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राजस्थान में भी ’’हाथी’ को दो बार ’जादू’ से गायब कर चुके हैं सीएम अशोक गहलोत’

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Published : Jun 13, 2023, 9:43 PM IST

सीएम अशोक गहलोत ने उदयपुर में कहा कि पीएम मोदी और अमित शाह उत्तर प्रदेश से बसपा को गायब कर चुके हैं. इस पर राजनीतिक पंडितों का कहना है कि गहलोत खुद राजस्थान में बसपा को दो बार गायब कर चुके हैं.

CM Gehlot statement on BSP party in UP
’’हाथी’ को दो बार ’जादू’ से गायब कर चुके हैं सीएम अशोक गहलोत’
बसपा को गायब करने के गहलोत के बयान क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक

उदयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने मेवाड़ दौरे के दौरान कार्यकर्ताओं से संवाद में पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का लेकर एक बयान दिया है. इसमें उन्होंने मोदी और शाह पर यूपी से हाथी (बसपा) को गायब करने का आरोप लगाया और कहा कि इस पर रिसर्च होना चाहिए. इस बयान पर राजनीतिक विश्लेषक श्यामसुंदर शर्मा का कहना है कि सीएम भूल गए कि वे राजस्थान से बसपा को दो बार गायब कर चुके हैं.

गहलोत ने ये दिया बयानः सीएम गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह को लेकर कहा कि उत्तर प्रदेश में बसपा का हाथी मैजिक की तरह गायब होता है. पता नहीं ऐसा क्या हुआ. क्योंकि जादूगर भी अपनी कला को बताता है, लेकिन उत्तर प्रदेश में तो एक ऐसा जादू हुआ, जहां पूरा का पूरा हाथी ही गायब हो गया. सीएम अशोक गहलोत ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने ऐसा क्या जादू किया, जिस उत्तर प्रदेश में बीएसपी का रुतबा नजर आता था, काशीराम की पार्टी जहां बसपा की कई बार सरकार बनी. लेकिन इस बार के चुनाव में हाथी ही गायब हो गया. यह सोचने योग्य बात है. सीएम ने कहा इसको लेकर रिसर्च होना चाहिए.

पढ़ेंः मोदी-शाह ने पता नहीं क्या जादू किया, पूरा का पूरा हाथी है गायब, ये है रिसर्च का विषय : सीएम गहलोत

गहलोत ने राजस्थान के हाथी को दो बार जादू से कांग्रेस में किया शामिलः राजनीतिक विश्लेषक श्यामसुंदर शर्मा का कहना है कि सीएम गहलोत को यह बयान देने से पहले कम से कम सोचना चाहिए था. क्योंकि गहलोत ने जादू के जरिए ही दो बार के कार्यकाल में बसपा से जीते विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल किया. हालांकि इसे लेकर भले ही मायावती ने विरोध दर्ज कराया हो. शर्मा ने कहा कि बसपा के विधायक हाथी के चुनाव चिन्ह पर जीत कर तो आते हैं, लेकिन फिर पार्टी के वफादार नहीं रहते. पूरे विधायक कांग्रेस में शामिल हो जाते हैं. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है.

पढ़ेंः उदयपुर के फतेह सागर में मुख्यमंत्री गहलोत ने ली चाय की चुस्की

शर्मा ने कहा कि 2008 के विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस पार्टी के 96 विधायक जीतकर आए थे, तो अपनी सरकार को स्थाई बनाए रखने के लिए बसपा के 6 विधायकों को कांग्रेस में शामिल कर लिया था. इसे लेकर मायावती ने विरोध भी दर्ज कराया था. ऐसा ही घटनाक्रम 2018 के विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिला. बसपा के चुनाव चिन्ह पर 6 विधायक जीतकर आए. लेकिन पूरा विधायक दल कांग्रेस में शामिल हो गया. शर्मा ने कहा कि अशोक गहलोत यह भले ही कहते हों कि उत्तर प्रदेश में मोदी और शाह ने बीएसपी को खत्म कर दिया. लेकिन गहलोत ने दो बार अपने शासन में बीएसपी के विधायकों को शामिल करके बसपा खत्म करने का काम किया है.

बसपा को गायब करने के गहलोत के बयान क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक

उदयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने मेवाड़ दौरे के दौरान कार्यकर्ताओं से संवाद में पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का लेकर एक बयान दिया है. इसमें उन्होंने मोदी और शाह पर यूपी से हाथी (बसपा) को गायब करने का आरोप लगाया और कहा कि इस पर रिसर्च होना चाहिए. इस बयान पर राजनीतिक विश्लेषक श्यामसुंदर शर्मा का कहना है कि सीएम भूल गए कि वे राजस्थान से बसपा को दो बार गायब कर चुके हैं.

गहलोत ने ये दिया बयानः सीएम गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह को लेकर कहा कि उत्तर प्रदेश में बसपा का हाथी मैजिक की तरह गायब होता है. पता नहीं ऐसा क्या हुआ. क्योंकि जादूगर भी अपनी कला को बताता है, लेकिन उत्तर प्रदेश में तो एक ऐसा जादू हुआ, जहां पूरा का पूरा हाथी ही गायब हो गया. सीएम अशोक गहलोत ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने ऐसा क्या जादू किया, जिस उत्तर प्रदेश में बीएसपी का रुतबा नजर आता था, काशीराम की पार्टी जहां बसपा की कई बार सरकार बनी. लेकिन इस बार के चुनाव में हाथी ही गायब हो गया. यह सोचने योग्य बात है. सीएम ने कहा इसको लेकर रिसर्च होना चाहिए.

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गहलोत ने राजस्थान के हाथी को दो बार जादू से कांग्रेस में किया शामिलः राजनीतिक विश्लेषक श्यामसुंदर शर्मा का कहना है कि सीएम गहलोत को यह बयान देने से पहले कम से कम सोचना चाहिए था. क्योंकि गहलोत ने जादू के जरिए ही दो बार के कार्यकाल में बसपा से जीते विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल किया. हालांकि इसे लेकर भले ही मायावती ने विरोध दर्ज कराया हो. शर्मा ने कहा कि बसपा के विधायक हाथी के चुनाव चिन्ह पर जीत कर तो आते हैं, लेकिन फिर पार्टी के वफादार नहीं रहते. पूरे विधायक कांग्रेस में शामिल हो जाते हैं. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है.

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शर्मा ने कहा कि 2008 के विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस पार्टी के 96 विधायक जीतकर आए थे, तो अपनी सरकार को स्थाई बनाए रखने के लिए बसपा के 6 विधायकों को कांग्रेस में शामिल कर लिया था. इसे लेकर मायावती ने विरोध भी दर्ज कराया था. ऐसा ही घटनाक्रम 2018 के विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिला. बसपा के चुनाव चिन्ह पर 6 विधायक जीतकर आए. लेकिन पूरा विधायक दल कांग्रेस में शामिल हो गया. शर्मा ने कहा कि अशोक गहलोत यह भले ही कहते हों कि उत्तर प्रदेश में मोदी और शाह ने बीएसपी को खत्म कर दिया. लेकिन गहलोत ने दो बार अपने शासन में बीएसपी के विधायकों को शामिल करके बसपा खत्म करने का काम किया है.

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