उदयपुर. झीलों की नगरी उदयपुर में जी-20 शेरपा बैठक का पहला सत्र सोमवार (Udaipur host G20 Sherpa meeting) सुबह 8 बजे शुरू हुआ, जिसे भारतीय सरकार के शेरपा अमिताभ कांत ने संबोधित किया. इस दौरान बैठक में मौजूद सभी प्रतिनिधियों को (First session of G20 Sherpa meeting) कुल्हड़ चाय पिलाई गई. मौके पर उपस्थितों को संबोधित करते हुए शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि जी-20 के लोगो निर्माण में भारतीय ध्वज के (G20 logo inspired by Indian National Flags) चार रंगों- केसरिया, सफेद, हरा और नीले से प्रेरणा ली गई है. उन्होंने कहा कि कमल का फूल 'चुनौतियों के बीच विकास' को दर्शाती है, साथ ही मानव जीवन में प्रकृति प्रेम के भारतीय दृष्टिकोण भी इसमें समाहित है.
अमिताभ कांत ने कहा कि प्रतिनिधि तकनीकी परिवर्तन, हरित विकास के अलावा महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास पर प्रकाश डालने को SDG के कार्यान्वयन में तेजी लाने और समावेशी व लचीले विकास को सुविधाजनक बनाने संबंधी विषयों पर अपने विचार रख चुके हैं. उन्होंने आगे दुनिया के सामने खड़ी चुनौतियों का जिक्र करते हुए कि आज भारत के पास विश्व को आगे ले जाने का बड़ा अवसर है. हम विश्व को आर्थिक चुनौतियों से लड़ने का तरीका बताएंगे. साथ ही हम विकासशील देशों की आवाज उठाने के लिए भी जाने जाते हैं.
खैर, आज हम उस ग्रुप की अध्यक्षता कर रहे हैं, जो विश्व के 78 प्रतिशत व्यापार पर नियंत्रण रखता है. 85 प्रतिशत जीडीपी इसका हिस्सा है. कांत ने कहा कि शेरपा ट्रैक के लिए भारत के 12 मंत्रालयों ने अध्ययन के बाद इश्यू नोट संबंधित शेरपाओं को 15-20 दिन पहले ही भेज दिया है. भारत ने इस बार त्वरित आपदा प्रबंधन और स्टार्टअप को नए ग्रुप के रूप में जोड़ा है.
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आगे उन्होंने कहा कि उदयपुर भारत का सबसे शानदार पर्यटन स्थल है. साथ ही जी-20 के माध्यम से भी भारत के पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है. उदयपुर को शेरपा मीटिंग के लिए इसलिए भी चुना गया, क्योंकि सरकार इसे ग्लोबल टूरिजम डेस्टिनेशन बनाना चाहती है. भारत 'मदर ऑफ डेमोक्रेसी' है. इसके अलावा उन्होंने वूमेन लीड डेवलपमेंट, डेट डिस्टरेस, डिजिटल पब्लिक गुड्स और एसडीजी के लक्ष्यों को प्राप्त करने से जुड़े विषयों पर भी अपनी बात रखी.
वहीं, उन्होंने कहा कि आज डिजिटलाइजेशन और चिकित्सा क्षेत्र में भारत दुनियाभर में रोल मॉडल है. इसे दूसरे मामलों में भी आदर्श बनाएंगे. जी-20 की मेजबानी से हमारा देश लीडर बनकर उभरेगा. जिससे वैश्विक विकास, महिला विकास, व्यापार, भ्रष्टाचार नियंत्रण, आर्थिक सहयोग, रोजगार सृजन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और चिकित्सा के साथ ही शिक्षा संबंधित क्षेत्र में भी विकास और विस्तार की अपार संभावनाएं सृजित होंगी.
इतना ही नहीं कांत ने आगे कहा कि जी-20 दुनिया के बड़े भाग का प्रतिनिधित्व करता है. दुनिया की 85% जीडीपी, 78% ग्लोबल ट्रेड और 90% पेटेंट इन्हीं देशों के पास है. साथ ही दुनिया की दो तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व भी यही समूह करता है.