टोंक. गर्मी के बढ़ते प्रकोप के साथ ही पेयजल समस्या गहराने लगी है. ऐसे में सालों से पेयजल की किल्लत से जूझ रहे लोग अब सड़कों से लेकर जलदाय विभाग कार्यालय तक प्रदर्शन करने को मजबूर हैं. लेकिन जलदाय विभाग कार्यालय में भी अधिकारियों की कुर्सियां उन्हें खाली मिलती हैं. उनकी समस्या को सुनने के लिए कोई भी अधिकारी वहां नहीं मिलता. ऐसे में जनता अपनी पेयजल की समस्या लेकर किसके पास जाएं.
दरअसल जिले में बीसलपुर बांध होने के बावजूद यहां पर पानी की किल्लत को लेकर जनता आवाजें उठ रही हैं. जहां यह बांध राजधानी सहित राजस्थान के कई जिलों के लोगों की प्यास बुझा रहा है. लेकिन बांध के गृह जिले टोंक की अधिकतर जनता पानी की किल्लत से जूझ रही है.
जिला मुख्यालय के वार्ड नंबर 38 और 39 में काफी दिनों से नलों में पानी नहीं आने के कारण क्षेत्र की महिलाएं एवं पुरुष शुक्रवार को जलदाय विभाग कार्यालय पर पानी की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगे. लेकिन कार्यालय में उनकी समस्या सुनने को लेकर मौके पर कोई भी अधिकारी वहां पर मौजूद नहीं था. अधिकारियों की कुर्सियां उन्हें खाली मिलीं. उनका कहना है कि वे पहले भी यहां पर आ चुके हैं. लेकिन अधिकारी उन्हें कोरा आश्वासन देकर भेज देते हैं. यहां पर अधिकारी उन्हें मिलते ही नहीं. अब वह किसके पास अपनी समस्या लेकर जाएं.
गौरतलब हो कि टोंक के एक हजार से ज्यादा परिवारों को बेघर कर बनाई गई राजस्थान की बड़ी पेयजल आपूर्ति योजना में शामिल बीसलपुर बांध परियोजना का में होने का फायदा यहां के लोगों को नहीं मिल पा रहा है. यह कहना गलत नहीं होगा. क्योंकि टोंक में बीसलपुर बांध होने के बावजूद भी यहां के लोगों को आए दिन धरना प्रदर्शनओं का सहारा लेना पड़ रहा है. यही नहीं जलदाय विभाग में बैठे अधिकारी भी उनको वहां पर नहीं मिलते हैं फिर जनता अपना दर्द किसको सुनाए.