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शिल्पग्राम महोत्सव : ओडिसी, कुचिपुड़ी और कत्थक नृत्य की प्रस्तुतियों से दर्शक रह गए अवाक - Rajasthan Latest News

Shilpgram Festival 2023, उदयपुर में जारी शिल्पग्राम महोत्सव में कुचिपुड़ी नृत्य की प्रस्तुती ने दर्शकों का मन मोहा. वहीं, रंजना गौहर के ग्रुप ने 'रास रंग' को पेश कर तमाम दर्शकों को सम्मोहित कर दिया. मालती श्याम एंड ग्रुप की ओर से कत्थक की शानदार प्रस्तुति दी गई.

उदयपुर शिल्पग्राम उत्सव
Udaipur Shilpgram Festival
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 24, 2023, 7:03 AM IST

Updated : Dec 24, 2023, 7:26 AM IST

उदयपुर. झीलों की नगरी उदयपुर में इन दिनों शिल्पग्राम महोत्सव की धूम देखने को मिल रही है. जब पीतल की थाली पर नृत्य करते हुए शिवाराधना करते डांसर्स ने अपना शानदार संतुलन दिखाया तो दर्शक आश्चर्यचकित और अवाक रह गए. दर्शक उनकी नृत्य विधा पर वाह-वाह करते नजर आए. दस दिवसीय उदयपुर शिल्पग्राम उत्सव के दौरान शनिवार शाम को मुक्ताकाशी मंच पर कुचिपुड़ी नृत्य के अंतर्गत 'शित तरंगम' की प्रस्तुति दी गई. आंध्र प्रदेश के इस डांस में जब कुचिपुड़ी नृत्य के विश्व प्रसिद्ध गुरु वी. जयराम राव ने प्रस्तुति दी तो तालियों की गड़गड़ाहट से समूचा शिल्पग्राम गूंज उठा.

वीय जयराम राव पद्मश्री और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हैं. इसके साथ ही कुचिपुड़ी नर्तकों-नृत्यांगनाओं ने 'जाति स्वरम' की प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इसमें कर्नाटक संगीत पर स्वरों का सम्मेलन किया गया. इसके अंतर्गत आंध्र प्रदेश की वेशभूषा और ज्वेलरी पहने डांसर्स ने मंदिरों में स्तुति की भाव-भंगिमाओं का नयनाभिराम प्रदर्शन किया. इस नृत्य की रचना कई वर्षों पहले महान गुरू माने गए वेपट्‌टी चिन्नास्वामी सत्यम ने की थी.

Udaipur Shilpgram Festival
श्रीकृष्ण और गोपियों का रास हुआ जीवंत

पढ़ें : देशभर की लोक संस्कृति के अनूठे संगम 'शिल्पग्राम उत्सव' का शानदार आगाज, 30 दिसंबर तक चलेगा महोत्सव

श्रीकृष्ण और गोपियों का रास हुआ जीवंत : इससे पहले पद्मश्री व संगीत नाटक अकादमी के पुरस्कार से नवाजी जा चुकीं विश्व प्रसिद्ध ओडिसी नृत्यांगना, कोरियोग्राफर और फिल्म निर्मात्री रंजना गौहर के ग्रुप ने दुनिया में कई मंचों वाहवाही लूट चुके ओडिसी डांस 'रास रंग' को पेश कर तमाम दर्शकों को सम्मोहित कर दिया. भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित इस नृत्य में बेहद खूबसूरत भाव-भंगिमाओं के साथ सभी डांसर्स ने श्रीराधा-कृष्ण और गोपियों के कुंज वन के रास की जीवंत प्रस्तुति देकर दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया. रंजना गौहर के निर्देशित राग मिश्र खमाज पर आधारित इस एक ताल डांस का गीत नाबा किशोर मिश्रा ने लिखा था. इसकी पटकथा और कोरियोग्राफी उस्ताद बिस्मिल्लाह खान पुरस्कार प्राप्त विनोद कविन बचन ने की.

Udaipur Shilpgram Festival
तराना में अनूठा संगम

पढ़ें : उदयपुर शिल्पग्राम महोत्सव में शामिल होंगे देश के जाने माने कलाकार, ढोल बजाकर राज्यपाल करेंगे शुभारंभ

कत्थक पर थिरके कला प्रेमी : नामचीन कत्थक नृत्यांगना लखनऊ घराने की मालती श्याम एंड ग्रुप ने कत्थक की शानदार प्रस्तुति से दर्शकों को थिरकने पर विवश कर दिया. यह नृत्य तीन ताल ख्याल में पेश किया गया. इसमें नयानाभिराम भावभंगिमाओं के साथ तोड़े, टुकड़े और तिहाइयों का प्रयोग किया. इस डांस में विवाह में वर के सौंदर्य को प्रकट करते गीत 'कैसो निको लगा, बनरा मोरा आंखों में' का कर्णप्रिय संगीत और नयनाभिराम नृत्य के साथ सुंदर सामंजस्य रहा. यह सुंदर संगीत प्रस्तुति वर की सौंदर्य को वर्णन करती है. यह एक सुंदर, अनूठी और पारंपरिक रचना है, जो सुंदर वातावरण और शुभ अवसर (शुभ घड़ी) का वर्णन करती है, जहां सभी दो आत्माओं के मिलन का इंतजार कर रहे हैं. इस समूह प्रस्तुति को गुरु मालती श्याम जी ने रचा और इसमें आश्विनी सोनी, हस्ती गज्जर, गौरी शर्मा, आंचल रावतशुभी मिश्रा और निकिता वत्स ने भाग लिया.

Udaipur Shilpgram Festival
कुचिपुड़ी नृत्य पर थिरकने को मजबूर हुए दर्शक

तराना में अनूठा संगम : अंत में इन तीनों सिद्धहस्त डांसर्स के ग्रुप्स की संयुक्त प्रस्तुति 'तराना' ने शिल्पग्राम की शाम को शास्त्रीय बना दिया. तीनों अलग-अलग विधाओं के सुपर सम्मेलन ने हर कला प्रेमी का मन मोह लिया.

उदयपुर. झीलों की नगरी उदयपुर में इन दिनों शिल्पग्राम महोत्सव की धूम देखने को मिल रही है. जब पीतल की थाली पर नृत्य करते हुए शिवाराधना करते डांसर्स ने अपना शानदार संतुलन दिखाया तो दर्शक आश्चर्यचकित और अवाक रह गए. दर्शक उनकी नृत्य विधा पर वाह-वाह करते नजर आए. दस दिवसीय उदयपुर शिल्पग्राम उत्सव के दौरान शनिवार शाम को मुक्ताकाशी मंच पर कुचिपुड़ी नृत्य के अंतर्गत 'शित तरंगम' की प्रस्तुति दी गई. आंध्र प्रदेश के इस डांस में जब कुचिपुड़ी नृत्य के विश्व प्रसिद्ध गुरु वी. जयराम राव ने प्रस्तुति दी तो तालियों की गड़गड़ाहट से समूचा शिल्पग्राम गूंज उठा.

वीय जयराम राव पद्मश्री और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हैं. इसके साथ ही कुचिपुड़ी नर्तकों-नृत्यांगनाओं ने 'जाति स्वरम' की प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इसमें कर्नाटक संगीत पर स्वरों का सम्मेलन किया गया. इसके अंतर्गत आंध्र प्रदेश की वेशभूषा और ज्वेलरी पहने डांसर्स ने मंदिरों में स्तुति की भाव-भंगिमाओं का नयनाभिराम प्रदर्शन किया. इस नृत्य की रचना कई वर्षों पहले महान गुरू माने गए वेपट्‌टी चिन्नास्वामी सत्यम ने की थी.

Udaipur Shilpgram Festival
श्रीकृष्ण और गोपियों का रास हुआ जीवंत

पढ़ें : देशभर की लोक संस्कृति के अनूठे संगम 'शिल्पग्राम उत्सव' का शानदार आगाज, 30 दिसंबर तक चलेगा महोत्सव

श्रीकृष्ण और गोपियों का रास हुआ जीवंत : इससे पहले पद्मश्री व संगीत नाटक अकादमी के पुरस्कार से नवाजी जा चुकीं विश्व प्रसिद्ध ओडिसी नृत्यांगना, कोरियोग्राफर और फिल्म निर्मात्री रंजना गौहर के ग्रुप ने दुनिया में कई मंचों वाहवाही लूट चुके ओडिसी डांस 'रास रंग' को पेश कर तमाम दर्शकों को सम्मोहित कर दिया. भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित इस नृत्य में बेहद खूबसूरत भाव-भंगिमाओं के साथ सभी डांसर्स ने श्रीराधा-कृष्ण और गोपियों के कुंज वन के रास की जीवंत प्रस्तुति देकर दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया. रंजना गौहर के निर्देशित राग मिश्र खमाज पर आधारित इस एक ताल डांस का गीत नाबा किशोर मिश्रा ने लिखा था. इसकी पटकथा और कोरियोग्राफी उस्ताद बिस्मिल्लाह खान पुरस्कार प्राप्त विनोद कविन बचन ने की.

Udaipur Shilpgram Festival
तराना में अनूठा संगम

पढ़ें : उदयपुर शिल्पग्राम महोत्सव में शामिल होंगे देश के जाने माने कलाकार, ढोल बजाकर राज्यपाल करेंगे शुभारंभ

कत्थक पर थिरके कला प्रेमी : नामचीन कत्थक नृत्यांगना लखनऊ घराने की मालती श्याम एंड ग्रुप ने कत्थक की शानदार प्रस्तुति से दर्शकों को थिरकने पर विवश कर दिया. यह नृत्य तीन ताल ख्याल में पेश किया गया. इसमें नयानाभिराम भावभंगिमाओं के साथ तोड़े, टुकड़े और तिहाइयों का प्रयोग किया. इस डांस में विवाह में वर के सौंदर्य को प्रकट करते गीत 'कैसो निको लगा, बनरा मोरा आंखों में' का कर्णप्रिय संगीत और नयनाभिराम नृत्य के साथ सुंदर सामंजस्य रहा. यह सुंदर संगीत प्रस्तुति वर की सौंदर्य को वर्णन करती है. यह एक सुंदर, अनूठी और पारंपरिक रचना है, जो सुंदर वातावरण और शुभ अवसर (शुभ घड़ी) का वर्णन करती है, जहां सभी दो आत्माओं के मिलन का इंतजार कर रहे हैं. इस समूह प्रस्तुति को गुरु मालती श्याम जी ने रचा और इसमें आश्विनी सोनी, हस्ती गज्जर, गौरी शर्मा, आंचल रावतशुभी मिश्रा और निकिता वत्स ने भाग लिया.

Udaipur Shilpgram Festival
कुचिपुड़ी नृत्य पर थिरकने को मजबूर हुए दर्शक

तराना में अनूठा संगम : अंत में इन तीनों सिद्धहस्त डांसर्स के ग्रुप्स की संयुक्त प्रस्तुति 'तराना' ने शिल्पग्राम की शाम को शास्त्रीय बना दिया. तीनों अलग-अलग विधाओं के सुपर सम्मेलन ने हर कला प्रेमी का मन मोह लिया.

Last Updated : Dec 24, 2023, 7:26 AM IST
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