भीलवाड़ा: शहर के प्रतापनगर थाना क्षेत्र में रविवार को एक महिला ने आत्महत्या कर ली. परिजनों का आरोप है कि महिला को अस्पताल ले जाने के दौरान 108 एंबुलेंस में ना तो ऑक्सीजन थी और अस्पताल पहुंचने पर उसका गेट भी नहीं खुला. महिला की मौत इसके चलते हुई है. परिजनों ने इस मामले में कारवाई की मांग की है. प्रतापनगर थाना प्रभारी सुरजित ने कहा कि जवाहर नगर में एक महिला ने आत्महत्या कर ली. परिजन उनको एंबुलेंस से अस्पताल लेकर आए. उन्होंने एंबुलेंस में ऑक्सीजन की कमी व एंबुलेंस का गेट नहीं खुलने का आरोप लगाया है. इस मामले में परिजनों की रिपोर्ट दी है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
पुलिस के अनुसार, प्रताप नगर थाना क्षेत्र की जवाहरनगर कॉलोनी में रविवार सुबह एक महिला ने आत्महत्या कर ली. महिला को 108 एंबुलेंस से एमजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया. महिला के बेटे ने आरोप लगाते हुए कहा एंबुलेंस में ऑक्सीजन तक नहीं थी. अस्पताल पहुंचने के बाद भी एंबुलेंस का गेट नहीं खुला. इसकी वजह से उसकी मां की मौत हो गई. एंबुलेंस पायलेट ने इन आरोपों को नकारते हुए महिला के साथ एंबुलेंस से आये लड़कों पर मारपीट व तोड़फोड़ के आरोप लगाए हैं.
पढ़ें: जोधपुर में मायके जाने की बात को लेकर विवाहिता ने की आत्महत्या - MARRIED WOMAN ENDS LIFE
बिहार के पटना जिले के निवासी गौरव पुत्र प्रशांत कुमार ने बताया कि रविवार को अवकाश के चलते वह सो रहा था. उसकी मां सुलेखा (49) ने उसके पिता प्रशांत के लिए खाना बनाया और उसके बाद पिता फैक्ट्री चले गए. इसके बाद उसके फ्रेंड का कॉल आया, जिससे उसकी आंख खुली और उसने देखा तो उसकी मां ने आत्महत्या कर ली थी. गौरव का दावा है कि उसकी मां की सांसें चल रही थी. जब 108 एंबुलेंस पहुंची, तो एंबुलेंस में ऑक्सीजन तक नहीं थी. एमजी अस्पताल पहुंचे, तो एंबुलेंस का 15 मिनिट तक गेट नहीं खुला.
गौरव का दावा है कि उसने पायलेट के कहने पर एंबुलेंस के गेट का शीशा तोड़ा और इसी रास्ते से मां को जैसे-तैसे बाहर निकाला और डॉक्टर्स के पास ले गए. डॉक्टर्स ने उसकी मां को मृत घोषित कर दिया. डॉक्टर्स ने यह भी कहा कि 10-15 मिनिट पहले सुलेखा को ले आते, तो उसे बचा लिया जाता. गौरव का आरोप है कि एंबुलेंस स्टॉफ की लापरवाही से उसकी मां की मौत हुई है. गौरव ने एंबुलेंस स्टॉफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
पढ़ें: उदयपुर में प्रोफेसर ने की आत्महत्या, पुलिस को मिला सुसाइड नोट - PROFESSOR KILLS HIMSELF IN UDAIPUR
वहीं प्रताप नगर थाना क्षेत्र के 108 एंबुलेंस के पायलेट लवेश मीणा ने महिला के साथ चार-पांच लड़के भी एंबुलेंस में सवार हो गए. मीणा ने आरोप लगाया कि ये लड़के पायलेट पर एंबुलेंस को तेज चलाने का दबाव बनाने लगे. इसके बाद इन्होंने ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं होने का आरोप लगाया, जबकि एंबुलेंस में ऑक्सीजन थी और महिला को ऑक्सीजन दी जा रही थी. इसके बावजूद युवक धमकी देने लगे. एमजी अस्पताल पहुंचने पर इन लड़कों ने एंबुलेंस के शीशे, इक्यूपमेंट आदि तोड़ दिये और पायलेट व एमटी के साथ मारपीट की. हालांकि चिकित्सा विभाग का तर्क है कि जिस एम्बुलेस में महिला को लाया गया, उसमें ऑक्सीजन और अन्य सुविधाएं पूर्ण हैं.