टोंक. जिले में बनास नदी पर बने बीसलपुर बांध के गेट आज सुबह 7 बजे खोल दिए गए. बांध के पूर्ण भराव क्षमता 315.5 आरएल मीटर पहुंच जाने के बाद ये निर्णय लिया गया. जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने विधिवत पूजा अर्चना के बाद बीसलपुर परियोजना के अधिकारियों के साथ बटन दबाकर गेट खोले ,इससे पहले बांध के डाउन स्ट्रीम में सायरन बजाकर लोगो को सचेत करने के साथ ही प्रशासन और पुलिस ने बनास जाने वाले रास्तों पर बेरिकेडिंग कर दी थी. वर्तमान में बांध के दो गेट खोलकर पानी की निकासी की जा रही है. बांध के इतिहास में ये छठा मौका था जब बीसलपुर बांध से गेट खोलकर पानी की निकासी की गई. बांध बन जाने के बाद 2004 में पहली बार और 2019 में पांचवीं बार बांध के गेट खोले गए थे.
बांध के गेट खोलने को लेकर टोंक के जिला कलेक्टर ने निर्देश जारी कर दिए थे. निर्देशों के अनुसार शुक्रवार सुबह बीसलपुर बांध से जुड़े अधिकारी गेट खोलने के लिए मौके पर पहुंचे. बनास के डाउन स्ट्रीम में आने वाले गांवों के लोगों के लिए दो घंटे तक सायरन बजाकर अलर्ट किया गया. जिससे बहाव क्षेत्र के आस-पास कोई व्यक्ति हो, तो वह सुरक्षित स्थान की ओर चला जाए. इन सबके बाद सुबह बांध के दो गेट खोलकर पानी की निकासी की गई.
बीसलपुर बांध का जलस्तर 315.50 पहुंचने के बाद आज छठी बार गेट खोले गए. इसके पहले बांध के गेट साल 2004,2006,2014,2016 और 2019 में खोले जा चुके हैं. अब तक पांच बार बांध में पूरी क्षमता का पानी भरे जाने के बाद गेट खोल कर जल निकासी की गई है. शुक्रवार को छठी बार ऐसा हुआ. इस समय बांध में करीब 38.708 TMC पानी संग्रहित है.
पहली बार हुआ स्काडा का प्रयोग: बीसलपुर बांध के गेट ओपन करने के लिए पहली बार स्काडा सिस्टम का प्रयोग किया गया है. स्काडा यानी सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्यूजिशन सिस्टम इंस्टॉल सिस्टम. इसके जरिए मानसून में बांध में नदियों से पानी की आवक से लेकर सभी गेट खोलने तक सब कुछ कंप्यूटर से हुआ है. बीसलपुर बांध स्काडा सिस्टम से लैस होने वाला राज्य का पहला बांध है. बांध में नदियों से कितना पानी आ रहा है और गेटों से कितना पानी निकल चुका है, इसकी पल-पल की फोटो और मात्रा कंप्यूटर में दर्ज होती रही है. बांध की स्थिति को देखने के लिए नियंत्रण कक्ष में 80 इंच का एलईडी टीवी भी लगाई गई है.
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बुधवार सुबह 8 बजे बांध का गेज 314.81 आर एल मीटर दर्ज किया गया था. वहीं शाम 4 बजे तक 315.09 आरएल मीटर दर्ज किया गया है, जिसमें 35.822 टीएमसी का जलभराव हो गया. वहीं रात 10 बजे तक बांध का गेज 315.22 आर एल मीटर हो गया था, जिसमें 36.736 टी एम सी पानी का भराव हो गया था. गुरुवार सुबह 8 बजे 315.35 आरएल मीटर पर पहुंच गया, जिसमें 37.649 टीएमसी का जलभराव था.
किसानों को लाभ: राज्य के बड़े बांधों में शुमार बीसलपुर बांध में पूर्ण भराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर तक पहुंच जाने से 38.708 TMC पानी आ चुका है. पानी की आवक जारी है अब बांध से जयपुर, अजमेर व टोंक जिले की करीब 90 लाख की आबादी को पानी दिया जा सकता है. इसके साथ ही बांध से टोंक जिले के किसानों को सिंचाई का पानी मिलना भी अब संभव हो सकेगा. हालांकि बांध से सिंचाई का पानी दिए जाने का अंतिम निर्णय राज्य सरकार लेगी लेकिन बांध से पानी दिए जाने के गणित के हिसाब से इस बार रबी की फसल की सिंचाई के लिए बांध से पानी मिल सकेगा.
पानी खर्च करने का गणित!: जिले में 2019 के बाद सिंचाई के लिए बीसलपुर बांध का गेज कम होने के कारण पानी नहीं दिया गया है लेकिन इस बार बांध में 100 प्रतिशत पानी की आवक हो चुकी है. त्रिवेणी का गेज इसी प्रकार चलता रहा तो उम्मीद है कि आने वाले कई दिनों तक बांध से पानी की निकासी करनी पड़ सकती है. उल्लेखनीय है कि बीसलपुर बांध में 16.2 टीएमसी पानी पेयजल के लिए आरक्षित है, 8 टीएमसी पानी सिंचाई के लिए एवं 8.15 टीएमसी पानी वाष्पीकरण और अन्य खर्च के लिए मानते हुए सिंचाई के पानी के लिए निर्णय किया जाता है. यानी की बांध में 24.17 टीएमसी के बाद दो-तीन टीएमसी पानी अधिक आने के बाद सिंचाई के लिए पानी दिए जाने का सोचा जाता है.
इस बार बांध में अब तक करीब 38.708 टीएमसी पानी की आवक हो चुकी है. बांध की कुल भराव क्षमता 38. 708 टीएमसी है तथा गेज 315.50 आरएल मीटर है. जिले में बांध की दाईं और बाईं मुख्य नहर से 81 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि की सिंचाई होती है. बीसलपुर बांध के कैचमेंट एरिया में अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तोड़, राजसमंद, उदयपुर, प्रतापगढ, टोंक जिला शामिल है. जहां अच्छी बारिश होने पर बांध में पानी की आवक अच्छी होती है.