ETV Bharat / state

CISF कमांडेंट पर यौन उत्पीड़न का आरोप, मामला दर्ज - महिला निरीक्षक ने कमांडेंट पर लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप

टोंक की देवली में स्थित केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में तैनात एक महिला इंस्पेक्टर ने अपने ही बल के कमांडेंट के खिलाफ इस्तगासे के जरिए यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज करवाया है. महिला इंस्पेक्टर ने मामले की शिकायत पूर्व में सीआईएसएफ के महानिदेशक, महानिरीक्षक और उपमहानिरीक्षक आदि को भी की थी, लेकिन करीब 10 माह बीत जाने के बाद भी पीड़िता की शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई. जिसके बाद उसने ये फैसला लिया है.

tonk news, rajasthan news, hindi news
कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का आरोप,
author img

By

Published : Jul 9, 2020, 2:05 PM IST

देवली (टोंक). शहर में स्थित केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की 9वीं रिजर्व बटालियन में तैनात एक महिला इंस्पेक्टर ने बल के ही कमांडेंट के खिलाफ कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का मामला इस्तगासे के जरिए दर्ज करवाया है. महिला ने यह मामला हनुमान नगर थाने में दर्ज करवाया है. रिपोर्ट में महिला इंस्पेक्टर ने बताया कि सीआईएसएफ की देवली में स्थित 9वीं रिजर्व बटालियन में पीड़ित महिला व उसका पति दोनों ही इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं.

कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का आरोप

महिला इंस्पेक्टर ने कमांडेंट बीआर ढाका पर आरोप लगाया है कि करीब 10 माह पूर्व कार्यालय में बुलाकर छेड़छाड़ और यौन शोषण करने का प्रयास किया. उसके बाद भी लगातार वह षडयंत्र पूर्वक तरीके से कार्यालय में पीड़िता को बुलाकर यौन उत्पीड़न करता था. महिला इंस्पेक्टर की ओर से विरोध करने पर पीड़िता को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगा और यौन संबंध बनाने का दबाव डालने लगा. जिसके चलते महिला निरीक्षक अधिकारी की ड्यूटी अनाधिकृत तरीके क्वार्टर गार्ड से गेट पोस्ट और अन्य स्थानों पर लगाने लगा.

इसके बावजूद भी पीड़िता की ओर से कमांडेंट की बात नहीं माने जाने पर कमांडेंट ने उसके पति के खिलाफ भी अनुचित कार्रवाई करना प्रारंभ कर दिया. साथ ही दोनों का भविष्य खराब करने की धमकी भी देता रहा. महिला इंस्पेक्टर ने मामले की शिकायत पूर्व में सीआईएसएफ के महानिदेशक, महानिरीक्षक और उपमहानिरीक्षक आदि को भी की थी, मगर करीब 10 माह बीत जाने के बाद भी पीड़िता की शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई. जिससे आरोपी कमांडेंट के हौसले बुलंद हो गए और वह लगातार पीड़िता इंस्पेक्टर पर अधिकारी होने के चलते विभिन्न प्रकार से यौन उत्पीड़न करने लगा. अब पीड़िता ने न्यायालय में इस्तगासा पेश कर हनुमान नगर थाने में रिजर्व बटालियन के कमांडेंट के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है.

इस संबंध में प्रार्थिया ने 23 जनवरी 2020 को महानिदेशक केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल मुख्यालय नई दिल्ली को पत्र और ईमेल से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके पश्चात मजबूरन प्रार्थीया ने न्याय की मांग करते हुए 11 मार्च 2020 को जरिए अधिवक्ता होम सेक्रेटरी भारत सरकार और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के सक्षम अधिकारियों को विधिक नोटिस भिजवाया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसपर कमांडेंट बी आर ढाका ने पद का दुरुपयोग करते हुए महिला की 2019 की एसीआर में ग्रेडिंग को डाउन करते हुए उसे गेट पर जाकर धमकाया और अधिकारियों का उचित सम्मान नहीं देने का मनगढ़ंत आरोप लगाया और उसे एक स्पष्टीकरण पत्र जारी कर दिया.

पत्र से आहत और मानसिक परेशान होकर प्रार्थिया ने 11 अप्रैल 2020 को महा निरीक्षक उत्तरी खंड मुख्यालय महिपालपुर नई दिल्ली को लिखित रूप से विभागीय स्तर पर जांच कराने का भी अनुरोध किया. इसके बावजूद प्रार्थिया की शिकायतों पर वरिष्ठ अधिकारियों ने अब तक किसी प्रकार की कोई जांच नहीं करवाई, इसलिए मजबूरन 13 अप्रैल 2020 को अपने अधिवक्ता के जरिए महानिदेशक केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल मुख्यालय नई दिल्ली को ईमेल के माध्यम से एक विधिक पत्र भेजकर कमांडेंट बी आर ढाका के खिलाफ उसके पद का दुरुपयोग कर महिला कर्मचारी को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न किए जाने के मामले में माननीय समक्ष न्यायालय की आपराधिक कार्रवाई करने हेतु सीआरपीसी की धारा 197 की अनुमति मांगी थी. जिसके बाद 14 मई 2020 को प्रार्थिया को कमांडेंट बी आर ढाका के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 197 के तहत सक्षम न्यायालय में कार्रवाई शुरू करने की अनुमति प्रदान की गई.

यह भी पढ़ें : राजस्थान में भी नीरव मोदी की कंपनी पर ED का शिकंजा, जैसलमेर में 48 करोड़ की संपत्ति अटैच

जिसके बाद प्रार्थिया अपने एडवोकेट शंभुदयाल गुर्जर के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाने हनुमान नगर थाने पहुंची और रिपोर्ट दर्ज करवाई. गौरतलब है कि इससे पूर्व में प्रार्थिया ने थानाधिकारी देवली, थानाधिकारी हनुमाननगर और पुलिस अधीक्षक भीलवाड़ा को भी जरिए लिखित शिकायत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाने हेतु अनुरोध किया था, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई. इसके पश्चात उसने इस्तगासा के जरिए न्यायालय जहाजपुर थाना हनुमाननगर को निर्देशित कर मामला दर्ज करवाया.

देवली (टोंक). शहर में स्थित केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की 9वीं रिजर्व बटालियन में तैनात एक महिला इंस्पेक्टर ने बल के ही कमांडेंट के खिलाफ कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का मामला इस्तगासे के जरिए दर्ज करवाया है. महिला ने यह मामला हनुमान नगर थाने में दर्ज करवाया है. रिपोर्ट में महिला इंस्पेक्टर ने बताया कि सीआईएसएफ की देवली में स्थित 9वीं रिजर्व बटालियन में पीड़ित महिला व उसका पति दोनों ही इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं.

कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का आरोप

महिला इंस्पेक्टर ने कमांडेंट बीआर ढाका पर आरोप लगाया है कि करीब 10 माह पूर्व कार्यालय में बुलाकर छेड़छाड़ और यौन शोषण करने का प्रयास किया. उसके बाद भी लगातार वह षडयंत्र पूर्वक तरीके से कार्यालय में पीड़िता को बुलाकर यौन उत्पीड़न करता था. महिला इंस्पेक्टर की ओर से विरोध करने पर पीड़िता को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगा और यौन संबंध बनाने का दबाव डालने लगा. जिसके चलते महिला निरीक्षक अधिकारी की ड्यूटी अनाधिकृत तरीके क्वार्टर गार्ड से गेट पोस्ट और अन्य स्थानों पर लगाने लगा.

इसके बावजूद भी पीड़िता की ओर से कमांडेंट की बात नहीं माने जाने पर कमांडेंट ने उसके पति के खिलाफ भी अनुचित कार्रवाई करना प्रारंभ कर दिया. साथ ही दोनों का भविष्य खराब करने की धमकी भी देता रहा. महिला इंस्पेक्टर ने मामले की शिकायत पूर्व में सीआईएसएफ के महानिदेशक, महानिरीक्षक और उपमहानिरीक्षक आदि को भी की थी, मगर करीब 10 माह बीत जाने के बाद भी पीड़िता की शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई. जिससे आरोपी कमांडेंट के हौसले बुलंद हो गए और वह लगातार पीड़िता इंस्पेक्टर पर अधिकारी होने के चलते विभिन्न प्रकार से यौन उत्पीड़न करने लगा. अब पीड़िता ने न्यायालय में इस्तगासा पेश कर हनुमान नगर थाने में रिजर्व बटालियन के कमांडेंट के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है.

इस संबंध में प्रार्थिया ने 23 जनवरी 2020 को महानिदेशक केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल मुख्यालय नई दिल्ली को पत्र और ईमेल से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके पश्चात मजबूरन प्रार्थीया ने न्याय की मांग करते हुए 11 मार्च 2020 को जरिए अधिवक्ता होम सेक्रेटरी भारत सरकार और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के सक्षम अधिकारियों को विधिक नोटिस भिजवाया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसपर कमांडेंट बी आर ढाका ने पद का दुरुपयोग करते हुए महिला की 2019 की एसीआर में ग्रेडिंग को डाउन करते हुए उसे गेट पर जाकर धमकाया और अधिकारियों का उचित सम्मान नहीं देने का मनगढ़ंत आरोप लगाया और उसे एक स्पष्टीकरण पत्र जारी कर दिया.

पत्र से आहत और मानसिक परेशान होकर प्रार्थिया ने 11 अप्रैल 2020 को महा निरीक्षक उत्तरी खंड मुख्यालय महिपालपुर नई दिल्ली को लिखित रूप से विभागीय स्तर पर जांच कराने का भी अनुरोध किया. इसके बावजूद प्रार्थिया की शिकायतों पर वरिष्ठ अधिकारियों ने अब तक किसी प्रकार की कोई जांच नहीं करवाई, इसलिए मजबूरन 13 अप्रैल 2020 को अपने अधिवक्ता के जरिए महानिदेशक केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल मुख्यालय नई दिल्ली को ईमेल के माध्यम से एक विधिक पत्र भेजकर कमांडेंट बी आर ढाका के खिलाफ उसके पद का दुरुपयोग कर महिला कर्मचारी को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न किए जाने के मामले में माननीय समक्ष न्यायालय की आपराधिक कार्रवाई करने हेतु सीआरपीसी की धारा 197 की अनुमति मांगी थी. जिसके बाद 14 मई 2020 को प्रार्थिया को कमांडेंट बी आर ढाका के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 197 के तहत सक्षम न्यायालय में कार्रवाई शुरू करने की अनुमति प्रदान की गई.

यह भी पढ़ें : राजस्थान में भी नीरव मोदी की कंपनी पर ED का शिकंजा, जैसलमेर में 48 करोड़ की संपत्ति अटैच

जिसके बाद प्रार्थिया अपने एडवोकेट शंभुदयाल गुर्जर के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाने हनुमान नगर थाने पहुंची और रिपोर्ट दर्ज करवाई. गौरतलब है कि इससे पूर्व में प्रार्थिया ने थानाधिकारी देवली, थानाधिकारी हनुमाननगर और पुलिस अधीक्षक भीलवाड़ा को भी जरिए लिखित शिकायत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाने हेतु अनुरोध किया था, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई. इसके पश्चात उसने इस्तगासा के जरिए न्यायालय जहाजपुर थाना हनुमाननगर को निर्देशित कर मामला दर्ज करवाया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.