोग लगाया. इस दिन बासी भोजन सेवन करने की परम्परा है. यहां मेले के दिन मंदिर परिसर में आकर्षक सजावट की गई. प्रतिवर्ष चैत्र माह की शीतलाष्टमी पर लगने वाले मां शीतला के लक्खी यानि बड़े मेले के ठीक एक महीने बाद बैसाख कृष्ण सप्तमी को बूढ़ा बास्योड़ा का मेला आयोजित किया जाता है. बुजुर्गों के कथानुसार सन् 1912 में जयपुर के महाराजा माधोसिंह के पुत्र गंगासिंह और गोपाल सिंह को चेचक निकली थी. उस समय शीतला माता की पूजा-पाठ करने से यह रोग ठीक हो गया था. इसके बाद शील की डूंगरी पर मंदिर व बारहदरी का निर्माण करवाकर पूजा-अर्चना की गई.