सूरतगढ़( श्रीगंगानगर). शहर में अधूरे सीवरेज कार्य और पेयजल समस्या को लेकर मंगलवार को एडीएम अशोक कुमार मीणा की अध्यक्षता में बैठक हुई. एडीएम ने बैठक में नाराजगी जताते हुए कहा कि सीवरेज कंपनी के घटिया कार्य से लोगों को परेशानी हो रही हैं. कंपनी ने आमजन का पैसे बर्बाद किया है उसे ब्लैकलिस्ट किया जाएगा.
नगरपालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा ने कहा कि कंपनी 5 साल से शहर में सीवरेज का कार्य कर रही हैं. जहां चैंबर डाले गए है वो या तो सड़क से ऊपर हैं या टूटे हुए हैं. ऐसे में शहर के लोग सीवरेज का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. कई वार्डों में तो सीवरेज चैंबर ओवरफ्लो हो गए हैं. कंपनी के अधिकारियों को पूर्व में अवगत करवाया था, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ. पीएचईडी एईएन अशोक कुमार जोधा ने कहा कि सीवरेज कंपनी की तरफ से डाले गए चैंबर पीने की पाइप लाइन के ऊपर डाल दिए. इससे छोटी पाइप लाइन टूट जाने से सीवरेज का पानी बड़ी पाइप लाइनों में भी प्रवाहित हो गया.
पढ़ेंः प्रयोगशाला सहायकों की नियुक्ति की मांग को लेकर राठौड़ ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र...
एडीएम ने मॉटीकार्लो के अधीनस्थ दूसरी कंपनी को सीवरेज चैंबर सही करने, सड़क सही करने और सड़क से ऊपर उठे चैंबरों का लेवल जल्द सही करने के निर्देश दिए. पालिका एक्सईएन कर्मचंद अरोड़ा, जेईएन सुशील सिहाग, कंपनी प्रोजेक्ट मैनेजर कल्पेश पटेल और पालिका के कार्यवाहक ईओ कालूराम सैन मौजूद थे. एडीएम मीणा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सीवरेज कंपनी ने 103 करोड़ की लागत से शहर में सीवरेज लाइन का कार्य किया. लेकिन इतनी राशि होने के बावजूद शहर में इतना घटिया कार्य किया गया. एडीएम ने कहा कि कंपनी ने लीपापोती कर आमजन और सरकार के राशि को बर्बाद कर दिया. पालिका अध्यक्ष कालवा ने कहा कि कंपनी को अब सीवरेज की राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा. एडीएम ने पालिका प्रशासन से कंपनी को 15 दिन का नोटिस जारी कर उसे ब्लैकलिस्ट करने का आदेश दिया.
पढ़ेंः मॉडिफाइड लॉकडाउन का पहला दिन, सड़कों पर जबरदस्त आवाजाही शुरू
पालिका अध्यक्ष ने बताया कि कच्ची बस्तियों में लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा हैं. जिससे गर्मी में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिसपर एक्सईएन जोधा ने कहा कि 1 साल में नया वाटरवर्क्स शुरू हो जाएगा तो पानी की समस्या से निजात मिलेगी. एडीएम ने कहा कि तो लोग एक साल तक पानी के लिए परेशान होते रहेंगे. पीएचईडी वार्डों का सर्वे करें कि किस वार्ड में पानी की ज्यादा समस्या है. विभाग सर्वे करवाने के बाद रिपोर्ट एडीएम कार्यालय में सौंपे ताकि गर्मी में लोगों को पेयजल समस्या का सामना न करना पड़े.