श्रीगंगानगर. जिला अस्पताल का राज्य भर में तीसरे स्थान पर रहना यहां के कर्मिकों की माकूल व्यवस्था नजर आती है. अस्पताल में आने वाले रोगियों के लिए कर्मिक हरसंभव बेहतर तरीके से सुविधाएं देने में जुटे हैं. हर ब्लॉक में सफाई ऐसी कि मानो मरीज यहां आकर दवाई से ज्यादा यहां की व्यवस्थाओं को देखकर ठीक हो जाता है.
जिले के इसी अस्पताल में एक समय ऐसा हाल था, जब यहां पसरी गंदगी से मरीज ज्यादा बीमार पड़ जाते थे. वहीं, अब अस्पताल में होने वाली बेहतर सफाई व्यवस्था, बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था से अस्पताल में रोगी और उनके परिजन खुश नजर आ रहे हैं. जिला अस्पताल में बेहतर व्यवस्थाओं के करवाए गए निरीक्षण में जिला अस्पताल का पूरे प्रदेश में तीसरा स्थान है.
विभाग की तरफ से जिला अस्पताल के पीएमओ और टीम को रैंकिंग में ग्रेडिंग के तहत साल 2018-19 में जिला चिकित्सालय श्रीगंगानगर द्वारा राज्य में तीसरा स्थान प्राप्त करने पर बधाई देकर यह सम्मान दिया गया है. रैंकिंग देने से पहले ही विभाग के डायरेक्टर समित शर्मा ने समस्त स्टाफ द्वारा सहयोगात्मक जनसेवा की भावना से कार्य करने, संस्थान पर रोगियों को आउटडोर प्रस्ताव और चिकित्सा सेवा एवं शिशु स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवाएं उपलब्ध कराने, अधिकांश रोगियों को नि:शुल्क जांच सेवा समय पर उपलब्ध करवाने की जांच करवाई गई.
इसमें जिला अस्पताल को 60 फीसदी अंक देकर राज्य में तीसरे स्थान पर रखा गया है. अस्पताल की टीम अच्छा प्रदर्शन करने हेतु समर्पित भाव से कार्य करने के लिए प्रशंसा के पात्र हैं. जिला अस्पताल के पीएमओ जेएस कामरा ने बताया कि अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम था. यहां सफाई व्यवस्था और दूसरी खामियों को लेकर अस्पताल में रोजाना शिकायतें मिलती रहती थीं. लेकिन उन्होंने कार्यभार ग्रहण करने के बाद इन बिंदुओं पर गहनता से काम करना शुरू किया. पीएमओ ने कहा कि कार्यभार ग्रहण करने के बाद जिला अस्पताल में सबसे पहले सफाई व्यवस्था पर ध्यान दिए, जिसमें अस्पताल के स्टॉफ और डॉक्टर्स ने बहुत सहयोग किया. सरकार की विभिन्न योजनाएं चल रही हैं. इस पर ध्यान दिया. मरीज की संतुष्टि के लिए हर संभव प्रयास किया की यहां आने वाले मरीजों को बेहतर तरीके से इलाज मुहैया करवाया जाए.
जिला अस्पताल के पीएमओ कामरा ने कहा कि आगे भी प्रयास निरंतर जारी रहेंगे. अगली बार जिला अस्पताल को राज्य में प्रथम स्थान दिलाया जाएगा. वहीं उन्होंने कहा कि नवजात बच्चों की मौत को रोकने के लिए और उनमें कमी लाने के लिए बेहतर तरीके से कार्य करके मृत्यु दर में रोक लगाई जाएगी. जिला चिकित्सालय जिले का सबसे बड़ा अस्पताल है. इसमें हर रोज ढाई हजार मरीज अपना इलाज करवाने के लिए आते हैं. राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित करने के लिए जिला अस्पताल में मरीजों को तमाम प्रकार की सुविधाएं अब दी जा रही हैं.