Video: ब्रज होली महोत्सव में खेल और लोक कलाकारों की धूम, कच्छी घोड़ी डांस ने मन मोहा - kachhi ghodi dance Video
🎬 Watch Now: Feature Video
ब्रज होली महोत्सव (Holi Mahotsav Celebration in Bharatpur) का शनिवार को भरतपुर के लोहागढ़ स्टेडियम में आगाज हो गया. तीन दिवसीय (12 से 14 मार्च) महोत्सव के दौरान विभिन्न खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. पहले दिन स्टेडियम में कबड्डी और खो-खो प्रतियोगिता आयोजित हुई. इस दौरान राजस्थान का सुप्रसिद्ध कच्छी घोड़ी नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा. साज-ओ-सामान से सजे लोक कलाकारों ने बेहतरीन नृत्य प्रस्तुति से शमां बांध दिया. असल में कच्छी घोड़ी नृत्य राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र की उत्पत्ति है. इसमें नर्तक राजस्थानी पगड़ी और वेशभूषा में शरीर के निचले हिस्से में नकली घोड़ी पहनता है. यह घोड़ी कागज की लुगदी और कपड़े से तैयार की जाती है. कच्छी घोड़ी नृत्य में लोक कलाकार बांकियो, ढोल, बांसुरी, घुंघरू, अलगोजा और झांझ पर साज छेड़ते हैं और उस धुन पर नकली घोड़ी पहना नर्तक डांस करता है. मान्यता है कि 17वीं सदी में शेखावाटी क्षेत्र में कुछ लुटेरे अमीरों से धन लूट कर गरीबों में बांटा करते थे. एक बार मुगल अपने घोड़े पर सवार होकर आए और एक गांव में रुके. रात होने पर जब मुग़ल सो गए तो मराठी आए और उनके घोड़े चुरा ले गए. बाद में घोड़ों को पाने के लिए मुगल और मराठों के बीच युद्ध हुआ. कच्छी घोड़ी नृत्य मुगल और मराठों के युद्ध का प्रतीक माना जाता है.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:19 PM IST