उदयपुर. जी-20 शेरपा बैठक में आयोजन को यादगार और मेहमानों का स्थानीय संस्कृति से रूबरू करवाने के लिए विशेष व्यवस्था की गई. इस देख विदेशी मेहमानों की आंखें जैसे चौंधिया (G 20 Sherpa impressed with Udaipur culture) गईं. यह कहना है जी 20 ऑपरेशन हैड मुक्तेश परदेशी का. परदेशी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ऐसी बैठकों से पर्यटन को तो बढ़ावा मिलता ही है. साथ ही दुनिया तक हमारा कल्चर पहुंचाया जाने का एक माध्यम भी बनता है.
बैठक के तीसरे दिन मंगलवार को दरबार हॉल में शेरपा बैठक शुरू हुई. जी 20 ऑपरेशन हैड मुक्तेश परदेशी ने इस दौरान कहा कि पूर्व के वेनिस को देखकर दुनियाभर से आए शेरपा गदगद नजर आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि जी 20 देशों के अलग-अलग ग्रुप की भारत में 200 से ज्यादा मीटिंग्स होंगी. दिल्ली में नवंबर 2023 में भारत की अध्यक्षता में जी 20 प्राइम मिनिस्टर्स की मीटिंग्स होगी. उन्होंने बताया कि जयपुर, जोधपुर और अन्य शहरों में भी बैठकें आयोजित की जाएंगी. जिससे पहले देश के हर राज्य में विभिन्न वर्किंग ग्रुप की मीटिंग्स चलेंगी.
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परदेशी ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी का लक्ष्य 2047 तक भारत को विकसित देश बनाना है. हमारी प्राथमिकता विमन लेड डवेलपमेंट, डिजीटल वर्किंग और मजबूत इकोनॉमी है. उन्होंने कहा कि राजसी कल्चर को देख यहां आए विदेशी मेहमानों की जैसे आंखों चौंधिया गईं. ऐसी मीटिंग्स से पर्यटन को बढ़ावा मिलता है. साथ ही दुनिया तक हमारे कल्चर को पहुंचाने का मौका होता है. इसका मुख्य उद्देश्य देश की नीति के साथ प्रदेश की संस्कृति को भी बढ़ावा देना है.
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न्यूजीलैंड और मेक्सिको में भारत के राजदूत रहे परदेशी ने कहा कि कोविड के समय न्यूजीलैंड का हॉस्पिटिलिटी सेक्टर बुरी तरह चरमरा गया था. वैक्सीन के लिए दुनिया हमारी तरफ देख रही थी. न्यूजीलैंड में इलेक्ट्रोनिक वोटिंग सिस्टम नहीं है. राजदूत रहते समय मुझे लोग पूछते थे कि भारत में ये कैसे संभव हो पाता है. ऐसे में जी-20 देशों को भारत से बड़ी उम्मीद है. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि भारत के अलग-अलग राज्यों में इस बैठक के आयोजन होंगे. जिसमें भारत की संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. उदयपुर को आने वाले सालों में इस बैठक से पर्यटन क्षेत्र में फायदा होगा.
जी-20 समिट के तीसरे दिन मंगलवार को सिटी पैलेस के माणक चौक पर सम्पर्ण भारत के प्रमुख शास्त्रीय एवं लोक नृत्य की रंगारंग झलक परदेशी पावणों को प्रस्तुत की गई. ‘सर्वेशं भारतः‘ शीर्षक पर आधारित इस प्रस्तुति के आरम्भ में प्रोजेक्शन मैंपिंग के माध्यम से भारत के विभिन्न पर्यटक स्थलों को रंग बिरंगी लेजर लाईट्स एवं मधुर संगीत के माध्यम से जीवंत किया गया. भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित बेहतरीन सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सराहना की और राजस्थान सरकार का धन्यवाद् ज्ञापित किया.
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शेरपा बैठक के मेहमानों को राजस्थान की समृद्ध संस्कृति से रूबरू कराने के उद्देश्य से 4 से 7 दिसम्बर की पर्यटन विभाग द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इस अवसर पर राजस्थान सरकार की मुख्य सचिव उषा शर्मा और प्रमुख शासन सचिव, पर्यटन विभाग गायत्री राठौड़ भी उपस्थित रही.
सांस्कृतिक कार्यक्रम की अगली मनोरम प्रस्तुति सम्पूर्ण भारत के विभिन्न हिस्सों के शास्त्रीय एवं लोक नृत्यों और संगीत पर आधारित रही. परदेशी पावणों पर राजस्थानी पारम्परिक लोक नृत्य, भारतीय शास्त्रीय एवं लोक नृत्य का जादू चलाते हुए चरी, गैर एवं घूमर के अतिरिक्त तमिलनाडु का भरतनाट्यम, ओडिशा से ओडिसी, गोटीपुआ एवं मयूरभंज छाऊ नृत्य, केरल के मोहिनीअट्टम नृत्य की प्रस्तुति दी गई. इसके बाद कलाकारों द्वारा प्रस्तुत उत्तर प्रदेश के कत्थक नृत्य, मणिपुर का मणिपुरी, आंध्र प्रदेश का कुचिपुड़ी, केरल का कथकली, मणिपुर से पुंग चोलोम, गुजरात के गरबा, पंजाब के भांगड़ा नृत्य ने सभी का मन मोह लिया.
इसी क्रम में अगली प्रस्तुति असम के बगरुम्बा, गुजरात के डांगी, त्रिपुरा के होजागिरी, मध्य प्रदेश के बधाई और कश्मीर के कश्मीरी नृत्य ने सभी को भारत के समृद्ध सांस्कृतिक ताने बाने से सराबोर कर दिया. कार्यक्रम की अगली प्रस्तुति के माध्यम से राजस्थान के फैशन की भव्यता को पेश किया गया. राजस्थानी टैक्सटाईल की कालातीत निरंतरता-अतीत, वर्तमान और भविष्य को दर्शाती यह प्रस्तुति राज्य के लुभावने पारंपरिक एवं समसामयिक पहनावे को बेहद रोचक तरीके से पेश किया गया.
बुधवार को रणकपुर में होगा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन: जी 20 समिट की प्रथम शेरपा मीटिंग के अंतिम दिन बुधवार 7 दिसम्बर को पर्यटन विभाग द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन रणकपुर में करवाया जायेगा. इसके अतिरिक्त राजस्थान सरकार द्वारा बुधवार को मेहमानों को कुम्भलगढ और रणकपुर का भ्रमण भी करवाया जायेगा. पर्यटन विभाग की ओर से शाम को होटल लीला के शीशमहल में मेहमानों को राजस्थान की धरा का अनुभव कराने के लिए डेजर्ट सिम्फनी की खास प्रस्तुति विश्व प्रसिद्ध लोक कलाकारों की ओर से दी गई. जिसमें लोक कलाकारों के पारंपरिक वाद्ययंत्रों की मधुर धुनों का मेहमानों ने खूब आनंद लिया.
इसमें राज्य के विभिन्न संभाग से आए लोक कलाकारों ने वाद्ययंत्रों की बेहतरीन प्रस्तुति दी. पश्चिमी राजस्थान के लंगा मांगणियार समूह की सिंधी सारंगी पर अनूठे संगीत प्रस्तुती ने सभी का मन मोह लिया. गाजी खान के नेतृत्व में दुर्लभ वाद्य संगीत नाद और राजस्थान के प्रसिद्ध स्वागत गीत केसरिया बालम ने शाम को खुशनुमा बना दिया. सोमवार को लेक पिछोला में स्थित जगमंदिर पैलेस पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या ‘कलर्स ऑफ राजस्थान‘ में प्रदेश के विभिन्न लोक कलाकारों ने विदेशी मेहमानों का मन मोह लिया.