देवली (टोंक). वर्तमान सरकार किसानों की हितैषी नहीं है. जहां सरकार एक तरफ किसानों की हित के लिए बड़ी-बड़ी बातें करती है. वहीं किसानों के लिए दोहरे मापदंड भी निर्धारित कर देती है. पूर्व कृषि मंत्री डॉ. प्रभुलाल सैनी ने निवाई पीपलू विधानसभा के निवाई शहर, अरनिया, डाग स्थल मंडल और आत्मनिर्भर गोपालक समूह को अपनी वर्चुअल रैली के संबोधन में कहा.
उन्होंने कहा कि राजस्थान की फल-सब्जी मंडियों में सरकार के दोहरे फैसलों से आम किसान को बहुत परेशानी हो रही है. एक तरफ राज्य सरकार मंडी समितियों के यूजर चार्ज को समाप्त कर मंडी शुल्क से मुक्त किया था. वहीं दूसरी तरफ किसान कल्याण शुल्क के नाम से हर सब्जी मंडियों से दो प्रतिशत वसूल किए जा रहे हैं. डॉ. सैनी ने बताया कि राजस्थान में आठ मुख्य मंडियां हैं, जिनमें छह संभाग मुख्यालय जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर, बीकानेर और अजमेर संभाग सहित गंगानगर व चौमूं में स्थित हैं. इनके अलावा राजस्थान में 33 सब यार्ड हैं.
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इन मंडियों में राजस्थान सरकार ने 6 प्रतिशत आढ़त, दो प्रतिशत किसान कल्याण शुल्क के साथ 2 प्रतिशत तुलाई आदि अन्य खर्चे भी किसानों से लिए जा रहे हैं, जिसके कारण किसानों को उनकी उपज पर 10 प्रतिशत हानि उठानी पड़ रही है. सैनी ने बताया कि सरकार के इस प्रकार के फैसलों से बिचौलियों को अधिक लाभ हो रहा है.
इसलिए सरकार को तत्काल प्रभाव से इस प्रकार के फैसलों पर तुरंत विचार कर किसान हित में फैसला ले. इस प्रकार के अनर्गल शुल्क से अनाज, फल और सब्जियां आम जन को महंगी मिल रही हैं. किसानों को कम आय हो रही है और बिचौलियों को अधिक लाभ हो रहा है. इसलिए सरकार किसानों के हित में जल्द से जल्द फैसला ले.