उदयपुर. श्री महावीर जैन परिषद के तत्वावधान में श्रमण भगवान महावीर स्वामी के 2618वां जन्मकल्याणक महोत्सव का आगाज हुआ. इस मौके पर गुरूवार को फतहसागर की पाल पर भगवान रिषभदेव जयंती पर नमस्कार महामंत्र गुंज के बीच संध्या वेला में 1008 दीपों की महाआरती हुई.
गुरूवार को श्री महावीर जैन परिषद के तत्वावधान में फतहसागर की पाल पर 19 मिनिट तक श्रीमती विजयलक्ष्मी गलुण्डिया द्वारा विभिन्न धुनों पर संगीतमय नवकार मंत्र का सामूहिक जाप कराया. इस दौरान पुरा वातावरण धर्ममय हो गया. इस सामूहिक जाप के बाद जैन समाज के अलग-अलग अग्रणी संगठनों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए.
इस सांस्कृतिक कार्यक्रम का आगाज जीतो लेडिंज वींग की मोनिका कोठारी के नैतृत्व में 'अरिहंत को गाउ, सिद्धों को धाउ' भजन पर नृत्य प्रस्तुत किया. वहीं, नन्हे-मुन्ने बच्चों ने अर्हम जैन, प्रज्ञ सिंघवी और आयुषी जैन के नैतृत्व में 'महावीर तेरा जयकारा' के नृत्य से समारोह में समा बांधी दी और सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया.
समारोह में भारतीय जैन संघटना की लेडिज विंग माधुरी जैन के नैतृत्व में 'महावीर आज जन्मे है' पर आकर्षक नृत्य की प्रस्तुति दी. दिव्य कुसुम मंगल मैत्री मण्डल की तरफ से ममता बया और ग्रुप ने 'मारा आदेश्वर वाला' पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किया. सांस्कृतिक संध्या का समापन जैन घुमर लवि मारू एण्ड ग्रुप के 'जैन घूमर' नृत्य से हुआ. इस धुन पर समारोह में मौजूद अधिकांश युवा वर्ग झूम उठा और पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया.
समारोह के समापन पर शुभ संध्या वेला में 7.39 मिनिट पर 1008 से अधिक श्रावक श्रविकाओं ने हाथों में दीपक लेकर संगीतमय आरती के दौरान फतह सागर पर चल रहे गुम रहे शहरवासी एवं पर्यटकों पावं भी थम गए और इस महाआरती में शामिल हो गए.