जयपुर: वैलेंटाइंस डे को प्यार का दिन माना जाता है, लेकिन इस दिन के जश्न के बीच राइट टू च्वाइस के लिए काम कर रही सामाजिक कार्यकर्ता लता सिंह ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि प्यार केवल एक दिन का जश्न नहीं होता, बल्कि यह एक गहरी भावनात्मक जुड़ाव और जिम्मेदारी है. इसे समझना और निभाना चाहिए, न कि इसे केवल बाहरी दिखावे या समाज के दबाव में मनाना चाहिए.
रिश्तों की गहराई समझें : लता सिंह ने कहा कि प्यार एक अहसास है जो दो व्यक्तियों को जोड़ता है. यह कोई एक दिन का त्योहार नहीं, बल्कि जीवन भर का अनुभव है, जो सम्मान, विश्वास और स्वतंत्रता से भरपूर होना चाहिए. उन्होंने बताया कि आजकल रिश्तों में सम्मान की कमी और सोशल मीडिया के दबाव के कारण प्यार का असली रूप गुम हो रहा है. प्यार में दिखावा या महंगे गिफ्ट्स की कोई अहमियत नहीं होती, सच्चा प्यार उन छोटे और प्यारे पलों में छुपा होता है जो दिल से महसूस होते हैं. लता ने इस बात पर जोर दिया कि रिश्तों में वक्त देना और सही निर्णय लेने के लिए समय लेना बहुत जरूरी है, क्योंकि आजकल युवाओं में रिश्तों के प्रति धैर्य और लॉयल्टी की कमी होती जा रही है.
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कानूनी कदमों की आवश्यकता : लता सिंह ने समाज में जबरन विवाह और "ऑनर किलिंग" के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता पर भी बात की. उन्होंने कहा कि जबरन विवाह रोकने के लिए सख्त कानूनों की जरूरत है और "लव जिहाद" जैसे भ्रामक मुद्दों से किसी भी जोड़े को परेशान नहीं किया जाना चाहिए. लता ने यह भी बताया कि बालिग लड़कियों और लड़कों को अपनी पसंद के जीवनसाथी को चुनने का अधिकार मिलना चाहिए और इसके लिए कानूनी सुरक्षा जरूरी है.
विवाह को कानूनी मान्यता मिले : लता सिंह ने सुझाव दिया कि स्पेशल मैरिज एक्ट की प्रक्रिया को सरल और तेज किया जाए ताकि बिना किसी धार्मिक बाधा के विवाह को कानूनी मान्यता मिल सके. उन्होंने कहा कि महिलाओं और पुरुषों की विवाह की न्यूनतम उम्र को समान किया जाना चाहिए और कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित एवं सरल बनाना चाहिए.
बच्चों को दें सही दिशा : लता ने यह भी कहा कि बच्चों को बचपन से यह सिखाना चाहिए कि वे अपने जीवन के महत्वपूर्ण फैसले खुद ले सकते हैं. इसके साथ ही परिवारों का कर्तव्य है कि वे उनके फैसलों का सम्मान करें. विवाह को व्यक्तिगत पसंद के रूप में देखने की मानसिकता को बढ़ावा दिया जाए, ताकि समाज का दबाव रिश्तों को प्रभावित न करे. लता सिंह ने यह स्पष्ट किया कि प्यार और रिश्तों को सच्चाई और सम्मान से निभाया जाना चाहिए. इसके लिए कानूनी बदलाव के साथ-साथ सामाजिक सोच में भी बदलाव की आवश्यकता है, ताकि हर व्यक्ति को अपने जीवनसाथी को चुनने का अधिकार मिल सके. इस बदलाव के लिए समाज, परिवार, स्कूल और कानून सभी को मिलकर काम करना होगा.