श्रीगंगानगर. पंचायती धर्मशाला से सटे नवयुवक सार्वजनिक पुस्तकालय परिसर में हुए अवैध निर्माण का जिम्मेवार आयुक्त को बताते हुए सभापति ने उन्हें स्वायत शासन विभाग से बर्खास्त करने की मांग की है. अवैध निर्माण को लेकर नगर परिषद में शिकायत भी हुई मगर कार्रवाई के नाम पर आज तक कुछ नहीं हुआ. सरकार की ओर से दान की गई इस भूमि पर सालों पहले ज्ञानार्जन के उद्देश्य से जन सहयोग से स्थापित नवयुवक सार्वजनिक पुस्तकालय परिसर में चल रहा,यह निर्माण कार्य पूर्ण रूप से अवैध है. यहां वाचनालय होल को सटर लगाकर दुकानों में रूपांतरित किया गया है, जो पूरी तरह व्यवसायिक है.
पुस्तकालय संचालक मंडल की ओर से इस निर्माण कार्य को लेकर न तो नक्शा स्वीकृती प्राप्त की गई है और ना ही भू-रूपांतरण करवाया गया है. अवैध निर्माण के संबंध में मिली शिकायत के बाद भी नगर परिषद ने अवैध निर्माण रुकवाने में रुचि नहीं ली. नगर परिषद सभापति अजय चांडक ने आयुक्त से जवाब भी मांगा, मगर फिर भी अवैध निर्माण पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. सभापति ने पाबंद करते हुए अवैध निर्माण और अतिक्रमण के लिए संबंधित विभाग के प्रभारी अधिकारी को जिम्मेवार ठहराया है. उधर अवैध निर्माण की शिकायत के बाद आयुक्त मिल्ख राज के नेतृत्व में परिषद की टीम मौके पर जाकर निर्माण कार्य रुकवाने के साथ ही नोटिस चस्पा किया है.
मगर अवैध निर्माण को सीज अभी तक नहीं किया. श्रीगंगानगर नगर परिषद से जुड़ा अवैध निर्माण का यह मामला कोई नया नहीं है इससे पहले भी नगर परिषद के कारिंदों ने शहर में काफी जगहों पर मिलीभगत से इस प्रकार के अवैध निर्माण करवाए हैं. ऐसे में सवाल यह है कि जब जिम्मेवारी परिषद ही ऐसे कार्य करवाएगी तो शहर में अतिक्रमण रोकेगा कौन? सवाल बड़ा है मगर जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है.