उदयपुर. जिले में एक मजदूर को कोरोना वैक्सीन लगाने का झांसा देकर उसकी नसबंदी कर दी गई. पीड़ित का कहना है कि वह उदयपुर के प्रतापनगर इलाके में रहकर मजदूरी का काम करता है. उसे वैक्सीन लगवाने लिए 2 हजार रुपए का लालच दिया गया था. बाद में अस्पताल ले जाकर नसबंदी कर दी गई.
इस मामले में पीड़ित का कहना है कि अस्पताल में उसे एक इंजेक्शन दिया गया, जिसके बाद वह बेहोश हो गया. जब उसे होश आया तो जानकारी मिली कि उसकी नसबंदी(fraudulent sterilization in Udaipur) कर दी गई है.
पीड़ित मजदूर ने उदयपुर शहर के भूपालपुरा थाने में वैक्सीनेशन के बहाने नसबंदी करने संबंधी केस दर्ज कराया है. पीड़ित ने पुलिस को बताया कि वह 29 दिसंबर की सुबह बेकनी पुलिया पर खड़ा था. वह वहां अक्सर मजदूरी के लिए खड़ा होता था. इस दौरान सेक्टर 5 निवासी नरेश नामक व्यक्ति वहां आया. नरेश ने मजदूर को 400 रुपये का काम दिलाने की बात कही और अपने साथ ले गया. बाद में नरेश ने मजदूर को 2000 रुपए का लालच देकर कोरोना टीका लगवाने की बात कही. मजदूर नरेश की बातों में आ गया और वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार हो गया.
नरेश नाम का व्यक्ति पीड़ित मजदूर को अपनी स्कूटी पर बिठाकार पुला स्थित अस्पताल में ले गया. पीड़ित के मुताबिक नरेश ने अस्पताल में मजदूर को दो इंजेक्शन लगावाए. इंजेक्शन लगाते ही मजदूर बेहोश हो गया. आरोप है कि इसके बाद नरेश ने मजदूर का नसबंदी का ऑपरेशन करा दिया. आरोपी नरेश ऑपरेशन के बाद मजदूर को प्रतापनगर स्थित उसकी बहन के घर छोड़कर चला गया.
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इस मामले में पीड़ित मजदूर की मां का कहना है कि उसके एक ही बेटा है, मेरे बेटे का वैक्सीनेशन के बहाने नसबंदी का ऑपरेशन कर दिया गया, हम लोग काफी परेशान हैं. पीड़ित मजदूर की मां ने यह भी कहा कि उसका बेटा शादीशुदा है, लेकिन उसे अभी तक कोई संतान भी नहीं है, हमें इंसाफ चाहिए, मेरे एक ही बेटा है, जिसके कोई संतान नहीं है, उसकी भी नसबंदी कर दी. फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच करने में जुटी हुई है.