उदयपुर. जिले के परसाद क्षेत्र में 20 दिनों में 3 लोगों को मौत की घाट उतारने वाले एक आदमखोर पैंथर को बुधवार को वन विभाग की टीम ने मार गिराया. इस मारने के लिए राज्य सरकार ने आदेश जारी कर दिए थे. इसे मारने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे जाम करके पुलिस पर पथराव कर दिया था. जिसके चलते बुधवार को आनन-फानन में वन विभाग की टीम के द्वारा इसे मार गिराया गया.
बता दें, इस आदमखोर पैंथर ने बीते मंगलवार को एक बच्ची को अपना शिकार बना लिया. इससे क्षेत्र में तनाव का मौहाल बन गया. आक्रोशित ग्रामीणों ने उपद्रव करते हुए पुलिस की गाड़ियां जला दी. इसमें 15 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. इससे तनाव के मौहाल पैदा होने के कारण अहमदाबाद से आने वाली गाड़ियों को पुलिसकर्मियों ने एहतियातन ऋषभदेव-खेरवाड़ा के बीच ही रोक दिया था. इसके कारण वन विभाग की टीम लगातार अपने विशेषज्ञों के साथ पैंथर के तलाश में जुटी हुई थी. बुधवार को करीब 2 बजे ये पैंथर उसी स्थान के आस-पास दिखाई दिया जहां उसने बच्ची को अपना शिकार बनाया था. इसी समय इसे चिन्हित कर मार गिराया.
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वहीं, इस पूरी घटना के बाद जिला कलेक्टर आनंदी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही तय हो सकता है कि यह पैंथर आदमखोर था या नहीं. इसी के साथ ही ग्रामीणों की मांग को लेकर भी आनंदी ने अपनी बात रखी और कहा ग्रामीण चाहते है कि मुआवजे की राशि बढ़ाई जाए, जिसका प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया गया है. उदयपुर में ऐसा करीब 24 साल बाद हुआ है, जब किसी आदमखार पैंथर को विभाग ने गोली मारकर गिराया हो. इससे पहले 1995 में हल्दीघाटी क्षेत्र में एक आदमखोर पैंथर के चलते ग्रामीणों में दहशत का माहौल बन गया था. तब चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन से अनुमति लेने के बाद उस पैंथर की तलाश कर उसे गोली मार दी गयी थी.