उदयपुर. जिले में एक बार फिर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करने वाला सनसनीखेज मामला सामने आए हैं. आरोप है कि एक युवती के केस में एएसआई और कांस्टेबल ने विवाहिता और उसके माता-पिता को जबरन घर से निजी गाड़ी से उठाकर गुजरात के अलग-अलग क्षेत्रों में घूमते रहे. इतना ही नहीं पुलिसकर्मियों ने विवाहिता के साथ दुष्कर्म का प्रयास भी किया. मामले को लेकर राजस्थान की सियासत में उबाल है. बीजेपी गहलोत सरकार को घेरने में लगी (Rathore on rape accusation on Udaipur Police) है.
उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि गहलोत सरकार के कुशासन में पुलिस तंत्र 'रक्षक' की बजाय 'भक्षक' की भूमिका में है. खाकी के दागदार होने का यह पहला मामला नहीं है. लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा देने वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार राजस्थान में है और यहां बेटियां-महिलाएं खुद न्याय के लिए सरकार से लड़ने को मजबूर है.
उदयपुर में महिला को चौकी में रखकर दुष्कर्म का प्रयास व ज्यादती की घटना गहलोत सरकार के ध्येय 'आपका विश्वास-हमारा प्रयास' की पोल खोल रही है. महिलाओं में इस सरकार के प्रति कैसा विश्वास है, यह घटना उसकी बानगी है. लगता है सरकार का प्रयास महिलाओं की आबरू लूटने पर खामोश रहना है.
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बता दें कि चौकी में रेप के प्रयास के साथ आरोप है कि पुलिस कर्मी ने विवाहित से चौकी में खाना बनवा कर झूठे बर्तन भी साफ कराने की बात सामने आई. उक्त घटना की जानकारी पुलिस के आला अधिकारियों को दी गई. जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. मनोज चौधरी ने फिलहाल इस मामले में कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया है. वहीं एएसआई थानाधिकारी को लाइन हाजिर कर दिया गया है.
पिता की बेरहमी से पिटाई
महिला ने रिपोर्ट में बताया कि डैया चौकी के एएसआई राजकुमार और कांस्टेबल जितेंद्र कुमार गुरुवार को मुझे और मेरे माता-पिता को गांव की एक युवती के लापता होने के मामले में उठाकर निजी वाहन से गुजरात ले गए, जहां दिनभर भटकने के बाद वापस डैया चौकी पहुंचे और रात भर चौकी में ही रखा. इस दौरान इन दोनों पुलिसकर्मियों ने बेशर्मी की सभी हदें पार करते हुए चौकी में ही काम करवाया. कांस्टेबल जितेंद्र ने चौकी परिसर स्थित अपने कमरे में माता-पिता से अलग अलग सुलाया और गलत हरकत करने की कोशिश की. शोर मचाने पर पिता पहुंचे तो उनकी पिटाई कर दी. इस पूरी घटना के दूसरे दिन फिर गुजरात ले गए.
रिपोर्ट दर्ज करने में आनाकानी करती रही पुलिस
पीड़िता का कहना है कि इस दौरान गांव में सूचना फैली तो मारपीट कर विसनगर में ही उन्हें छोड़ कर आ गए. पूरी घटना किसी को नहीं बताने को लेकर परिवार को डराया और धमकाया गया. पीड़ित परिवार से मिली जानकारी के अनुसार चौकी में एक भी महिला पुलिसकर्मी नहीं होने के बावजूद उसे रख गया. शनिवार दोपहर पीड़िता अपने मां-बाप के साथ गांव पहुंची. रविवार दोपहर झाड़ोल विधायक के नेतृत्व में पीड़िता सहित लगभग सात दर्जन लोग पानरवा थाने पहुंचे. थानाधिकारी सहित एएसआई और कांस्टेबल के खिलाफ रिपोर्ट पेश की. आरोप है कि पुलिस इस मामले को दर्ज करने में आनाकानी करती रही. मामला बिगड़ता देख सूचना के बाद कोटडा डीएसपी भी पानरवा थाने पहुंचे.
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लापता युवती मामले में महिला को ले गई थी पुलिस
पानरवा थाने में 26 वर्षीय युवती के लापता होने की रिपोर्ट लिखवाई गई थी. बताया गया कि पांच वर्ष पहले उसके जीजा कमजी खराडी के साथ गुजरात गई. कुछ दिनों बाद जीजा से बहन के बारे में पूछने पर उसने कोई जानकारी होने से इनकार कर दिया. इसके बाद से ही पिछले पांच साल से युवती की कोई जानकारी नहीं मिल पाई. इस मामले में ही पुलिस ने पीड़िता को जबरन उठाते हुए उनसे ज्यादतियां की.
इस मामले पर उदयपुर एसपी मनोज चौधरी का ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि जितेन्द्र को सस्पेंड कर दिया. महिला पुलिसकर्मी को साथ नहीं रखने के मामले में लापरवाही बरतने वाले थानाधिकारी नाथुसिंह और एएसआई राजकुमार को भी लाइन हाजिर किया है. इस पूरे मामले के सामने आने के बाद अब भाजपा नेता गहलोत सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं. पुलिस के उच्च अधिकारी इस पूरे मामले की जांच करने में जुटे हुए हैं.