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Udaipur Railway Track Blast Case: ओडा रेलवे ब्रिज ब्लास्ट मामले में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश - Rajasthan hindi news

उदयपुर में ओडा रेलवे ब्रिज ब्लास्ट मामले में (Udaipur Railway Track Blast Case )गुरुवार को एटीएस ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश कर दी है. चार्जशीट में 47 गवाहों का जिक्र किया गया है.

Udaipur Railway Track Blast Case
ओडा रेलवे ब्रिज ब्लास्ट मामले में चार्जशीट पेश
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Published : Feb 9, 2023, 6:02 PM IST

Updated : Feb 9, 2023, 6:11 PM IST

Udaipur Railway Track Blast Case:

उदयपुर. जिले के ओडा रेलवे ब्रिज ब्लास्ट मामले में आरोपियों को गुरुवार को उदयपुर न्यायालय में पेश किया गया जहां एटीएस के अधिकारियों ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की. एडीशनल एसपी अन्नत कुमार ने बताया कि 1773 पन्नों की चार्जशीट पेश की गई. इस मामले में कुल 12 अभियुक्त हैं जिसमें 11 अभियुक्त की सेशन कोर्ट में और 1 नाबालिग की चार्जशीट किशोर न्यायालय में पेश की गई. चार्जशीट में 47 गवाहों का भी जिक्र किया गया है.

यही नहीं, इस मामले में मुख्य तीन आरोपियों के खिलाफ विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम यानी कि यूएपीए एक्ट लगाया गया है. इसके लिए गृह विभाग से एटीएस ने अभिजन स्वीकृति प्राप्त की है. वहीं अन्य आरोपियों के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम की धाराएं लगाई गई हैं. इसके लिए अभिजन स्वीकृति उदयपुर जिला कलेक्टर से प्राप्त की है. एटीएस के अधिकारी ने बताया कि मुख्य आरोपी धूलचंद्र और प्रकाश और एक नाबालिग के खिलाफ यूएपीए एक्ट की धारा लगाई गई है.

पढ़ें. Udaipur Rail Bridge Blast Case: आरोपियों के लिए गए साइन और फिंगर प्रिंट के सैंपल, अब ऐसे होगा पर्दाफाश

12 नवंबर को जावर माइंस थाना इलाके में उदयपुर अहमदाबाद ओडा रेलवे ब्रिज को ब्लास्ट किया गया था जिसमें मुख्य आरोपी धूलचंद मीणा सहित तीन अन्य लोग भी शामिल थे. इस मामले में एटीएस ने ब्लास्ट सामग्री रखने और बेचने वालो को भी आरोपी बनाया था. उदयपुर से अहमदाबाद जाने वाली रेल लाइन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर को लोकार्पण किया था. उसी लाइन पर 12 नवंबर को उदयपुर से 35 किलोमीटर दूर सलूम्बर मार्ग पर बने ओडा रेलवे ब्रिज पर रात में धमाका हुआ था.

पढ़ें. उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ट्रैक पर ब्लास्ट, डेटोनेटर भी मिले...सीएम गहलोत बोले- पता लगाएंगे कैसे हुआ विस्फोट

उस समय कुछ लोग रेलवे ब्रिज पर पहुंचे तो वहां पर पटरी कई जगह से टूटी हुई मिली थी. इतना ही नहीं रेलवे लाइन पर बारूद भी मिला था. पुल के नट-बोल्ट भी गायब थे. ट्रैक पर लोहे की चादर भी उखड़ी हुई थी. मामला सामने आने के बाद देश की कई एजेंसियां भी जांच करने के लिए पहुंची थी, लेकिन अब एटीएस ने 85 दिन बाद आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया है.

पढ़ें. मुआवजा नहीं मिलने पर उड़ाया उदयपुर रेलवे ट्रैक, 2 गिरफ्तार, 1 नाबालिग निरुद्ध...एक हिरासत में

पूरा मामला: उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे लाइन पर बने पुल पर 12 नवंबर को ब्लास्ट की घटना को अंजाम दिया गया था. इससे पटरियों पर क्रैक आ गया था. घटना के बाद मामले की जांच में जुटी टीम को मौके से बारूद भी मिले थे. आरोपियों की साजिश पुल को उड़ाने और रेलवे ट्रैक को बर्बाद करने की थी. धमाके से चार घंटे पहले ही इस ट्रैक से ट्रेन गुजरी थी. 31 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस रेल लाइन का लोकार्पण किया था. मामले की ATS, NIA और रेलवे पुलिस जांच कर रही है. इस मामले में एटीएस ने 260 दस्तावेज लगाए हैं. 11 आरोपियों को सेशन न्ययालय में ओर 1 को किशोर न्याय बोर्ड में पेश किया गया है.

Udaipur Railway Track Blast Case:

उदयपुर. जिले के ओडा रेलवे ब्रिज ब्लास्ट मामले में आरोपियों को गुरुवार को उदयपुर न्यायालय में पेश किया गया जहां एटीएस के अधिकारियों ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की. एडीशनल एसपी अन्नत कुमार ने बताया कि 1773 पन्नों की चार्जशीट पेश की गई. इस मामले में कुल 12 अभियुक्त हैं जिसमें 11 अभियुक्त की सेशन कोर्ट में और 1 नाबालिग की चार्जशीट किशोर न्यायालय में पेश की गई. चार्जशीट में 47 गवाहों का भी जिक्र किया गया है.

यही नहीं, इस मामले में मुख्य तीन आरोपियों के खिलाफ विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम यानी कि यूएपीए एक्ट लगाया गया है. इसके लिए गृह विभाग से एटीएस ने अभिजन स्वीकृति प्राप्त की है. वहीं अन्य आरोपियों के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम की धाराएं लगाई गई हैं. इसके लिए अभिजन स्वीकृति उदयपुर जिला कलेक्टर से प्राप्त की है. एटीएस के अधिकारी ने बताया कि मुख्य आरोपी धूलचंद्र और प्रकाश और एक नाबालिग के खिलाफ यूएपीए एक्ट की धारा लगाई गई है.

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12 नवंबर को जावर माइंस थाना इलाके में उदयपुर अहमदाबाद ओडा रेलवे ब्रिज को ब्लास्ट किया गया था जिसमें मुख्य आरोपी धूलचंद मीणा सहित तीन अन्य लोग भी शामिल थे. इस मामले में एटीएस ने ब्लास्ट सामग्री रखने और बेचने वालो को भी आरोपी बनाया था. उदयपुर से अहमदाबाद जाने वाली रेल लाइन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर को लोकार्पण किया था. उसी लाइन पर 12 नवंबर को उदयपुर से 35 किलोमीटर दूर सलूम्बर मार्ग पर बने ओडा रेलवे ब्रिज पर रात में धमाका हुआ था.

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उस समय कुछ लोग रेलवे ब्रिज पर पहुंचे तो वहां पर पटरी कई जगह से टूटी हुई मिली थी. इतना ही नहीं रेलवे लाइन पर बारूद भी मिला था. पुल के नट-बोल्ट भी गायब थे. ट्रैक पर लोहे की चादर भी उखड़ी हुई थी. मामला सामने आने के बाद देश की कई एजेंसियां भी जांच करने के लिए पहुंची थी, लेकिन अब एटीएस ने 85 दिन बाद आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया है.

पढ़ें. मुआवजा नहीं मिलने पर उड़ाया उदयपुर रेलवे ट्रैक, 2 गिरफ्तार, 1 नाबालिग निरुद्ध...एक हिरासत में

पूरा मामला: उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे लाइन पर बने पुल पर 12 नवंबर को ब्लास्ट की घटना को अंजाम दिया गया था. इससे पटरियों पर क्रैक आ गया था. घटना के बाद मामले की जांच में जुटी टीम को मौके से बारूद भी मिले थे. आरोपियों की साजिश पुल को उड़ाने और रेलवे ट्रैक को बर्बाद करने की थी. धमाके से चार घंटे पहले ही इस ट्रैक से ट्रेन गुजरी थी. 31 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस रेल लाइन का लोकार्पण किया था. मामले की ATS, NIA और रेलवे पुलिस जांच कर रही है. इस मामले में एटीएस ने 260 दस्तावेज लगाए हैं. 11 आरोपियों को सेशन न्ययालय में ओर 1 को किशोर न्याय बोर्ड में पेश किया गया है.

Last Updated : Feb 9, 2023, 6:11 PM IST
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