उदयपुर. राजस्थान में चल रही सियासत के बीच सचिन पायलट ने एक बयान देकर राजनीति में फिर उबाल ला दिया है. सचिन पायलट ने प्रधानमंत्री मोदी के सीएम अशोक गहलोत की तारीफ करने पर सिलसिलेवार तरीके से कटाक्ष किए हैं. अब इस मामले को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रघुवीर मीणा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. वहीं, मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित नहीं करने पर केंद्र सरकार पर कई सवाल खड़े किए हैं.
पायलट के बयान पर बचते नजर आए मीणा : रघुवीर मीणा (CWC member Raghuveer Meena) ने सचिन पायलट के दिए गए बयान पर कहा कि मैंने पायलट के किसी बयान को सुना नहीं है, लेकिन उन्होंने किस भावना के आधार पर बयान दिया इस पर मैं कुछ कह नहीं सकता हूं. सचिन पायलट की ओर से गुलाम नबी आजाद और अशोक गहलोत को लेकर दिए गए बयान पर रघुवीर मीणा ने कहा कि अशोक गहलोत और गुलाम नबी आजाद दोनों के दिल, भावनाएं और शरीर अलग-अलग हैं. ऐसे में दोनों को एक तराजू पर नहीं तोलना चाहिए.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 नवंबर को मानगढ़ धाम के दौरे पर रहे, लेकिन आदिवासियों को एक बार फिर (Raghuveer Meena on PM Mangarh Visit) मायूसी हाथ लगी है. उम्मीद की जा रही थी कि पीएम मोदी मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करेंगे. पीएम क्षेत्र के विकास के लिए चार राज्यों के संयुक्त काम करने की बात कह कर रह गए. अब इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रघुवीर मीणा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित नहीं किए जाने पर सवाल खड़े किए.
पिकनिक के लिए आए मोदी : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रघुवीर मीणा ने कहा कि लंबे समय से लोगों की यही आस थी कि प्रधानमंत्री मोदी इस ऐतिहासिक मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करेंगे. यहां पर हजारों की संख्या में लोगों ने अपने देश के लिए शहादत दी थी. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को मायूस करते हुए सिर्फ इधर-उधर की बातें करते हुए वापस दिल्ली चले गए. मीणा ने कहा कि प्रधानमंत्री सिर्फ मानगढ़ में पिकनिक मनाने के लिए आए थे. गुजरात चुनाव, मध्यप्रदेश और राजस्थान में चुनाव को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी आदिवासियों को आकर्षित करने के लिए आए थे.
प्रधानमंत्री ने आदिवासी समाज के लोगों की भावनाओं को नहीं समझा. अब कांग्रेस इस मुद्दे को (PM Mangarh Visit as Picnic) लेकर विरोध प्रदर्शन करेगी. आने वाले समय में मुखरता के साथ आदिवासी समाज की आस्था का केंद्र मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग उठाएगी. आदिवासियों ने स्वतंत्रता संग्राम में जिस तरह से अंग्रेजों का विरोध किया और शहादत दे दी, केंद्र सरकार को इस शहादत को हल्के में नहीं लेना चाहिए. इसलिए केंद्र को आदिवासियों के साथ न्याय करते हुए इसे राष्ट्रीय स्मारक घोषित करना चाहिए.
अचानक इतना बड़ा आयोजन क्यों : मानगढ़ धाम में केंद्र सरकार की ओर से इतने बड़े आयोजन को लेकर रघुवीर मीणा ने कहा कि सरकार ने आयोजन पर इतना बड़ा खर्चा किया. इसमें स्वयं प्रधानमंत्री भी शामिल हुए, 3 राज्यों के मुख्यमंत्री आए. लेकिन प्रधानमंत्री ने आदिवासियों को मामूली समझते हुए उनकी भावनाओं को तवज्जो नहीं दी.