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दिवाली पर हैंडीक्राफ्ट का बाजार गुलजार, पर्यटकों को भी खूब लुभा रहे गिफ्ट आइटम...जमकर हो रही खरीदारी - Rajasthan hindi news

दिवाली पर हैंडीक्राफ्ट का बाजार गुलजार (Handicraft market buzzes on Diwali) है. तरह-तरह के खूबसूरत हैंडीक्राफ्ट आइटम लोग पर्व पर घर की सजावट के लिए खरीद रहे हैं. दो साल कोराना के कारण फीके पड़े हैंडीक्राफ्ट बाजार में रौनक लौटने से कारोबारियों को भी बढ़िया कारोबार की उम्मीद है.

दिवाली पर हैंडीक्राफ्ट का बाजार गुलजार
दिवाली पर हैंडीक्राफ्ट का बाजार गुलजार
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Published : Oct 24, 2022, 6:03 AM IST

उदयपुर. देश-दुनिया में अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर झीलों के शहर उदयपुर में हर रोज बड़ी संख्या में देसी-विदेशी सैलानी घूमने आ रहे हैं. पूर्व का वेनिस कहा जाने वाला यह शहर पर्यटकों की पहली पसंद बनता जा रहा है. पर्यटकों की संख्या में लगातार होते इजाफे के कारण पर्यटन व्यवसाय के साथ ही अन्य व्यवसाय की भी पुरानी रंगत लौटने लगी है. ऐसे में यहां हैंडीक्राफ्ट के बाजार की रौनक भी देखने को मिलती है. दिवाली के अवसर पर घरों को सजाने के लिए हैंडीक्राफ्ट आइटम्स (Handicraft market buzzes on Diwali) की काफी डिमांड रहती है.

त्योहार के साथ पर्यटकों का बड़ा पग फेरा...
त्यौहारों की शुरुआत होने के साथ ही शहर में पर्यटक की संख्या में इजाफा हो रहा है. लगातार पर्यटकों की संख्या बढ़ने के कारण इसका बढ़िया असर बाजार पर पड़ रहा है. देश-दुनिया से आने वाले पर्यटकों को शहर के हैंडीक्राफ्ट आइटम (Handicraft items sale in Diwali) खासे लुभा रहे हैं. ऐसे में दिवाली पर हैंडीक्राफ्ट बाजार की रंगत बढ़ गई है. कोरोना के कारण पिछले 2 सालों से हैंडीक्राफ्ट के व्यापार पर भी प्रभाव पड़ा था लेकिन एक बार फिर से यह अपनी पुरानी रंगत में नजर आ रहा है.अब लगातार पर्यटक हैंडीक्राफ्ट के अलग-अलग आइटम की खरीदारी भी कर रहे हैं जिससे व्यापारियों के चेहरे पर भी खुशी देखने को मिल रही है.

दिवाली पर हैंडीक्राफ्ट का बाजार गुलजार

पढ़ें. दीपावली पर लोक कलाकारों ने बांधा समा

इस दौरान ईटीवी भारत से बातचीत में व्यापारियों ने कहा कि लगातार ग्राहकों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में व्यापारियों की माने तो हैंडीक्राफ्ट (Diwali handicraft market in Udaipur) के कई अलग-अलग आइटम पर्यटकों को लुभा रहे हैं. हैदराबाद से आई एक पर्यटक ने बताया कि हैंडीक्राफ्ट के अलग-अलग आइटम हम खरीद रहे हैं क्योंकि इनकी डिजाइन बहुत सुंदर हैं. शहर में हैंडीक्राफ्ट के साथ ही दिवाली को लेकर भी नया आइटम किराना चुकी है.

हैंडीक्राफ्ट व्यापारी गणेश ने बताया कि इसमें सजावट के सामान के साथ हैंडीक्राफ्ट आइटम बिक रहे हैं. इस बार टूरिस्ट की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसे में पिछले सालों के मुकाबले अच्छे व्यापार होने की उम्मीद है. वहीं दिवाली को लेकर भी हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ गई है. 2 साल बाद दिवाली पर सजावट के आइटम की डिमांड में तेजी देखी गई है.

बाजार गुलजार
बाजार गुलजार
बड़ी संख्या में गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और देश के अलग-अलग राज्यों से पर्यटक झीलों की नगरी में आ रहे हैं. इस बार टूरिस्ट भी बढ़ चढ़कर खरीदारी कर रहे हैं.

पढ़ें. Dhanteras 2022: जोधपुर की विशिष्ट परंरपरा, धनतेरस पर धन के रूप में मिट्टी ले जातें हैं घर...जानें कारण

छोटे आइटम ज्यादा बिकते हैं
हैंडीक्राफ्ट व्यापारी ललित ने बताया कि हैंडीक्राफ्ट के छोटे-छोटे आइटम्स ज्यादा बिक रहे हैं क्योंकि बाहर से आने वाले पर्यटक इन्हें आसानी से अपने साथ ले जा पाते हैं. लेकिन कुछ पर्यटकों द्वारा बड़े आइटम खरीदने पर उन्हें हम कुरियर के द्वारा उनके घर भेज देते हैं. दिवाली पर घर में सजावट के लिए शोकेस आइटम भी ज्यादा बिक रहे हैं. पर्यटकों की अलग-अलग डिमांड देखने को मिल रही है. इस बार वुडन आइटम की खासी डिमांड है. इसके साथ ही मीनाकारी के अलग अलग आइटम भी बिक रहे हैं.

व्यापारी ने बताया कि पिछले 2 सालों से कोरोना महामारी के कारण सरकार ने लोक डाउन लगाया जिससे व्यापार भी पूरी तरह से प्रभावित हुआ, लेकिन अब स्थितियां बदलने के साथ फिर से व्यापार पटरी पर लौटने लगा है. जुलाई महीने से ही व्यापार फिर से पटरी पर लौट आया था लेकिन बीच में कन्हैयालाल हत्याकांड के कारण कुछ दिनों तक व्यापार पर जरूर प्रभाव पड़ा था फिर ठीक हो गया था. अब दिवाली के चलते भी लोग इसकी खरीदारी की जा रही है.

पढ़ें. ऐसे लोग रहें ज्यादा सावधान, Dipawali 2022 मनाएं सेहत वाली

हैदराबाद से उदयपुर घूमने आई पर्यटक गीता ने बताया कि उदयपुर बहुत खूबसूरत है. इसके साथ ही यहां के बाजार में अलग-अलग सामान देखने को मिल रहे हैं. हैंडीक्राफ्ट की दुकान पर खरीदारी कर रही गीता ने बताया कि हैंडीक्राफ्ट के कई आइटम उन्हें पसंद आ रहे हैं और कई खरीदे भी हैं. उन्होंने कहा कि छोटे छोटे व्यापारियों से सामान लेंगे तो इनका भी बाजार तेजी से बढ़ेगा.

यहां की हस्तशिल्प पूरी दुनिया में अनूठी पहचान रखती है.यह अरावली पहाड़ियों से घिरा हुआ शहर प्राकृतिक के साथ-साथ घने वनों में बसा हुआ है. इन्हीं वनों से और पहाड़ों से प्राप्त लकड़ी, खनिजों से यहां कई वस्तुएं बनाई जाती हैं. उदयपुर में हस्तशिल्प की कई वस्तुएं प्रसिद्ध हैं. इनमे विशेष तौर पर लकड़ी के बने अन्य धातु से बने आइटम, चित्रकला के रंग मार्बल आदि सभी आइटम प्रकृति से प्राप्त चीजों से उपलब्ध हो जाते हैं.

पढ़ेें. Roop Chaturdarshi आज, नरक चतुर्दशी भी कहते हैं इसे...जानें सब कुछ

उदयपुर में लगभग छोटी से बड़ी 300-350 दुकानें हैं. जिनसे उदयपुर के हजारों लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होता है. उदयपुर में सालाना हस्तशिल्प का व्यापार 150 से 200 करोड़ का रहता है जिसमें निर्यात भी सम्मिलित है. विगत वर्षों में कोरोना के चलते हस्तशिल्प के व्यापार में काफी गिरावट आई थी. मगर इस बार व्यापार में काफी उछाल है. लगभग ढाई सौ से तीन सौ करोड़ के व्यापार की संभावना है. मुख्य रूप से यहां से पर्यटक लकड़ी के छोटे आइटम, व्हाइट मेटल, मीनाकारी ,आयरन ,जिंक, मार्बल के आइटम, मिनिएचर पेंटिंग, बंधेज आदि के आइटम ले जाना पसंद करते हैं. बड़े आइटम में व्हाइट मेटल फर्नीचर, मार्बल के बड़े आइटम पर्यटकों तक उनके शहरों और अन्य देशों में भी भिजवाया जाता है.इन सभी आइटम की कीमत उनकी क्वालिटी पर निर्भर करती है. समान दिखने वाली वस्तु की कीमत की गुणवत्ता पर निर्भर करती है. ग्राहक भी अपनी क्षमता अनुसार गुणवत्ता देखकर ही वस्तु खरीदता है.

इन आइटम की खासी डिमांड
आइटम ज्यादा बिक रहे है. उसमें लकड़ी के म्युजिशयन, द्वारपाल, हाथी, मिक्स एनिमल, फिगर, मेटल में आयरन के वाल हैंगिंग पीस, शोकेस शामिल हैं. वहीं म्युजिसन, डांसिंग डॉल, ट्राइबल कपल, राधा कृष्ण, फ्लावर पॉट, मार्बल में पॉट, वास, एलिफेंट, पेन मोबाइल स्टैंड, लैम्प, मूर्तिया, जिंक में सारस, घोड़ा, भगवान की मूर्तियां, मिनेचर पेन्टिंग, मोजड़िया,
कशीदाकारी के बैग, पर्स, आर्टिफिशियल ज्वेलरी,मेटल व मीनाकारी की चौकी, बाजोट, प्लांटर, बॉक्स आदि ज्यादा डिमांड में हैं जिनकी कीमत 100 रुपये से लेकर 20 हज़ार तक है.

उदयपुर. देश-दुनिया में अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर झीलों के शहर उदयपुर में हर रोज बड़ी संख्या में देसी-विदेशी सैलानी घूमने आ रहे हैं. पूर्व का वेनिस कहा जाने वाला यह शहर पर्यटकों की पहली पसंद बनता जा रहा है. पर्यटकों की संख्या में लगातार होते इजाफे के कारण पर्यटन व्यवसाय के साथ ही अन्य व्यवसाय की भी पुरानी रंगत लौटने लगी है. ऐसे में यहां हैंडीक्राफ्ट के बाजार की रौनक भी देखने को मिलती है. दिवाली के अवसर पर घरों को सजाने के लिए हैंडीक्राफ्ट आइटम्स (Handicraft market buzzes on Diwali) की काफी डिमांड रहती है.

त्योहार के साथ पर्यटकों का बड़ा पग फेरा...
त्यौहारों की शुरुआत होने के साथ ही शहर में पर्यटक की संख्या में इजाफा हो रहा है. लगातार पर्यटकों की संख्या बढ़ने के कारण इसका बढ़िया असर बाजार पर पड़ रहा है. देश-दुनिया से आने वाले पर्यटकों को शहर के हैंडीक्राफ्ट आइटम (Handicraft items sale in Diwali) खासे लुभा रहे हैं. ऐसे में दिवाली पर हैंडीक्राफ्ट बाजार की रंगत बढ़ गई है. कोरोना के कारण पिछले 2 सालों से हैंडीक्राफ्ट के व्यापार पर भी प्रभाव पड़ा था लेकिन एक बार फिर से यह अपनी पुरानी रंगत में नजर आ रहा है.अब लगातार पर्यटक हैंडीक्राफ्ट के अलग-अलग आइटम की खरीदारी भी कर रहे हैं जिससे व्यापारियों के चेहरे पर भी खुशी देखने को मिल रही है.

दिवाली पर हैंडीक्राफ्ट का बाजार गुलजार

पढ़ें. दीपावली पर लोक कलाकारों ने बांधा समा

इस दौरान ईटीवी भारत से बातचीत में व्यापारियों ने कहा कि लगातार ग्राहकों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में व्यापारियों की माने तो हैंडीक्राफ्ट (Diwali handicraft market in Udaipur) के कई अलग-अलग आइटम पर्यटकों को लुभा रहे हैं. हैदराबाद से आई एक पर्यटक ने बताया कि हैंडीक्राफ्ट के अलग-अलग आइटम हम खरीद रहे हैं क्योंकि इनकी डिजाइन बहुत सुंदर हैं. शहर में हैंडीक्राफ्ट के साथ ही दिवाली को लेकर भी नया आइटम किराना चुकी है.

हैंडीक्राफ्ट व्यापारी गणेश ने बताया कि इसमें सजावट के सामान के साथ हैंडीक्राफ्ट आइटम बिक रहे हैं. इस बार टूरिस्ट की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसे में पिछले सालों के मुकाबले अच्छे व्यापार होने की उम्मीद है. वहीं दिवाली को लेकर भी हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ गई है. 2 साल बाद दिवाली पर सजावट के आइटम की डिमांड में तेजी देखी गई है.

बाजार गुलजार
बाजार गुलजार
बड़ी संख्या में गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और देश के अलग-अलग राज्यों से पर्यटक झीलों की नगरी में आ रहे हैं. इस बार टूरिस्ट भी बढ़ चढ़कर खरीदारी कर रहे हैं.

पढ़ें. Dhanteras 2022: जोधपुर की विशिष्ट परंरपरा, धनतेरस पर धन के रूप में मिट्टी ले जातें हैं घर...जानें कारण

छोटे आइटम ज्यादा बिकते हैं
हैंडीक्राफ्ट व्यापारी ललित ने बताया कि हैंडीक्राफ्ट के छोटे-छोटे आइटम्स ज्यादा बिक रहे हैं क्योंकि बाहर से आने वाले पर्यटक इन्हें आसानी से अपने साथ ले जा पाते हैं. लेकिन कुछ पर्यटकों द्वारा बड़े आइटम खरीदने पर उन्हें हम कुरियर के द्वारा उनके घर भेज देते हैं. दिवाली पर घर में सजावट के लिए शोकेस आइटम भी ज्यादा बिक रहे हैं. पर्यटकों की अलग-अलग डिमांड देखने को मिल रही है. इस बार वुडन आइटम की खासी डिमांड है. इसके साथ ही मीनाकारी के अलग अलग आइटम भी बिक रहे हैं.

व्यापारी ने बताया कि पिछले 2 सालों से कोरोना महामारी के कारण सरकार ने लोक डाउन लगाया जिससे व्यापार भी पूरी तरह से प्रभावित हुआ, लेकिन अब स्थितियां बदलने के साथ फिर से व्यापार पटरी पर लौटने लगा है. जुलाई महीने से ही व्यापार फिर से पटरी पर लौट आया था लेकिन बीच में कन्हैयालाल हत्याकांड के कारण कुछ दिनों तक व्यापार पर जरूर प्रभाव पड़ा था फिर ठीक हो गया था. अब दिवाली के चलते भी लोग इसकी खरीदारी की जा रही है.

पढ़ें. ऐसे लोग रहें ज्यादा सावधान, Dipawali 2022 मनाएं सेहत वाली

हैदराबाद से उदयपुर घूमने आई पर्यटक गीता ने बताया कि उदयपुर बहुत खूबसूरत है. इसके साथ ही यहां के बाजार में अलग-अलग सामान देखने को मिल रहे हैं. हैंडीक्राफ्ट की दुकान पर खरीदारी कर रही गीता ने बताया कि हैंडीक्राफ्ट के कई आइटम उन्हें पसंद आ रहे हैं और कई खरीदे भी हैं. उन्होंने कहा कि छोटे छोटे व्यापारियों से सामान लेंगे तो इनका भी बाजार तेजी से बढ़ेगा.

यहां की हस्तशिल्प पूरी दुनिया में अनूठी पहचान रखती है.यह अरावली पहाड़ियों से घिरा हुआ शहर प्राकृतिक के साथ-साथ घने वनों में बसा हुआ है. इन्हीं वनों से और पहाड़ों से प्राप्त लकड़ी, खनिजों से यहां कई वस्तुएं बनाई जाती हैं. उदयपुर में हस्तशिल्प की कई वस्तुएं प्रसिद्ध हैं. इनमे विशेष तौर पर लकड़ी के बने अन्य धातु से बने आइटम, चित्रकला के रंग मार्बल आदि सभी आइटम प्रकृति से प्राप्त चीजों से उपलब्ध हो जाते हैं.

पढ़ेें. Roop Chaturdarshi आज, नरक चतुर्दशी भी कहते हैं इसे...जानें सब कुछ

उदयपुर में लगभग छोटी से बड़ी 300-350 दुकानें हैं. जिनसे उदयपुर के हजारों लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होता है. उदयपुर में सालाना हस्तशिल्प का व्यापार 150 से 200 करोड़ का रहता है जिसमें निर्यात भी सम्मिलित है. विगत वर्षों में कोरोना के चलते हस्तशिल्प के व्यापार में काफी गिरावट आई थी. मगर इस बार व्यापार में काफी उछाल है. लगभग ढाई सौ से तीन सौ करोड़ के व्यापार की संभावना है. मुख्य रूप से यहां से पर्यटक लकड़ी के छोटे आइटम, व्हाइट मेटल, मीनाकारी ,आयरन ,जिंक, मार्बल के आइटम, मिनिएचर पेंटिंग, बंधेज आदि के आइटम ले जाना पसंद करते हैं. बड़े आइटम में व्हाइट मेटल फर्नीचर, मार्बल के बड़े आइटम पर्यटकों तक उनके शहरों और अन्य देशों में भी भिजवाया जाता है.इन सभी आइटम की कीमत उनकी क्वालिटी पर निर्भर करती है. समान दिखने वाली वस्तु की कीमत की गुणवत्ता पर निर्भर करती है. ग्राहक भी अपनी क्षमता अनुसार गुणवत्ता देखकर ही वस्तु खरीदता है.

इन आइटम की खासी डिमांड
आइटम ज्यादा बिक रहे है. उसमें लकड़ी के म्युजिशयन, द्वारपाल, हाथी, मिक्स एनिमल, फिगर, मेटल में आयरन के वाल हैंगिंग पीस, शोकेस शामिल हैं. वहीं म्युजिसन, डांसिंग डॉल, ट्राइबल कपल, राधा कृष्ण, फ्लावर पॉट, मार्बल में पॉट, वास, एलिफेंट, पेन मोबाइल स्टैंड, लैम्प, मूर्तिया, जिंक में सारस, घोड़ा, भगवान की मूर्तियां, मिनेचर पेन्टिंग, मोजड़िया,
कशीदाकारी के बैग, पर्स, आर्टिफिशियल ज्वेलरी,मेटल व मीनाकारी की चौकी, बाजोट, प्लांटर, बॉक्स आदि ज्यादा डिमांड में हैं जिनकी कीमत 100 रुपये से लेकर 20 हज़ार तक है.

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