उदयपुर. जिले के एसीबी की टीम ने शुक्रवार को गोगुंदा थाने के हेड कॉन्स्टेबल मालीराम को 11 हजार रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. बता दें कि कांस्टेबल ने यह राशि एक मामले के समझौते को लेकर मांगी थी, जिसकी शिकायत परिवादी की ओर से एसीबी में की गई और एसीबी ने इस पूरे मामले के सत्यापन के बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया.
जानकारी के अनुसार भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने शुक्रवार को गोगुंदा थाने के हेडकांस्टेबल मालीराम को 11 हजार रूपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है. रिश्वत के 4 हजार रूपए हेड कांस्टेबल के क्वार्टर से बरामद हुए हैं, जो उसने एक दिन पहले परिवादी जीवरराम से लिए थे. खास बात यह है कि हेड कांस्टेबल मालीराम जाट यह राशि उस मामले को खत्म करने की मांग रहा था, जिसमें दोनों पक्षों के बीच समझौता हो चुका है.
एसीबी एडिशनल एसपी सुधीर जोशी ने बताया कि गोगुंदा में राजपूत समाज की दो महिलाओं में झगड़ा हुआ था. झगड़े के बाद महिलाओं ने गोगुंदा थाने में परिवाद दिया था, जिसमें बाद में इनका समझौता हो गया था और इन्होंने राजीनामा लिखकर थाने में दे दिया था. उन्होंने बताया कि 2 दिन पहले हेडकांस्टेबल मालीराम इस मामले में दोनों महिलाओं को थाने लेकर आया और पूरे दिन बैठा कर रखा. एसपी ने बताया कि दोनों महिलाओं का रिश्तेदार थाने पहुंचा और हेडकांस्टेबल से निवेदन किया कि इनका समझौता हो चुका है, इन्हें छोड़ दीजिए. इस पर हेडकांस्टेबल मालीराम ने कहा कि समझौता हो गया है तो क्या पुलिस के 15 हजार रूपए खर्चा-पानी तो देना पड़ेगा और धमकाया कि इन औरतों को लेकर आ गया हूं, पैसे नहीं दिए तो इनके पतियों को भी झूठे मामले में बंद कर दूंगा. इस पर जीवनराम ने एसीबी में शिकायत की.
बता दें कि गुरूवार को एसीबी टीम ने सत्यापन करवाया तो हेड कांस्टेबल के 15 हजार रूपए रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि हुई. जिसमें से उसने 4 हजार रूपए उसी समय ले लिए और बचे 11 हजार रूपए लेने के लिए शुक्रवार को हेडकांस्टेबल परिवादी के गोदाम पर ही पहुंच गया. जहां एसीबी निरीक्षक हरीश चन्द्र चूंडावत और रोशन लाल के नेतृत्व में एसीबी टीम ने हेड कांस्टेबल मालीराम जाट को 11 हजार रूपए रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया.