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टोंक में चिकित्सा विभाग की बड़ी कार्रवाई...36 हजार लीटर मूंगफली और सरसों का तेल सीज

टोंक में चिकित्सा विभाग की फूड सेफ्टी टीम ने 36 हजार लीटर सरसों और मूंगफली का तेल सीज किया है.

डॉ. सुनील सिंह, नोडल अधिकारी, खाद्य सुरक्षा.
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Published : Apr 16, 2019, 5:44 PM IST

जयपुर/टोंक. निवाई में चिकित्सा विभाग की फूड सेफ्टी टीम ने बड़ी कार्रवाई की है. इस दौरान 36 हजार लीटर सरसों और मूंगफली का तेल सीज किया गया है.

डॉ. सुनील सिंह, नोडल अधिकारी, खाद्य सुरक्षा.

दरअसल स्वास्तिक ब्रांड पर चिकित्सा विभाग ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है. फूड सेफ्टी विभाग ने मौके पर मिले मूंगफली और सरसों के तेल की जांच की तो वह फूड ग्रेड के मानकों पर खरा नहीं उतरा. जिसके बाद विभाग ने सभी 5 लीटर जार के 154 कार्टन, 1 लीटर बोतल के 30 कार्टन और 500ml के 28 कार्टन जब्त कर लिए. मौके के जब्त किया गया कुल तेल 36 हजार लीटर बताया जा रहा है. वहीं जिन बोतलों के अंदर इस तेल को पैक किया जा रहा था उन पर फूड ग्रेडिंग नहीं लिखी थी.

बता दें कि फूड सेफ्टी नियमों के मुताबिक खाद्य पदार्थों के पैकेट या बोतलों में उनकी ग्रेडिंग लिखा होना जरूरी है. इसमें 4 तरह की ग्रेडिंग दर्ज की जाती है. 1,2,4, 7 ग्रेडिंग फूड सेफ्टी नियम के तहत उपयोग में लाई जाती है.

वहीं चिकित्सा विभाग कि फूड सेफ्टी टीम ने मंगलवार को जिस फर्म पर कार्रवाई की वहां ग्रेडिंग संबंधी बोतल या पैकेट्स नहीं थे. ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि अगर बिना ग्रेड की बोतल या पैकेट्स में माल बाजार में बेचा जाता है तो यह तय समय से पहले खराब हो सकता है.

जयपुर/टोंक. निवाई में चिकित्सा विभाग की फूड सेफ्टी टीम ने बड़ी कार्रवाई की है. इस दौरान 36 हजार लीटर सरसों और मूंगफली का तेल सीज किया गया है.

डॉ. सुनील सिंह, नोडल अधिकारी, खाद्य सुरक्षा.

दरअसल स्वास्तिक ब्रांड पर चिकित्सा विभाग ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है. फूड सेफ्टी विभाग ने मौके पर मिले मूंगफली और सरसों के तेल की जांच की तो वह फूड ग्रेड के मानकों पर खरा नहीं उतरा. जिसके बाद विभाग ने सभी 5 लीटर जार के 154 कार्टन, 1 लीटर बोतल के 30 कार्टन और 500ml के 28 कार्टन जब्त कर लिए. मौके के जब्त किया गया कुल तेल 36 हजार लीटर बताया जा रहा है. वहीं जिन बोतलों के अंदर इस तेल को पैक किया जा रहा था उन पर फूड ग्रेडिंग नहीं लिखी थी.

बता दें कि फूड सेफ्टी नियमों के मुताबिक खाद्य पदार्थों के पैकेट या बोतलों में उनकी ग्रेडिंग लिखा होना जरूरी है. इसमें 4 तरह की ग्रेडिंग दर्ज की जाती है. 1,2,4, 7 ग्रेडिंग फूड सेफ्टी नियम के तहत उपयोग में लाई जाती है.

वहीं चिकित्सा विभाग कि फूड सेफ्टी टीम ने मंगलवार को जिस फर्म पर कार्रवाई की वहां ग्रेडिंग संबंधी बोतल या पैकेट्स नहीं थे. ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि अगर बिना ग्रेड की बोतल या पैकेट्स में माल बाजार में बेचा जाता है तो यह तय समय से पहले खराब हो सकता है.

Intro:चिकित्सा विभाग ने प्रदेश में पहली बार एक अनोखी कार्रवाई को अंजाम दिया है विभाग ने इस बार मिलावट को लेकर नहीं बल्कि फूड ग्रेडिंग को लेकर बड़ी कार्रवाई की है


Body:चिकित्सा विभाग कि फूड सेफ्टी टीम ने टोंक निवाई में बड़ी मात्रा में मूंगफली और सरसों का तेल सीज किया है लेकिन यह कार्रवाई मिलावट को लेकर नहीं बल्कि फूड ग्रेडिंग को लेकर थी ।दरअसल स्वास्तिक ब्रांड पर चिकित्सा विभाग ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया जहां 36 हजार लीटर सरसों और मूंगफली का तेल सीज किया। जिन बोतलों के अंदर इस तेल को पैक किया जा रहा था उन पर फूड ग्रेडिंग नहीं थी जिसके बाद विभाग ने 154 कार्टन 5 लीटर जार के, 30 कार्टन 1 लीटर बोतल के और 28 कार्टन 500ml बोतल के सीज किए

क्या होती है फूड ग्रेडिंग

दरअसल खाद्य पदार्थों को जिन बोतल या पैकेट्स में पैक किया जाता है उनकी ग्रेडिंग जरूरी होती है । इसमें 4 तरह की ग्रेडिंग फूड सेफ्टी नियम के तहत दर्ज की गई है जिसमें 1,2,4,7 ग्रेडिंग फूड सेफ्टी नियम के तहत उपयोग में लाई जाती है लेकिन आज जिस फर्म पर कार्रवाई की गई उसके बाद ग्रेडिंग संबंधी बोतल या पैकेट्स नहीं थे तो ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा था कि अगर बिना ग्रेड की बोतल या पैकेट्स में माल बाजार में बेचा जाता है तो यह तय समय से पहले खराब हो सकता है

बाईट-डॉ सुनील सिंह,स्टेट नोडल ऑफिसर फ़ूड सेफ्टी

नोट- खबर के विसुअल मेल किये है और बाईट मोजो से भेजी जा रही है


Conclusion:
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