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पंजाब से आने वाले पानी पर क्यों चिंतित हुए मुख्यमंत्री गहलोत, यहां जानिये - अधीक्षण अभियंता का घेराव

हरिके बैराज से आईजीएनपी (IGNP Indira Gandhi Nahar Pariyojana) गंगनहर में छोड़े गए दूषित पानी (Polluted Water) को लेकर हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर जिलों के लोगों में रोष व्याप्त है. पंजाब से छोड़ा गया औद्योगिक अपशिष्ट और मलमूत्र युक्त गंदा पानी राजस्थान में प्रवेश करने के बाद हर कोई चिंतित है. इस स्थिति ने सीएम गहलोत (CM Ashok Gehlot) को भी चिंतित कर दिया है.

canals of rajasthan
दूषित पानी से बढ़ी लोगों की चिंता...
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Published : Jun 9, 2021, 5:27 PM IST

श्रीगंगानगर. दूषित पानी को रोकने की मांग को लेकर बुधवार को श्रीगंगानागर के लोगों ने जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता का घेराव किया. मुख्यमंत्री के नाम अधीक्षण अभियंता को दिए गए ज्ञापन में नागरिकों का कहना है कि नहरों में आए दूषित पानी के कारण बीमारियां फैलने का डर है.

इसलिए इस पानी की सप्लाई पर रोक लगाई जाए. राजस्थान की गंगनहर और आईजीएनपी में पंजाब से छोड़े गए जहरीले केमिकल युक्त पानी को रोका जाए, ताकि दूषित पानी पीकर बढ़ने वाली बीमारियों को रोका जा सके. लोगों के इसी आक्रोश व मामले की गम्भीरता को देखते हुए गहलोत सरकार गंभीर दिखाई देने लगी है. जिसके चलते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पंजाब सरकार को पत्र लिखा है.

दूषित पानी से बढ़ी लोगों की चिंता...

गहलोत के निर्देश पर मुख्य सचिव की ओर से लिखे गए पत्र में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT National Green Tribunal) के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए पंजाब के उच्च अधिकारियों को इस मामले में उचित कार्रवाई कर प्रदूषण रोकने के लिए प्रभावी निगरानी तंत्र विकसित करने का अनुरोध किया गया है.

पढ़ें : राजस्थान की नहरों में पंजाब से आ रहा प्रदूषित 'काला' पानी, CM गहलोत ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को लिखा पत्र

इंदिरा गांधी नहर, गंगनहर और भाखड़ा सिंचाई प्रणाली में पंजाब से आ रहे दूषित जल पर गहरी चिंता जाहिर की गई है. पंजाब के हरीके बैराज से छोड़े गए औद्योगिक अपशिष्ट व दूषित पानी राजस्थान में आने के बाद इसे जलदाय विभाग द्वारा लोगों को पीने के लिए सप्लाई किया जाएगा.

पढ़ें : Special : पंजाब से आए औद्योगिक अपशिष्ट और काले पानी को जलदाय विभाग ने बताया पीने योग्य

बुधवार को गंगनहर व आईजीएनपी (IGNP) में आए काले व पीले मलमूत्र युक्त पानी में बदबू आ रही है. उधर दूषित पानी आने से लोगों में भले ही आक्रोश है, लेकिन जलदाय विभाग इस पानी को पीने योग्य बता रहा है. लोगों का यही गुस्सा सीएम गहलोत को भी सोचने पर मजबूर कर रहा है.

श्रीगंगानगर. दूषित पानी को रोकने की मांग को लेकर बुधवार को श्रीगंगानागर के लोगों ने जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता का घेराव किया. मुख्यमंत्री के नाम अधीक्षण अभियंता को दिए गए ज्ञापन में नागरिकों का कहना है कि नहरों में आए दूषित पानी के कारण बीमारियां फैलने का डर है.

इसलिए इस पानी की सप्लाई पर रोक लगाई जाए. राजस्थान की गंगनहर और आईजीएनपी में पंजाब से छोड़े गए जहरीले केमिकल युक्त पानी को रोका जाए, ताकि दूषित पानी पीकर बढ़ने वाली बीमारियों को रोका जा सके. लोगों के इसी आक्रोश व मामले की गम्भीरता को देखते हुए गहलोत सरकार गंभीर दिखाई देने लगी है. जिसके चलते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पंजाब सरकार को पत्र लिखा है.

दूषित पानी से बढ़ी लोगों की चिंता...

गहलोत के निर्देश पर मुख्य सचिव की ओर से लिखे गए पत्र में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT National Green Tribunal) के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए पंजाब के उच्च अधिकारियों को इस मामले में उचित कार्रवाई कर प्रदूषण रोकने के लिए प्रभावी निगरानी तंत्र विकसित करने का अनुरोध किया गया है.

पढ़ें : राजस्थान की नहरों में पंजाब से आ रहा प्रदूषित 'काला' पानी, CM गहलोत ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को लिखा पत्र

इंदिरा गांधी नहर, गंगनहर और भाखड़ा सिंचाई प्रणाली में पंजाब से आ रहे दूषित जल पर गहरी चिंता जाहिर की गई है. पंजाब के हरीके बैराज से छोड़े गए औद्योगिक अपशिष्ट व दूषित पानी राजस्थान में आने के बाद इसे जलदाय विभाग द्वारा लोगों को पीने के लिए सप्लाई किया जाएगा.

पढ़ें : Special : पंजाब से आए औद्योगिक अपशिष्ट और काले पानी को जलदाय विभाग ने बताया पीने योग्य

बुधवार को गंगनहर व आईजीएनपी (IGNP) में आए काले व पीले मलमूत्र युक्त पानी में बदबू आ रही है. उधर दूषित पानी आने से लोगों में भले ही आक्रोश है, लेकिन जलदाय विभाग इस पानी को पीने योग्य बता रहा है. लोगों का यही गुस्सा सीएम गहलोत को भी सोचने पर मजबूर कर रहा है.

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