श्रीगंगानगर. जीवनदायिनी कहे जाने वाली श्रीगंगानगर की गंगनहर में आने वाला पानी इन दिनों किसी भयंकर बीमारियों से कम नहीं है. कहने को तो जल ही जीवन है, मगर यहीं जल जिम्मेवार लोगों की कारगुजारी के चलते जान के लिए खतरा बनता जा रहा है. गंगनहर में पंजाब से आ रहे मृत पशुओं की वजह से ना केवल पीने का पानी दूषित होता जा रहा है बल्कि यह पानी भयंकर बीमारियों को भी न्योता दे रहा है. लेकिन सिंचाई विभाग व जलदाय विभाग के अधिकारी इस पर गंभीर नजर नहीं आ रहे है. अभी तक मृत पशुओं का आना लगातर जारी है.
श्रीगंगानगर: जीवनदायिनी गंगनहर दे रही बीमारियों को न्योता...मृत पशुओं से दूषित हो रहा पानी - राजस्थान
गंगनहर में पंजाब से आ रहे मृत पशुओं की वजह से ना केवल पीने का पानी दूषित होता जा रहा है बल्कि यह पानी भयंकर बीमारियों को भी न्योता दे रहा है.
श्रीगंगानगर. जीवनदायिनी कहे जाने वाली श्रीगंगानगर की गंगनहर में आने वाला पानी इन दिनों किसी भयंकर बीमारियों से कम नहीं है. कहने को तो जल ही जीवन है, मगर यहीं जल जिम्मेवार लोगों की कारगुजारी के चलते जान के लिए खतरा बनता जा रहा है. गंगनहर में पंजाब से आ रहे मृत पशुओं की वजह से ना केवल पीने का पानी दूषित होता जा रहा है बल्कि यह पानी भयंकर बीमारियों को भी न्योता दे रहा है. लेकिन सिंचाई विभाग व जलदाय विभाग के अधिकारी इस पर गंभीर नजर नहीं आ रहे है. अभी तक मृत पशुओं का आना लगातर जारी है.
श्रीगंगानगर. जीवनदायिनी कहे जाने वाली श्रीगंगानगर की गंगनहर में आने वाला पानी इन दिनों किसी भयंकर बीमारियों से कम नहीं है. कहने को तो जल ही जीवन है, मगर यहीं जल जिम्मेवार लोगों की कारगुजारी के चलते जान के लिए खतरा बनता जा रहा है. गंगनहर में पंजाब से आ रहे मृत पशुओं की वजह से ना केवल पीने का पानी दूषित होता जा रहा है बल्कि यह पानी भयंकर बीमारियों को भी न्योता दे रहा है. लेकिन सिंचाई विभाग व जलदाय विभाग के अधिकारी इस पर गंभीर नजर नहीं आ रहे है. अभी तक मृत पशुओं का आना लगातर जारी है.
वैसे तो पंजाब से राजस्थान में आने वाली नहरों का जल अधिकतर किसी न किसी प्रकार से दूषित होकर आना आम बात हो गई हैं. नहरों में शुद्ध जल की मांगी के लिए धरने पर्दशन अक्सर होते रहते है. लेकिन सिंचाई व जलदाय विभाग इसके प्रति ज्यादा गंभीर नजर नहीं आ रहा है. तभी नहर में आने वाले मृत पशु गंगनहर में लम्बे समय तक पड़े रहने से सड़कर गल जाते है और फिर पानी में समाहित होने से पानी दूषित हो जाता है.
गर्मी के बढ़ने से नहरों में आने वाले मृत पशुओं की तादाद और ज्यादा बढ़ गयी है. श्रीगंगानगर के साधुवाली हेड के पास देखने पर पता चलता है की लोगों के लिए जीवनदायिनी कहे जाने वाली गंगनहर का अमृत जैसा पानी कितना दूषित होता जा रहा है, मगर हमारे जिम्मेवार अधिकारियो को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. तभी वे मृत पशुओं को नहर से नहीं निकलवाते है.
साधुवाली में गंगनहर पर बने पुल के पास लगभग एक दर्जन पशु मरे हुए पानी मे तैर रहे है. यहीं पानी आम लोगों को सप्लाई किया जाता हैं. जिससे क्षेत्र में बीमारी फैलने की आशंका बन गई है. पिछले कई दिनों से मृत पशु नहर में सड़ गली अवस्था में पड़े हैं. स्थानीय लोगों ने विभागीय अधिकारियों को निकालने के लिए कई बार सूचना दी. लेकिन, विभाग के कानों में जू तक नहीं रेंग रही है.
Conclusion: