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उदयपुर में सूखती झीलों की हो रही है खुदाई...किसानों को मिलेगा ये खास फायदा

मानसून की बेरुखी और बढ़ती गर्मी से उदयपुर की झीलें सूखने की कगार पर है. ऐसे में उदयपुर की फतेहसागर झील में कम पानी होने की वजह से सतह दिखने लगी है. ऐसे में यूआईटी की ओर से इसकी खुदाई करवाकर इसकी भराव क्षमता को बढ़ाया जा रहा है.

उदयपुर में सूखती झीलों की हो रही है खुदाई
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Published : May 24, 2019, 9:47 AM IST

उदयपुर. बढ़ती गर्मी और मानसून की बेरुखी से उदयपुर में झीलें सूखने की कगार पर है. ऐसे में उदयपुर की फतेहसागर झील में कम पानी होने की वजह से सतह दिखने लगी है. यूआईटी प्रशासन द्वारा किसानों को मुफ्त में फतेहसागर की मिट्टी ले जाने का मौका दिया गया है, ताकि फतेहसागर झील की भराव क्षमता में इजाफा हो सके. वहीं इससे किसानों को भी उपजाऊ मिट्टी मिल सकेगी.

उदयपुर में सूखती झीलों की हो रही है खुदाई
मानसून की बेरुखी के चलते उदयपुर की खूबसूरत झीलें अपना मूल अस्तित्व खोती हुई दिखाई दे रही हैं. इस वजह से उदयपुर की पिछोला और फतेहसागर झील सूखने की कगार पर जा पहुंची है. बता दें कि उदयपुर की फतेह सागर झील पर्यटकों का प्रमुख केंद्र मानी जाती है. लेकिन इस झील का रानी रोड वाला हिस्सा अब पूरी तरह सूख गया है, और यूआईटी प्रशासन द्वारा यहां पर मिट्टी निकालने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है. जिला प्रशासन द्वारा आगामी मानसून की तैयारी को लेकर झीलों की भराव क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से झीलों को गहरी करने का कार्य किया जा रहा है. तो वहीं झीलों की उपजाऊ मिट्टी को खेतों और फार्म हाउस के उपयोग के लिए लोगों द्वारा ले जाया जा रहा है.

उदयपुर. बढ़ती गर्मी और मानसून की बेरुखी से उदयपुर में झीलें सूखने की कगार पर है. ऐसे में उदयपुर की फतेहसागर झील में कम पानी होने की वजह से सतह दिखने लगी है. यूआईटी प्रशासन द्वारा किसानों को मुफ्त में फतेहसागर की मिट्टी ले जाने का मौका दिया गया है, ताकि फतेहसागर झील की भराव क्षमता में इजाफा हो सके. वहीं इससे किसानों को भी उपजाऊ मिट्टी मिल सकेगी.

उदयपुर में सूखती झीलों की हो रही है खुदाई
मानसून की बेरुखी के चलते उदयपुर की खूबसूरत झीलें अपना मूल अस्तित्व खोती हुई दिखाई दे रही हैं. इस वजह से उदयपुर की पिछोला और फतेहसागर झील सूखने की कगार पर जा पहुंची है. बता दें कि उदयपुर की फतेह सागर झील पर्यटकों का प्रमुख केंद्र मानी जाती है. लेकिन इस झील का रानी रोड वाला हिस्सा अब पूरी तरह सूख गया है, और यूआईटी प्रशासन द्वारा यहां पर मिट्टी निकालने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है. जिला प्रशासन द्वारा आगामी मानसून की तैयारी को लेकर झीलों की भराव क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से झीलों को गहरी करने का कार्य किया जा रहा है. तो वहीं झीलों की उपजाऊ मिट्टी को खेतों और फार्म हाउस के उपयोग के लिए लोगों द्वारा ले जाया जा रहा है.
Intro:इस खबर के शॉर्ट्स मौजों से भेजे गए हैं और बाइट मेल से पिछले मानसून की बेरुखी और बढ़ती गर्मी से उदयपुर की झीलें सूखने की कगार पर है ऐसे में उदयपुर की फतेहसागर झील का पैंदा दिखने लग गया है ऐसे में यूआईटी प्रशासन द्वारा किसानों को मुफ्त में फतेहसागर की मिट्टी ले जाने का मौका दिया गया है ताकि फतेहसागर झील की भराव क्षमता में इजाफा हो तो वहीं किसानों को भी उपजाऊ मिट्टी मिल सके


Body:मानसून की बेरुखी के चलते उदयपुर की खूबसूरत झीलें अपना मूल अस्तित्व खोती हुई दिखाई दे रही है इस वजह से उदयपुर की पिछोला और फतेहसागर झील सूखने की कगार पर जा पहुंची है बता दें कि उदयपुर की फतेह सागर झील पर्यटकों का प्रमुख केंद्र मानी जाती थी लेकिन इस दिल का रानी रोड वाला हिस्सा अब पूरी तरह सूख गया है और यूआईटी प्रशासन द्वारा यहां पर मिट्टी निकालने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है बता दें कि जिला प्रशासन द्वारा आगामी मानसून की तैयारी को लेकर झीलों की भराव क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से झीलों को गहरी करने का कार्य किया जा रहा है तो वहीं झीलों की उपजाऊ मिट्टी को खेतों और फार्म हाउस के उपयोग के लिए लोगों द्वारा ले जाया जा रहा है जिला प्रशासन के इस कदम से फतेहसागर झील की भराव क्षमता में जरूर वृद्धि होगी इस वजह से आने वाले मानसून में झीलों के जलस्तर में भी इजाफा देखने को मिल सकता है


Conclusion:कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि जिला प्रशासन द्वारा उदयपुर की सूखती झीलों में जहां खुदाई करवा कर उनका जलस्तर बढ़ाने की कोशिश की जा रही है तो वहीं झीलों की उपजाऊ मिट्टी को किसानों को मुफ्त बांट उनकी मदद भी की जा रही है बाइट - उज्जवल राठौड़ ,आयुक्त यूआईटी उदयपुर
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