टोंक. बाल तस्करी और बाल अपराधों पर लगाम लगाने की दिशा में सरकार और सामाजिक संगठन जुटे हैं पर लगाम लगाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. जिले में बाल दुर्व्यापार और बाल तस्करी पर जिला स्तरीय जन संवाद कार्याशाला अग्नि शमन केन्द्र सभागार में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउन्डेशन, गायत्री सेवा संस्थान और शिव शिक्षा समिति टोंक तत्वाधान में आयोजित की गई.
कार्यशाला में बाल अधिकारों और सरंक्षण को लेकर विशेष चर्चा की गई. कार्यशाला में अतिरिक्त कार्यवाहक जिला कलेक्टर नवनीत कुमार ने बच्चों की सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की.
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प्रशासन, आमजन और बच्चों के बीच में सीधा संवाद हो, इस मुद्दें पर भी अपनी बात रखी. कार्यशाला में आए बालिकाओं ने अपनी सुरक्षा और सेनेट्री पेड जैसे मुद्दें बताए. वहीं कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के प्रदेश प्रभारी ने कहा कि राजस्थान में 10 जिलों का चयन अभियान के तहत किया गया है, जिसके तहत टोंक में इस कार्यशाला का आयोजन किया गया ताकि बच्चे अपनी पीड़ा सुना सके.
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टोंक में मानव तस्करी यूनिट की ओर से बाल तस्करी और बाल अपराधों पर कार्रवाई ऊंट के मुंह मे जीरे के समान ही हो पाती है. ऐसे में सही अर्थों में इस पर अंकुश के लिए सिस्टम में बदलाव की जरूरत है और कार्यशालाओं से कही आगे जाकर शोषण करने वाले लोगो पर कार्रवाई करने जरूरत महसूस होती है तभी जाकर ऐसी कार्यशालाओं की सार्थकता होगी.