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टोंक: ग्रामीणों की अनूठी पहल, लॉकडाउन में फंसे सर्कस चलाकर पेट पालने वालों को घर पंहुचाने के लिए इक्ट्ठे किए 50 हजार रुपए

टोंक के लांबा हरिसिंह ग्रामीणों ने मानवता की मिसाल कायम की है. ग्रामीणों ने मध्यप्रदेश से आए सर्कस दिखाकर पेट पालने वालों की ना सिर्फ रहने खाने का प्रबंध किया बल्कि उनके घर जाने के लिए 50 हजार रुपए इक्ट्ठा कर उन्हें घर भेजने में मदद की.

Tonk News, Rajasthan News
लांबा हरिसिंह ग्रामीणों ने सर्कस परिवार को घर भेजा
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Published : Jun 6, 2021, 8:02 PM IST

टोंक. लाम्बा हरिसिंह गांव के लोगों ने संकट में फंसे मध्यप्रदेश के सर्कस परिवार की मदद में हाथ बढ़ाते हुए सामाजिक सरोकार निभाया है. पिछले तीन महीनों से गांव में फंसे परिवार के लिए ग्रामीणों न सिर्फ खाना का प्रबंध करवाया बल्कि मध्यप्रदेश में अपने घर तक भिजवाने के लिए 50 हजार की राशि इकट्ठी कर उन्हें घर भी भेजा है.

टोंक के लांबा हरिसिंह ग्रामीणों ने सर्कस परिवार को घर भेजा

बता दें कि मध्यप्रदेश से 24 से अधिक लोग टोंक के लांबा हरिसिंह गांव में सर्कस के लिए आए थे. प्रशासन से मिली स्वीकृति से करीब 20 दिन सर्कस परिवार ने अपनी कला दिखा कर लोगों का मनोरंजन किया और खूब तालियां बटोरी लेकिन फिर कोरोना ने सब कुछ रोक दिया. पेट की भूख मिटाने इस गांव आए इस परिवार के लिए वक्त मुश्किलों भरा रहा. इस दौरान बीते दो महीने में इस परिवार ने मुखिया सहित तीन सदस्यों को खोया लेकिन ग्रामीणों ने इस परिवार की खूब मदद की. ग्राम पंचायत ने सरकारी स्कूल में इनके लिए रहने की व्यवस्था की.

यह भी पढ़ें. चित्तौड़गढ़: कोरोना महामारी ने वन्यजीवों के मुंह से छीने निवाले, शहरवासियों के भरोसे दुर्ग के जानवर

सर्कस दिखाकर कमाने वाले इस परिवार की ग्रामीणों के अलावा भामाशाहों राशन से लेकर पैसे तक की मदद की. जब 2 मई को सर्कस के मुख्य संचालक जोनी भाई की मृत्यु हो गई तो ग्रामीणों के सहयोग से लगभग 10 हजार की राशि इक्ट्ठा कर सर्कस के मुख्य संचालक का अंतिम संस्कार करवाया गया. इसके बाद 9 मई को उन्हीं के भाई राजकुमार की मृत्यु हो गई.

वहीं रोजी रोटी बंद होने से उपसरपंच ने उच्चाधिकारियों से बातचीत कर इनकी मदद की गुहार लगाई लेकिन कोई सहायता नहीं मिला. जिसके बाद ग्रामीणों ने इन लोगों को अपने घर पहुंचाने का जिम्मा उठाया और करीब 50 हजार की राशि एकत्रित की. वहीं समाजसेवी महेंद्र अग्रवाल नें गाड़ियों की व्यवस्था करवाई, 2 गाड़ियां में सर्कस का सामान और परिवार के लगभग 20 सदस्यों को महिलाओं सहित मध्यप्रदेश भेज दिया गया.

टोंक. लाम्बा हरिसिंह गांव के लोगों ने संकट में फंसे मध्यप्रदेश के सर्कस परिवार की मदद में हाथ बढ़ाते हुए सामाजिक सरोकार निभाया है. पिछले तीन महीनों से गांव में फंसे परिवार के लिए ग्रामीणों न सिर्फ खाना का प्रबंध करवाया बल्कि मध्यप्रदेश में अपने घर तक भिजवाने के लिए 50 हजार की राशि इकट्ठी कर उन्हें घर भी भेजा है.

टोंक के लांबा हरिसिंह ग्रामीणों ने सर्कस परिवार को घर भेजा

बता दें कि मध्यप्रदेश से 24 से अधिक लोग टोंक के लांबा हरिसिंह गांव में सर्कस के लिए आए थे. प्रशासन से मिली स्वीकृति से करीब 20 दिन सर्कस परिवार ने अपनी कला दिखा कर लोगों का मनोरंजन किया और खूब तालियां बटोरी लेकिन फिर कोरोना ने सब कुछ रोक दिया. पेट की भूख मिटाने इस गांव आए इस परिवार के लिए वक्त मुश्किलों भरा रहा. इस दौरान बीते दो महीने में इस परिवार ने मुखिया सहित तीन सदस्यों को खोया लेकिन ग्रामीणों ने इस परिवार की खूब मदद की. ग्राम पंचायत ने सरकारी स्कूल में इनके लिए रहने की व्यवस्था की.

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सर्कस दिखाकर कमाने वाले इस परिवार की ग्रामीणों के अलावा भामाशाहों राशन से लेकर पैसे तक की मदद की. जब 2 मई को सर्कस के मुख्य संचालक जोनी भाई की मृत्यु हो गई तो ग्रामीणों के सहयोग से लगभग 10 हजार की राशि इक्ट्ठा कर सर्कस के मुख्य संचालक का अंतिम संस्कार करवाया गया. इसके बाद 9 मई को उन्हीं के भाई राजकुमार की मृत्यु हो गई.

वहीं रोजी रोटी बंद होने से उपसरपंच ने उच्चाधिकारियों से बातचीत कर इनकी मदद की गुहार लगाई लेकिन कोई सहायता नहीं मिला. जिसके बाद ग्रामीणों ने इन लोगों को अपने घर पहुंचाने का जिम्मा उठाया और करीब 50 हजार की राशि एकत्रित की. वहीं समाजसेवी महेंद्र अग्रवाल नें गाड़ियों की व्यवस्था करवाई, 2 गाड़ियां में सर्कस का सामान और परिवार के लगभग 20 सदस्यों को महिलाओं सहित मध्यप्रदेश भेज दिया गया.

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