उदयपुर. प्रदेश में मुख्यमंत्री बनने के बाद अब नेता प्रतिपक्ष को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष की रेस में ऐसे तो कई नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, जिनमें मुख्य तौर पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत, सचिन पायलट, गोविंद सिंह डोटासरा और राजेंद्र पारीक के नाम चर्चा के केंद्र में हैं. इसी बीच कांग्रेस के कद्दावर नेता व विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय के नाम भी चर्चा जोर शोर से होने लगी है.
क्या मेवाड़-वागड़ से कांग्रेस बनाई की नेता प्रतिपक्ष : दरअसल, राजस्थान में सता का द्वार कहे जाने वाले मेवाड़ से कांग्रेस ने पिछले 33 सालों से नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाया है. हालांकि, अपने पिछले कार्यकाल में विधानसभा अध्यक्ष के पद पर रहे डॉ. सीपी जोशी को जरूर ये जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन एक बार फिर से मेवाड़-वागड़ की 28 विधानसभा सीटों पर और आदिवासी बाहुल्य इलाकों को साधने के लिए पार्टी किसी आदिवासी नेता पर नेता प्रतिपक्ष का दायित्व सौंप सकती है. ऐसे में सबसे ज्यादा प्रबल दावेदार के रूप में महेंद्रजीत सिंह मालवीय सामने आए हैं. कांग्रेस ने इससे पहले स्वर्गीय हरिदेव जोशी को नेता प्रतिपक्ष बनाया था. वहीं, महेंद्रजीत सिंह मालवीय बांसवाड़ा जिले की बागीदौरा सीट से 2008,13,18, 2023 यानी चार बार चुनाव जीत चुके हैं.
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मेवाड़ भाजपा-कांग्रेस के लिए अहम : हालांकि, इससे पहले असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं. गुलाबचंद कटारिया के राज्यपाल बनने के बाद यह जिम्मेदारी राजेंद्र राठौड़ को दी गई थी, लेकिन अब आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस आदिवासियों को साधने के लिए मालवीय दांव लगा सकती है. आजादी के बाद से अब तक जिस पार्टी ने मेवाड़ में सर्वाधिक सीट हासिल की, उसने प्रदेश पर राज किया, लेकिन 2018 में ये मिथक भी टूट गया. कांग्रेस के मुकाबले भाजपा ज्यादा सीटें लेकर आई, फिर भी राज्य में भाजपा की सरकार नहीं बन सकी थी. इस बार के सियासी रण में भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही मेवाड़ को साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. मेवाड़ के पांच जिलों में भाजपा ने कांग्रेस के बड़े दिग्गजों को धराशायी किया.
राहुल गांधी के करीब माने जाते हैं महेंद्रजीत सिंह : बागीदोरा विधायक व सीडब्ल्यूसी मेंबर महेंद्रजीत सिंह मालवीय को इस बार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी मिल सकती है. मालवीया को जिले की पांच में से चार विधानसभा सीट जिताने का श्रेय जाता है. इस बार बांसवाड़ा की पांच में से बांसवाड़ा, कुशलगढ़, घाटोल और बागीदौरा सीट कांग्रेस की झोली में गई है. मालवीय 2008 से लगातार जीतते आ रहे हैं. वे दो बार मंत्री एक बार सांसद रहने के साथ ही तीन बार जिला प्रमुख रह चुके हैं. इस बार जहां उन्हें इंदिरा गांधी नहर में अन्य विभाग का जिम्मा दिया गया था. वहीं, इससे पूर्व में टीएडी मंत्री रह चुके हैं. उनकी पत्नी रेशम मालवीया इस समय जिला प्रमुख है, जबकि एक बेटा उपप्रधान भी है. मालवीया ने इस विधानसभा चुनाव में बांसवाड़ा सीट को छोड़कर सभी जगह चुनाव प्रचार किया था.