उदयपुर. फतेहसागर झील में शनिवार को एक सीएनजी बोट के पलट गई थी. इस हादसे के बाद परिवहन विभाग ने कार्रवाई करते हुए फर्म बाबा रामदेव जनरल मोटर्स कंपनी की 3 CNG बोट को सीज कर लिया है (3 CNG boat seized in Udaipur).
7 दिन पहले फतेहसागर में वोटिंग का ठेका रामदेव जनरल मोटर्स को दिया गया था. जिसके बाद इस फर्म की एक वोट फतेहसागर में डूब गई थी. जिसे लेकर काफी विवाद हुआ. राजस्थान में पहली बार उदयपुर में सीएनजी बोट का संचालन शुरू हुआ (CNG Boat in Fateh Sagar Lake) था लेकिन अब सीएनजी की बोट के संचालन को लेकर कई सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं. इससे पहले परिवहन विभाग ने इस फर्म की संचालित बोट के लिए 4 जनवरी को फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया था. अब एक बोट के डूबने के दूसरे दिन परिवहन अधिकारियों की नींद टूटी और दोबारा से इन बोट का निरीक्षण करने पहुंचे. जिसके बाद परिवहन अधिकारी ने बोट को सीज करने का काम किया.
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इस पूरे मामले को लेकर कई सवाल भी खड़े हो गए हैं. इन बोट को लेकर पहले से ही चिंता जताई जा रही थी. ऐसे में विभाग ने कैसे सर्टिफिकेट जारी कर दिया और अब इन पर सीजकर इनकी जांच शुरू की गई है. सीएनजी बोट के संचालन को लेकर परिवहन अधिकारी कल्पना शर्मा ने कहा कि जब सीएनजी बोट का दोबारा निरीक्षण करवाया गया तो उसमें सामने आया कि बोट के अंदर सीएनजी का सिलेंडर लगा था. ऐसे में वह सिलेंडर बहुत हेवी था, जो बोट को वाइब्रेट कर रहा था.
शर्मा ने बताया कि बोट का जो फाइबर होता है, वह बहुत हल्का होता. जिसे वो लगातार काट रहा था. ऐसे में विभाग की टीम मौके पर पहुंची और सभी वोट को चेक करने का काम किया. विभाग में तीनों बोट के फिटनेस को निरस्त कर दिया. पहले फिटनेस किस आधार पर दिया गया के सवाल पर कल्पना शर्मा ने कहा कि पहले सीएनजी की बोट सही चल रही थी.