उदयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर अब सियासी तकरार भी बढ़ती जा रही है. दक्षिणी राजस्थान की एक विधानसभा सीट पर इस बार भी दिलचस्प मुकाबला होता हुआ नजर आ सकता है. मेवाड़ की सबसे हॉट सीटों में एक वल्लभनगर जहां इस बार भी चतुष्कोणीय मुकाबले के आसार नजर आ रहे हैं. इस सीट पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. जबकि भाजपा ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. इन दोनों पार्टियों के अलावा वल्लभनगर में आरएलपी और जनता सेना भी मैदान में दिखाई दे रही है.
वल्लभनगर विधानसभा सीट पर चतुष्कोणी मुकाबला: राजस्थान की राजनीतिक सियासत में वल्लभनगर विधानसभा सीट का अपना ही एक दबदबा और एक वर्चस्व में देखा जाता है. यहां पिछले चुनावों से चतुष्कोणीय मुकाबला होता आया है. यहां भाजपा के ही दो पूर्व उम्मीदवार भाजपा के लिए सिरदर्द बने हुए हैं. जिसकी वजह से यहां मुकाबला हरदम दिलचस्प होता हुआ नजर आता है. कांग्रेस ने वर्तमान विधायक प्रीति शक्तावत को ही अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं दूसरी ओर जनता सेना सुप्रीमो रणधीर सिंह भिंडर भी मैदान में डटे हुए दिखाई दे रहे हैं. हालांकि भिंडर के भाजपा में शामिल होने को लेकर अलग-अलग चर्चाएं भी गलियारों में चल रही हैं. वहीं दूसरी और आरएलपी के तरफ से उदयलाल डांगी विधानसभा चुनाव को लेकर नजर बनाए हुए हैं.
वल्लभनगर विधानसभा सीट पर लगातार भाजपा को 3 बार अपने 2 बागी प्रत्याशियों के कारण मुंह की खानी पड़ी. पहली बार 2013 में रणधीर सिंह भींडर ने कटारिया से खिलाफत कर भाजपा प्रत्याशी गणपत लाल मेनारिया के सामने चुनाव लड़ा. टिकट कटने की सहानुभति के कारण भींडर चुनाव जीतने में कामयाब रहे. इसके बाद 2018 भींडर के सामने उदयलाल डांगी मैदान में थे. भींडर की पार्टी जनता सेना और भाजपा में वोट बंटने से इसका फायदा कांग्रेस को मिला.
2018 में गजेंद्र सिंह शक्तावत दूसरी बार विधायक बने. इसके बाद 2021 में उनके निधन के बाद उपचुनाव में गजेंद्र सिंह की पत्नी प्रीति शक्तावत मैदान में आई. उपचुनाव में डांगी को टिकट नहीं मिला, तो वे आरएलपी में शामिल हो गए. इस कारण चतुष्कोणीय मुकाबले में दूसरे स्थान पर डांगी और तीसरे स्थान पर जनता सेना के भींडर रहे. प्रीति की जीत के साथ उपचुनाव में बीजेपी चौथे स्थान पर चली गई.