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Bainsla on ERCP: ईआरसीपी योजना में 10 साल लगेंगे, पानी की जरूरत है आज-विजय बैंसला

गुर्जर नेता विजय बैंसला ने टोंक में शुक्रवार को कहा कि ईआरसीपी योजना में 10 साल लगेंगे. लेकिन इससे जुड़े क्षेत्रों को पानी की आवश्यकता आज है.

Gurjar leader Vijay Bainsla on ERCP, says water is  need of the hour, the scheme will take 10 years
ईआरसीपी योजना में 10 साल लगेंगे, पानी की जरूरत है आज-विजय बैंसला
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Published : Feb 24, 2023, 11:36 PM IST

टोंक. राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति संयोजक और गुर्जर नेता विजय बैंसला शुक्रवार को एक दिवसीय दौरे पर टोंक पहुंचे. इस दौरान बैंसला ने कहा कि ईआरसीपी लागू हो या नहीं, यह महत्त्वपूर्ण नहीं है. बल्कि पहली प्राथमिकता लोगों को पानी मिलना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि इस योजना में 10 साल का समय लगेगा, लेकिन आवश्यकता आज है.

उन्होंने कहा कि ईआईसीपी का मुद्दा 4 साल पूर्व उठाया था. क्योंकि 13 जिलों में पानी की बड़ी समस्या है. हालात यह हैं कि 12 बीघा जमीन का मालिक किसान आज जयपुर में मजदूरी करने को मजबूर है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में बढ़ती हत्याओं की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि टोंक, करौली, सवाईमाधोपुर सहित राज्य में नशावृत्ति बढ़ रही है. बैंसला ने कहा कि पूर्वी राजस्थान में न तो कोई बड़ी इंड्रस्टीज है, न ही कोई शिक्षा के बड़े केंद्र हैं. पूर्वी राजस्थान में पीने का पानी नही है. डांग क्षेत्र में 23 करोड़ का बजट था सिर्फ ढाई करोड़ ही खर्च हुआ है. आखिर विकास में राजस्थान क्यों पिछड़ा. पैसा गया कहां.

पढ़ें: 75 साल में शुद्ध पानी तक नहीं दे सके, इस बार एमबीसी समाज निभाएगा सक्रिय भूमिका- विजय बैंसला

उन्होंने कहा कि एमबीसी समाज विधानसभा चुनाव में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. अपना राजनीतिक दबदबा दिखाएगा. इसमें कोई दो राय नहीं है. राजस्थान में 75 विधानसभा क्षेत्रों में बाहुल्य है, किसी भी पार्टी से कोई एमएलए बनाएं. हमें 40 विधायक एमबीसी के चाहिए. सभी को बहुमत से प्रतिनिधित्व की आवश्यकता है. औवेसी के पायलट का क्षेत्र टोंक छोड़ कर अब गुर्जर बाहुल्य सीट से चुनाव लड़ने की चुनौती मामले में कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है. राजस्थान विधानसभा में 40 एमबीसी विधायकों में पायलट भी शामिल होंगे.

टोंक. राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति संयोजक और गुर्जर नेता विजय बैंसला शुक्रवार को एक दिवसीय दौरे पर टोंक पहुंचे. इस दौरान बैंसला ने कहा कि ईआरसीपी लागू हो या नहीं, यह महत्त्वपूर्ण नहीं है. बल्कि पहली प्राथमिकता लोगों को पानी मिलना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि इस योजना में 10 साल का समय लगेगा, लेकिन आवश्यकता आज है.

उन्होंने कहा कि ईआईसीपी का मुद्दा 4 साल पूर्व उठाया था. क्योंकि 13 जिलों में पानी की बड़ी समस्या है. हालात यह हैं कि 12 बीघा जमीन का मालिक किसान आज जयपुर में मजदूरी करने को मजबूर है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में बढ़ती हत्याओं की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि टोंक, करौली, सवाईमाधोपुर सहित राज्य में नशावृत्ति बढ़ रही है. बैंसला ने कहा कि पूर्वी राजस्थान में न तो कोई बड़ी इंड्रस्टीज है, न ही कोई शिक्षा के बड़े केंद्र हैं. पूर्वी राजस्थान में पीने का पानी नही है. डांग क्षेत्र में 23 करोड़ का बजट था सिर्फ ढाई करोड़ ही खर्च हुआ है. आखिर विकास में राजस्थान क्यों पिछड़ा. पैसा गया कहां.

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उन्होंने कहा कि एमबीसी समाज विधानसभा चुनाव में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. अपना राजनीतिक दबदबा दिखाएगा. इसमें कोई दो राय नहीं है. राजस्थान में 75 विधानसभा क्षेत्रों में बाहुल्य है, किसी भी पार्टी से कोई एमएलए बनाएं. हमें 40 विधायक एमबीसी के चाहिए. सभी को बहुमत से प्रतिनिधित्व की आवश्यकता है. औवेसी के पायलट का क्षेत्र टोंक छोड़ कर अब गुर्जर बाहुल्य सीट से चुनाव लड़ने की चुनौती मामले में कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है. राजस्थान विधानसभा में 40 एमबीसी विधायकों में पायलट भी शामिल होंगे.

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