उदयपुर. राजस्थान के उदयपुर में ओढा रेलवे ब्रिज को उड़ाने के मामले (Udaipur Ahmedabad railway track blast case) में एसओजी ने मुख्य आरोपी सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है. वारदात के पीछे की वजहों पर एसओजी की ओर से कहा गया कि पीएम मोदी से पैसे न मिलने से मुख्य आरोपी खासा (Big statement of accused father) नाराज था. ऐसे में उसने इस वारदात को अंजाम दिया. लेकिन मामले में एसओजी के खुलासा के बाद भी कई अनसुलझे सवाल अब भी खड़े हो रहे हैं. उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ट्रैक को उड़ाने की घटना को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी धूलचंद मीणा की जमीन को रेलवे और हिंदुस्तान जिंक की ओर से अधिकृत कर लिया गया था. इसके एवज में उसे कोई मुआवजा भी नहीं मिला था. इससे आरोपी खासा आवेश में था और उसने इस घटना को अंजाम दिया.
जमीन पर नहीं था हमारा हक... खैर, अब इस कहानी पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं. आरोपी धूलचंद मीणा जिस जमीन को लेकर मुआवजा की लड़ाई लड़ रहा था. उस जमीन पर धूलचंद तो क्या उसके पिता और दादा का भी कोई हक नहीं था. इस बात की जानकारी खुद आरोपी धूलचंद मीणा के पिता ने दी है. इस वारदात के साजिशकर्ता धूलचंद मीणा के पिता सवजी मीणा ने बताया कि यह जमीन उनके बाबा के नाम पर थी. आरोपी के पिता ने बताया कि भालड़िया स्थित जमीन उनके पिता मोगा मीणा के भाई थावरा, बेला, रूपा, श्राना के नाम पर थी. ऐसे में जावर माइंस की भूमि अधिग्रहण के बाद मुआवजा लेने के लिए वो लोग पात्र नहीं थे. उन्होंने कहा कि फिर भी हिंदुस्तान जिंक ने शर्त के आधार पर उन्हें नौकरी दी, लेकिन पिता के भाई रूपा के बेटे की शिकायत के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया.
पिता ने जताया अफसोस: आरोपी धूलचंद मीणा के पिता ने कहा कि धमाके की आवाज हमें भी सुनाई दी थी, लेकिन पूरी घटना की सूचना सुबह मिली. पिता ने पूछा कि पुल पर ब्लास्ट करने वाला कौन है, लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया. इस दौरान आरोपी अपने घर पर भी आया था. उन्होंने कहा कि मेरे बेटे ने जो किया उस पर उन्हें अफसोस है. अगर उन्हें पहले ही इसकी सूचना मिली होती तो वो अपने बेटे को ट्रैक पर ही ले जाकर बांध देते. आरोपी के पिता ने बताया कि 2 से 3 साल पहले इसका मानसिक संतुलन भी खराब हो गया था. उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने जिस तरह की घटना को अंजाम दिया है, ऐसे में वो उसकी पैरवी कोर्ट में नहीं करेंगे.
कोर्ट में पेशी...रेलवे ट्रैक उड़ाने के मामले में दो आरोपियों को एटीएस के अधिकारी उदयपुर जिला व सेशन न्यायालय लेकर पहुंचे, जहां आरोपियों की पेशी हुई. इस दौरान एटीएस के अधिकारियों ने आरोपियों की 7 दिन की रिमांड मांगी, लेकिन कोर्ट से केवल 5 दिन की ही रिमांड मिली. इस दौरान एटीएस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनंत कुमार के साथ कई अधिकारी मौजूद रहे. हालांकि इस दौरान मुख्य आरोपी के चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी और वो कोर्ट परिसर में मुस्कुराता नजर आया. इधर, मामले में नाबालिग आरोपी को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया.
जानें पूरा मामला: दरअसल, उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे लाइन पर बने पुल पर बीते शनिवार की रात को आरोपियों ने ब्लास्ट की घटना को अंजाम दिया था. जिससे पटरियों पर क्रैक आ गया था. घटना के बाद मामले की जांच में जुटी टीम को मौके से बारूद भी मिला था. आरोपियों की साजिश पुल को उड़ाने और रेलवे ट्रैक को बर्बाद करने की थी. धमाके से चार घंटे पहले ही इस ट्रैक से ट्रेन गुजरी थी. वहीं, 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस लाइन का लोकार्पण किया था. मामले की ATS, NIA और रेल पुलिस जांच कर रही है.