उदयपुर. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (international yoga day) आज विश्व भर में मनाया जा रहा है. जब कोरोना संक्रमण (corona infection) के कारण पूरा विश्व इस महामारी से जूझ रहा है ऐसे में योग हमें आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण साध्य बनकर उभरा है. कोरोना की पहली और दूसरी लहर के कारण उत्पन्न हुई परिस्थितियों की वजह से संपूर्ण जीवन चक्र पर एक ग्रहण सा लग गया है.
कोरोना की वजह से बच्चों के जीवन पर भी गहरा प्रभाव पड़ रहा है. बच्चे भी स्कूल नहीं जा पा रहे ऐसे में घर पर रहकर टीवी और मोबाइल फोन और गेम खेल रहे हैं. ऐसी स्थिति में बच्चों में (benefits of yoga for kids) मानसिक तौर पर काफी तनाव और चिड़चिड़ापन देखा जा रहा है.
तीसरी लहर को भी बच्चों के लिए भयानक बताया जा रहा है. ऐसे में उदयपुर के आदि योग ग्रुप द्वारा योग के महत्व और योग की संस्कृति को बढ़ाने के लिए बच्चों को योग से जोड़ने का काम किया जा रहा है.
शारीरिक और मानसिक विकास में इससे वृद्धि हो रही है. उदयपुर के इन बच्चों ने भारत के अन्य बच्चों को भी योग से जुड़ने और उन्हें योग के महत्व के बारे में प्रेरणा देने का काम कर रहे हैं. ऐसे में यह बच्चे योग से इस अवस्था में जुड़कर योग के महत्व को बढ़ा रहे हैं.
वहीं प्राची कहती है- पहले मुझे भूख नहीं लगती थी मेरी लंबाई भी कम थी लेकिन जैसे-जैसे योग करना शुरू किया शरीर भी स्वस्थ है और मेरी लंबाई पर भी प्रभाव पड़ा है. ऐसे में फिट रहने के लिए योग करना चाहिए.
योग करते समय बच्चों को ये सावधानियां बरतनी आवश्यक-
- किसी भी आसन को करते वक्त अगर बच्चे को बहुत ज्यादा दर्द का एहसास हो तो उसे उसी वक्त रोक दें.
- पीछे झुकने वाले आसनों में चक्कर आने की समस्या कई बार होती है तो ऐसी स्थिति में भी बच्चे को बिठाकर कुछ देर रिलैक्स करने दें.
- अगर कमर में बहुत देर दर्द की शिकायत बच्चा करें तो उसे भी वहीं रोक दें और कुछ देर पीठ के बल लिटाकर आराम करने दें.
- आसन शुरु करने से पहले हल्की-फुल्की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइजेस जरूर कर लें.
- आसन खत्म होने के बाद भी कूलिंग डाउन एक्सरसाइजेस जरूरी होती हैं.
- बहुत ज्यादा थकान का अनुभव होने पर बच्चों को थोड़ा पानी पिलाया जा सकता है.
राजस्थान के सभी जिलों में योग कार्यक्रम-
राजस्थान के सभी जिलों में आज 50-50 जगहों पर छोटे-छोटे ग्रुप में योग के कार्यक्रम आयोजित हुए हैं. इन कार्यक्रमों के दौरान सरकारी गाइडलाइंस (government guidelines) का अनिवार्य रूप से पालन किया गया. लोगों के बीच इसे लेकर उत्साह भी देखा गया. हालांकि कोरोना वायरस की वजह से पिछले साल की तरह इस बार भी ज्यादातर लोगों ने वर्चुअल तरीके से विश्व योग दिवस का हिस्सा बने.
पहली बार योग दिवस कब मना-
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का विचार पहली बार भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने भाषण के दौरान रखा था. पीएम मोदी के इस प्रस्ताव को 11 दिसम्बर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पूर्ण बहुमत से पारित किया. पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया.
भारत में योग की शुरूआत से हुई-
योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द से बनी हुई है, जिसका अर्थ व्यक्तिगत चेतना है. भारत में योग का इतिहास पांच हजार साल पुराना है. इसे शरीर और आत्मा के बीच सामंजस्य का अद्भुत विज्ञान माना जाता है. योग कथाओं के अनुसार शिव ने सबसे पहले अपने सात शिष्यों को योग का ज्ञान दिया था.
ऐसा माना जाता है कि ग्रीष्म संक्रांति के बाद पहली पूर्णिमा के दिन इन सात ऋषियों को योग की शिक्षा दी गई थी और इसलिए इस दिन को शिव के अवतार के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन को दक्षिणायन के नाम से भी जाना जाता है. यह भी कहा जाता है कि इस अवधि के दौरान यदि कोई साधना की जाती है, तो प्रकृति भी व्यक्ति को आध्यात्मिक लक्ष्यों तक पहुंचने में मदद करती है.
ये भी पढ़ें: International Yoga Day: शौक को बनाया जीवन का मूलमंत्र, एक झटके में छोड़ी सरकारी नौकरी
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस-2021 की थीम-
इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस-2021 की थीम (International Yoga Day 2021 Theme) 'स्वास्थ्य के लिए योगा (Yoga for Well Being)' है. इस वर्ष योग दिवस की थीम वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के मद्देनजर रखी गई है.