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नगर परिषद की लापरवाही से जारी है अवैध निर्माण का कार्य

आचार संहिता के दौरान श्रीगंगानगर शहर में सार्वजनिक पुस्तकालय परिसर में हुए अवैध निर्माण को रोकने की बात तो कई बार कही गई है. लेकिन इस दिशा में अभी तक नगर परिषद के जिम्मेवार अधिकारियों ने कोई कदम नहीं उठाया है. हालांकी नगर परिषद सभापति अजय चांडक इस अवैध निर्माण को रोकने के साथ-साथ भवन को सीज करने की बात कह रहे है.

सार्वजनिक पुस्तकाल्य में किया अवैध निर्माण
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Published : Jun 5, 2019, 11:30 PM IST

श्रीगंगानगर. पंचायती धर्मशाला से सटे नवयुवक सार्वजनिक पुस्तकालय परिसर में हुए अवैध निर्माण का जिम्मेवार आयुक्त को बताते हुए सभापति ने उन्हें स्वायत शासन विभाग से बर्खास्त करने की मांग की है. अवैध निर्माण को लेकर नगर परिषद में शिकायत भी हुई मगर कार्रवाई के नाम पर आज तक कुछ नहीं हुआ. सरकार की ओर से दान की गई इस भूमि पर सालों पहले ज्ञानार्जन के उद्देश्य से जन सहयोग से स्थापित नवयुवक सार्वजनिक पुस्तकालय परिसर में चल रहा,यह निर्माण कार्य पूर्ण रूप से अवैध है. यहां वाचनालय होल को सटर लगाकर दुकानों में रूपांतरित किया गया है, जो पूरी तरह व्यवसायिक है.

नगर परिषद की लापरवाही से जारी है अवैध निर्माण का कार्य

पुस्तकालय संचालक मंडल की ओर से इस निर्माण कार्य को लेकर न तो नक्शा स्वीकृती प्राप्त की गई है और ना ही भू-रूपांतरण करवाया गया है. अवैध निर्माण के संबंध में मिली शिकायत के बाद भी नगर परिषद ने अवैध निर्माण रुकवाने में रुचि नहीं ली. नगर परिषद सभापति अजय चांडक ने आयुक्त से जवाब भी मांगा, मगर फिर भी अवैध निर्माण पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. सभापति ने पाबंद करते हुए अवैध निर्माण और अतिक्रमण के लिए संबंधित विभाग के प्रभारी अधिकारी को जिम्मेवार ठहराया है. उधर अवैध निर्माण की शिकायत के बाद आयुक्त मिल्ख राज के नेतृत्व में परिषद की टीम मौके पर जाकर निर्माण कार्य रुकवाने के साथ ही नोटिस चस्पा किया है.

मगर अवैध निर्माण को सीज अभी तक नहीं किया. श्रीगंगानगर नगर परिषद से जुड़ा अवैध निर्माण का यह मामला कोई नया नहीं है इससे पहले भी नगर परिषद के कारिंदों ने शहर में काफी जगहों पर मिलीभगत से इस प्रकार के अवैध निर्माण करवाए हैं. ऐसे में सवाल यह है कि जब जिम्मेवारी परिषद ही ऐसे कार्य करवाएगी तो शहर में अतिक्रमण रोकेगा कौन? सवाल बड़ा है मगर जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है.

श्रीगंगानगर. पंचायती धर्मशाला से सटे नवयुवक सार्वजनिक पुस्तकालय परिसर में हुए अवैध निर्माण का जिम्मेवार आयुक्त को बताते हुए सभापति ने उन्हें स्वायत शासन विभाग से बर्खास्त करने की मांग की है. अवैध निर्माण को लेकर नगर परिषद में शिकायत भी हुई मगर कार्रवाई के नाम पर आज तक कुछ नहीं हुआ. सरकार की ओर से दान की गई इस भूमि पर सालों पहले ज्ञानार्जन के उद्देश्य से जन सहयोग से स्थापित नवयुवक सार्वजनिक पुस्तकालय परिसर में चल रहा,यह निर्माण कार्य पूर्ण रूप से अवैध है. यहां वाचनालय होल को सटर लगाकर दुकानों में रूपांतरित किया गया है, जो पूरी तरह व्यवसायिक है.

नगर परिषद की लापरवाही से जारी है अवैध निर्माण का कार्य

पुस्तकालय संचालक मंडल की ओर से इस निर्माण कार्य को लेकर न तो नक्शा स्वीकृती प्राप्त की गई है और ना ही भू-रूपांतरण करवाया गया है. अवैध निर्माण के संबंध में मिली शिकायत के बाद भी नगर परिषद ने अवैध निर्माण रुकवाने में रुचि नहीं ली. नगर परिषद सभापति अजय चांडक ने आयुक्त से जवाब भी मांगा, मगर फिर भी अवैध निर्माण पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. सभापति ने पाबंद करते हुए अवैध निर्माण और अतिक्रमण के लिए संबंधित विभाग के प्रभारी अधिकारी को जिम्मेवार ठहराया है. उधर अवैध निर्माण की शिकायत के बाद आयुक्त मिल्ख राज के नेतृत्व में परिषद की टीम मौके पर जाकर निर्माण कार्य रुकवाने के साथ ही नोटिस चस्पा किया है.

मगर अवैध निर्माण को सीज अभी तक नहीं किया. श्रीगंगानगर नगर परिषद से जुड़ा अवैध निर्माण का यह मामला कोई नया नहीं है इससे पहले भी नगर परिषद के कारिंदों ने शहर में काफी जगहों पर मिलीभगत से इस प्रकार के अवैध निर्माण करवाए हैं. ऐसे में सवाल यह है कि जब जिम्मेवारी परिषद ही ऐसे कार्य करवाएगी तो शहर में अतिक्रमण रोकेगा कौन? सवाल बड़ा है मगर जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है.

Intro:आचार संहिता के दौरान श्रीगंगानगर शहर में सार्वजनिक पुस्तकालय परिसर में हुए अवैध निर्माण को रोकने की बात तो कई बार कही गई है। लेकिन इस दिशा में अभी तक नगर परिषद के जिम्मेवार अधिकारियों ने कोई कदम नहीं उठाया है।हालांकी नगर परिषद सभापति अजय चांडक इस अवेध निर्माण को रोकने के साथ-साथ भवन को सीज करने की बात कह रहे है।


Body: श्रीगंगानगर के पंचायती धर्मशाला से सटे नवयुवक सार्वजनिक पुस्तकालय परिसर में हुए अवैध निर्माण का जिम्मेवार आयुक्त को बताते हुए सभापति ने उन्हें उन्हें स्वायत शासन विभाग से बर्खास्त करने की मांग की है। अवैध निर्माण को लेकर नगर परिषद में शिकायत भी हुई मगर कार्रवाई के नाम पर आज तक कुछ नहीं हुआ। सरकार द्वारा दान की गई इस भूमि पर वर्षों पूर्व ज्ञानार्जन के उद्देश्य से जन सहयोग से स्थापित नवयुवक सार्वजनिक पुस्तकालय परिसर में चल रहा,यह निर्माण कार्य पूर्ण रूप से अवैध है। यहां वाचनालय होल को सटर लगाकर दुकानों में रूपांतरित किया गया है,जो पूरी तरह व्यवसायिक है। पुस्तकालय संचालक मंडल की ओर से इस निर्माण कार्य को लेकर न तो नक्शा स्वीकृती प्राप्त की गई है और ना ही भू-रूपांतरण करवाया गया है। अवैध निर्माण के संबंध में मिली शिकायत के बाद भी नगर परिषद ने अवैध निर्माण रुकवाने में रुचि नहीं ली। नगर परिषद सभापति अजय चांडक ने आयुक्त से जवाब भी मांगा, मगर फिर भी अवैध निर्माण पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। सभापति ने पाबंद करते हुए अवैध निर्माण व अतिक्रमण के लिए संबंधित विभाग के प्रभारी अधिकारी को जिम्मेवार ठहराया है। उधर अवैध निर्माण की शिकायत के बाद आयुक्त मिल्ख राज के नेतृत्व में परिषद की टीम मौके पर जाकर निर्माण कार्य रुकवाने के साथ ही नोटिस चस्पा किया है मगर अवैध निर्माण को सीज अभी तक नहीं किया। श्रीगंगानगर नगर परिषद से जुड़ा अवेध निर्माण का यह मामला कोई नया नहीं है इससे पहले भी नगर परिषद के कारिंदो ने शहर में काफी जगहों पर मिलीभगत से इस प्रकार के अवेध निर्माण करवाए हैं। ऐसे सवाल यह है कि जब जिम्मेवारी परिषद ही ऐसे कार्य करवाएगी तो शहर में अतिक्रमण रोकेगा कौन? सवाल बड़ा है मगर जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है।

बाइट : अजय चांड़क,सभापति,नगर परिषद


Conclusion:अवेध निर्माण नहीं हुआ सीज।
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