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चिकनगुनिया वायरल संक्रमण, जानें लक्षण और बचाव के उपाय - चिकनगुनिया का इलाज

चिकनगुनिया एक वायरल बीमारी है, जो मच्छरों द्वारा मनुष्यों को संक्रमित करती है. यह बुखार और गंभीर जोड़ों के दर्द का कारण बनती है. इसके अन्य लक्षणों में मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, मतली और थकान शामिल हैं. इसे ध्यान में रखते हुए मच्छरों से सावधान रहें और बारिश के मौसम में अपने घर के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें.

chikungunya
चिकनगुनिया
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Published : Jun 29, 2020, 5:58 PM IST

Updated : Jun 30, 2020, 10:54 AM IST

चिकनगुनिया एक गैर-घातक वायरल बीमारी है, जो एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर के कारण होता है. ये मच्छर स्थिर पानी में प्रजनन करते हैं और आपको न केवल रात के दौरान बल्कि दिन के दौरान भी काट सकते हैं. चिकनगुनिया का अर्थ है, 'विपरीत हो जाना' और इसे इसके विशिष्ट लक्षणों के कारण कहा जाता है (जोड़ों और हड्डियों में दर्द, कठोरता).

चिकनगुनिया के लक्षण

चिकनगुनिया वायरस से कुछ दिनों तक बुखार रहता है और कुछ हफ्ते या महीनों तक जोड़ों में दर्द बना रहता है.

इस वायरस के लक्षण अन्य बीमारियों के समान ही होते हैं, जैसे कि डेंगू बुखार. किसी व्यक्ति को मच्छर के काटे जाने के कुछ दिनों बाद ही लक्षण दिखाई देते हैं. इसके सबसे आम लक्षण हैं:

  • बुखार
  • जोड़ों में दर्द
  • सिर में दर्द
  • मांसपेशियों में दर्द
  • चकत्ते
  • जोड़ों के आसपास सूजन
  • कभी-कभी मैकुलोपापुलर चकत्ते (खसरा या रूबेला के समान), आंख आना, मतली होना और उल्टी आना जैसे लक्षण भी देखे जा सकते हैं.

संक्रमण

  • चिकनगुनिया एशिया, अफ्रीका, यूरोप और अमेरिका के 60 देशों में पाया गया था.
  • संक्रमित मादा मच्छरों के काटने से वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है. आमतौर पर इसमें शामिल मच्छरों की एडीज एजिप्टी और एडीस अल्बोपिकटस नामक दो प्रजातियां होती हैं, जो डेंगू सहित अन्य मच्छर जनित वायरस को भी फैला सकती हैं. दोनों प्रजातियां घर के बाहरी क्षेत्रों में काटती हैं, लेकिन एडीज एजिप्टी घर के अंदर भी आसानी से काट सकती है.
  • संक्रमित मच्छरों के काटने के 4 से 8 दिन के बाद बुखार आता है, लेकिन ये बीमारी 2 से 12 दिन तक चलता है.

चिकनगुनिया से होने वाली समस्याएं

भीतरी रेटिना और श्वेतपटल और कॉर्निया से बनी बाहरी तंतुमय परत के बीच आंख में परत की सूजन, रेटिना की सूजन, हृदय की मांसपेशी की सूजन, लीवर की सूजन, गुर्दे की सूजन, रक्तस्राव, मस्तिष्क की झिल्लियों की सूजन और मस्तिष्क के आस-पास के ऊतकों की सूजन, रीढ़ की हड्डी की सूजन, दुर्लभ परिधीय तंत्रिका तंत्र की बीमारी, जो मांसपेशियों की कमजोरी की विशेषता है, सिर के नसों के कार्य में कमी.

इलाज

चिकनगुनिया वायरस कम घातक बीमारी है, लेकिन लक्षण गंभीर और भयावह हो सकते हैं. अधिकांश रोगियों का बुखार एक हफ्ते के अंदर ठीक हो जाता हैं, लेकिन जोड़ों का दर्द महीनों तक बना रहता है. 20 प्रतिशत रोगियों में एक साल बाद फिर से जोड़ों में दर्द की शिकायत होती है.

  • चिकनगुनिया के इलाज के लिए कोई विशिष्ट दवाइयां नहीं है. डॉक्टर आराम और तरल और सूपाच्य पदार्थ जैसे कि दलिया, खिचड़ी, सूप आदि के सेवन की सलाह देते है.
  • लंबे समय से हो रहे दर्द के लिए फिजियोथेरेपी की मदद लें.

रोकथाम और नियंत्रण

  • डीईईटी (एन, एन-डिमेथाइल-मेटा-डोलोमाइट) युक्त कीटनाशक या त्वचा और कपड़ों पर पिकारिडिन का उपयोग करें.
  • पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़ें पहने.
  • जितना संभव हो सके घर के अंदर रहें, विशेष रूप से सुबह और देर दोपहर को.
  • प्रकोप का सामना कर रहे क्षेत्रों में यात्रा करने से बचें.
  • नींबू युकलिप्टस या पीएमडी (पी-मेंथेन-3,8-डायोल) के तेल वाले उत्पादों का उपयोग करना प्रभावी हो सकता है.
  • एयर कंडीशनिंग का उपयोग करें - यह मच्छरों को कमरों में प्रवेश करने से रोकता है.
  • मच्छरदानी के अंदर सोयें.
  • मच्छर मारने वाली दवा और कीटनाशक का उपयोग करें.

चिकनगुनिया घातक बीमारी नहीं है, लेकिन इसके लक्षण परेशान करने वाले और लंबे समय तक रहने वाले हो सकते हैं. चिकनगुनिया के रोकथाम और नियंत्रण के लिए मच्छरों से बचना जरूरी है. वहीं डॉक्टर की सलाह का पालन करें. बच्चों और बुजुर्गों में वायरस का प्रभाव ज्यादा होता है. इसलिए मच्छरों से बचाव पर विशेष ध्यान दें. खासकर खुली जगह पर स्थिर पानी जमा न होने दें.

चिकनगुनिया एक गैर-घातक वायरल बीमारी है, जो एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर के कारण होता है. ये मच्छर स्थिर पानी में प्रजनन करते हैं और आपको न केवल रात के दौरान बल्कि दिन के दौरान भी काट सकते हैं. चिकनगुनिया का अर्थ है, 'विपरीत हो जाना' और इसे इसके विशिष्ट लक्षणों के कारण कहा जाता है (जोड़ों और हड्डियों में दर्द, कठोरता).

चिकनगुनिया के लक्षण

चिकनगुनिया वायरस से कुछ दिनों तक बुखार रहता है और कुछ हफ्ते या महीनों तक जोड़ों में दर्द बना रहता है.

इस वायरस के लक्षण अन्य बीमारियों के समान ही होते हैं, जैसे कि डेंगू बुखार. किसी व्यक्ति को मच्छर के काटे जाने के कुछ दिनों बाद ही लक्षण दिखाई देते हैं. इसके सबसे आम लक्षण हैं:

  • बुखार
  • जोड़ों में दर्द
  • सिर में दर्द
  • मांसपेशियों में दर्द
  • चकत्ते
  • जोड़ों के आसपास सूजन
  • कभी-कभी मैकुलोपापुलर चकत्ते (खसरा या रूबेला के समान), आंख आना, मतली होना और उल्टी आना जैसे लक्षण भी देखे जा सकते हैं.

संक्रमण

  • चिकनगुनिया एशिया, अफ्रीका, यूरोप और अमेरिका के 60 देशों में पाया गया था.
  • संक्रमित मादा मच्छरों के काटने से वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है. आमतौर पर इसमें शामिल मच्छरों की एडीज एजिप्टी और एडीस अल्बोपिकटस नामक दो प्रजातियां होती हैं, जो डेंगू सहित अन्य मच्छर जनित वायरस को भी फैला सकती हैं. दोनों प्रजातियां घर के बाहरी क्षेत्रों में काटती हैं, लेकिन एडीज एजिप्टी घर के अंदर भी आसानी से काट सकती है.
  • संक्रमित मच्छरों के काटने के 4 से 8 दिन के बाद बुखार आता है, लेकिन ये बीमारी 2 से 12 दिन तक चलता है.

चिकनगुनिया से होने वाली समस्याएं

भीतरी रेटिना और श्वेतपटल और कॉर्निया से बनी बाहरी तंतुमय परत के बीच आंख में परत की सूजन, रेटिना की सूजन, हृदय की मांसपेशी की सूजन, लीवर की सूजन, गुर्दे की सूजन, रक्तस्राव, मस्तिष्क की झिल्लियों की सूजन और मस्तिष्क के आस-पास के ऊतकों की सूजन, रीढ़ की हड्डी की सूजन, दुर्लभ परिधीय तंत्रिका तंत्र की बीमारी, जो मांसपेशियों की कमजोरी की विशेषता है, सिर के नसों के कार्य में कमी.

इलाज

चिकनगुनिया वायरस कम घातक बीमारी है, लेकिन लक्षण गंभीर और भयावह हो सकते हैं. अधिकांश रोगियों का बुखार एक हफ्ते के अंदर ठीक हो जाता हैं, लेकिन जोड़ों का दर्द महीनों तक बना रहता है. 20 प्रतिशत रोगियों में एक साल बाद फिर से जोड़ों में दर्द की शिकायत होती है.

  • चिकनगुनिया के इलाज के लिए कोई विशिष्ट दवाइयां नहीं है. डॉक्टर आराम और तरल और सूपाच्य पदार्थ जैसे कि दलिया, खिचड़ी, सूप आदि के सेवन की सलाह देते है.
  • लंबे समय से हो रहे दर्द के लिए फिजियोथेरेपी की मदद लें.

रोकथाम और नियंत्रण

  • डीईईटी (एन, एन-डिमेथाइल-मेटा-डोलोमाइट) युक्त कीटनाशक या त्वचा और कपड़ों पर पिकारिडिन का उपयोग करें.
  • पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़ें पहने.
  • जितना संभव हो सके घर के अंदर रहें, विशेष रूप से सुबह और देर दोपहर को.
  • प्रकोप का सामना कर रहे क्षेत्रों में यात्रा करने से बचें.
  • नींबू युकलिप्टस या पीएमडी (पी-मेंथेन-3,8-डायोल) के तेल वाले उत्पादों का उपयोग करना प्रभावी हो सकता है.
  • एयर कंडीशनिंग का उपयोग करें - यह मच्छरों को कमरों में प्रवेश करने से रोकता है.
  • मच्छरदानी के अंदर सोयें.
  • मच्छर मारने वाली दवा और कीटनाशक का उपयोग करें.

चिकनगुनिया घातक बीमारी नहीं है, लेकिन इसके लक्षण परेशान करने वाले और लंबे समय तक रहने वाले हो सकते हैं. चिकनगुनिया के रोकथाम और नियंत्रण के लिए मच्छरों से बचना जरूरी है. वहीं डॉक्टर की सलाह का पालन करें. बच्चों और बुजुर्गों में वायरस का प्रभाव ज्यादा होता है. इसलिए मच्छरों से बचाव पर विशेष ध्यान दें. खासकर खुली जगह पर स्थिर पानी जमा न होने दें.

Last Updated : Jun 30, 2020, 10:54 AM IST
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