बीकानेर/जैसलमेर. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते बंद हुए धार्मिक स्थल अब 80 दिन बाद भक्तों के लिए खुल गए हैं. कोरोना एडवाइजरी की पालना सुनिश्चित करवाने के साथ ही धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए जिला प्रशासन ने छूट दी है. पूरी दुनिया में आस्था का केंद्र बीकानेर का देशनोक स्थित विश्व प्रसिद्ध करणी माता मंदिर भी गुरुवार से श्रद्धालुओं के लिए खुल गया है.
गाइडलाइन के मुताबिक मंदिर सुबह 5:30 बजे से शाम 4:00 बजे तक खोलने की छूट दी गई है. इस दौरान मंदिरों में घंटी बजाने के साथ ही प्रसाद और फूल माला चढ़ाने पर पाबंदी रहेगी. बीकानेर में 80 दिन बाद धार्मिक स्थल खुलने से श्रद्धालुओं का उत्साह देखने को मिला है. करणी माता मंदिर के साथ ही बीकानेर के नगर सेठ लक्ष्मीनाथ मंदिर और नागणेची माता मंदिर के साथ ही विश्व प्रसिद्ध कोलायत कपिल मुनि मंदिर को भी खोल दिया गया है.
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राज्य सरकार ने 28 जून को ही धार्मिक स्थलों को खोलने की छूट दे दी थी. लेकिन बीकानेर में जिला प्रशासन, धर्मगुरुओं और धार्मिक स्थलों के ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई थी. देशनोक स्थित करणी माता मंदिर में जिला कलेक्टर नमित मेहता और कार्यवाहक एसपी शैलेंद्र सिंह सहित अधिकारियों ने दौरा किया था और कोरोना एडवाइजरी की पालना को सुनिश्चित करवाने के लिए मंदिर प्रन्यास के पदाधिकारियों को निर्देशित भी किया था. इसके अलावा बीकानेर के अन्य धार्मिक स्थलों पर जिला प्रशासन ने दौरा किया और जिला कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपी थी.
रिपोर्ट देखने के बाद जिला प्रशासन ने कोविड एप्रोपिएट बिहेवियर की पालना सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए. साथ ही मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों में मौजूद पुजारी और अन्य लोगों के टीकाकरण की पालना सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए थे. धार्मिक स्थलों को राज्य सरकार के वीकेंड कर्फ्यू की पालना करने के लिए भी निर्देशित किया गया है.
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76 दिनों के बाद खुला बाबा रामदेव समाधि स्थल का द्वार
पश्चिमी राजस्थान का कुंभ कहे जाने वाले बाबा रामदेव समाधि स्थल का द्वार 76 दिनों के लंबे समय अंतराल के पश्चात आज सुबह 5 बजे भक्तों के लिए खोला गया. प्रशासन व समाधि समिति की तरफ से सभी माकूल व्यवस्था की गई. समाधि स्थल पर प्रातः मंगला आरती के पश्चात समाधि स्थल को आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया. कोरोना गाइड लाइन की पूर्ण रूप से एक पालना हो इसके लिए समाधि समिति के पदाधिकारी विशेष रूप से जुटे हुए हैं. अलग-अलग स्थानों से आने वाले श्रद्धालु कतार बद्ध होकर बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन कर रहे हैं.