उदयपुर. जिले में दो माह पहले हुए मणप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी (Manappuram Gold Loan Finance Company) लूटकांड मामले में पुलिस ने पर्दाफाश किया है. करीब 24 किलो सोना व 10 लाख रुपये की लूट की घटना को अंजाम देने वाले गिरोह के दो सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इन दोनों लुटेरों को चित्तौड़ के निंबाहेड़ा इलाके से गिरफ्तार किया. लेकिन लूटकांड के मुख्य सरगना की गिरफ्त नहीं हो सकी है.
मामले में मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुए उदयपुर रेंज के आईजी प्रफुल्ल कुमार ने (Udaipur range IG Praful Kumar) बताया कि बीते 29 सितंबर को उदयपुर सिटी स्थिति मणप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी में लूट हुई थी. जिसे 5 शातिरों ने अंजाम दिया (Five accused in Loot case) था. उन्होंने बताया कि इस वारदात में शामिल आरोपी इससे पहले भी कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं.
वहीं, उन्होंने आगे बताया कि फिलहाल तक सोने और नकदी की बरामदगी नहीं हो सकी. बावजूद इसके वारदात में शामिल दो आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. आरोपियों से पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि इन पांचों को 50 से एक करोड़ रुपये मिलने थे, लेकिन घटना के बाद इनकी मुख्य सरगना से मुलाकात नहीं हो सकी. जिसके कारण अभी तक पैसों का बंटवारा नहीं हो सका था. आईजी ने बताया कि वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी उज्जैन भाग गए थे, जहां से सभी अलग-अलग इलाकों में निकल गए थे.
इसे भी पढ़ें - मारपीट कर रंगदारी वसूलने वाला 'अजमेर का आनंदपाल' गिरफ्तार
हालांकि, पुलिस से बचने के लिए के लिए आरोपियों ने नकली नाम का सहारा लिया. साथ ही बताया कि इनकी बिहार सेंट्रल जेल में एक-दूसरे से पहचान हुई थी. वहीं, करीब डेढ़ सौ से ज्यादा पुलिसकर्मी इनकी तालश में जुटे थे. फिलहाल पुलिस ने इस वारदात में शामिल दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिनकी शिनाख्त प्रिंस कुमार और फटूश कुमार के रूप में हुई है, जो मूल रूप से बिहार के निवासी हैं. इधर, पूछताछ में आरोपियों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए.
आरोपियों की मानें तो इन लोगों ने लूट से पहले पूरे इलाके की रेकी की थी, जिसके बाद विधिवत तरीके से योजना बनाकर वारदात को अंजाम दिया. वहीं, आईजी ने बताया कि गिरफ्तार दोनों आरोपियों के खिलाफ पहले से भी कई मामले लंबित हैं. जिसके कारण यह कई सालों तक जेल में रह चुके हैं. इनमें से एक के खिलाफ पुलिसकर्मी की हत्या का भी मामला है.
वारदात से पहले स्टूडेंट बनकर की इलाके की रेकी : बिहार से वारदात को अंजाम देने के लिए 5 लोग उदयपुर के डबोक पहुंचे थे, जहां आरोपी स्टूडेंट बनकर किराए पर रूम लिए और फिर मणप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी की रेकी में जुट गए. आरोपी ऐसी वारदात को पहले भी अंजाम दे चुके थे, इसलिए इसमें उन्हें कोई कठिनाई नहीं आई. वहीं, वारदात के दौरान आरोपियों ने फाइनेंस कंपनी में लगे जीपीएस सिस्टम को भी डीएक्टिवेट कर दिया था. साथ ही मौके पर विशेष तरह की डिवाइस लेकर पहुंचे थे.
छद्म नामों का खेल: प्राथमिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पांचों एक-दूसरे के बारे में कुछ ज्यादा नहीं जानते हैं. इनकी गैंग का सदस्य इन्हें एकजुट करता था और अपना नाम बदलकर ये एक-दूसरे से जान पहचान करते थे. वहीं, ये सभी आरोपी पहले से एक-दूसरे को नहीं जानते थे.